राकेश वर्मा, बेरमो : 70 के दशक में बेरमो कोयला क्षेत्र के जुझारू नेताओं में स्व लालचंद महतो भी शामिल थे. कॉलेज की पढ़ाई के दौरान मात्र 25 साल की उम्र में डुमरी से विधायक बन गये थे. केबी कॉलेज बेरमो में इंटर की पढ़ाई के दौरान इनका संपर्क भाजपा व आरएसएस के सक्रिय नेता व कोडरमा के पूर्व सांसद स्व रितलाल प्रसाद वर्मा, शत्रुघ्न वर्णवाल, स्व गुणेश्वर प्रसाद वर्णवाल, मुक्तिनाथ तिवारी से हुआ. बाद में वह जनसंघ में सक्रिय हो गये. खानगी मालिकों व ठेकेदारों द्वारा किये जा रहे मजदूरों के शोषण के खिलाफ संघर्ष का शंखनाद किया. बाद में बीएमएस से संबद्ध कोलियरी कर्मचारी संघ का गठन किया. साथ ही विस्थापित आंदोलन का नेतृत्व किया. वर्ष 1974 के इमरजेंसी के दौरान स्व महतो 17 माह तक हजारीबाग जेल में रहे. उन्होंने 1977 के लोस चुनाव में गिरिडीह सीट से जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे बेरमो के मजदूर नेता स्व रामदास सिंह को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभायी थी. इसके बाद 1977 के विस चुनाव में डुमरी सीट से स्व महतो जनता पार्टी के प्रत्याशी बनाये गये तथा मात्र 26 साल की उम्र में विधायक बन कर बिहार विधानसभा पहुंचे. इस चुनाव में कार्यकर्ताओं ने चंदा कर उन्हें चुनाव लड़ने के लिए राशि दी थी. इसमें से सात हजार रुपये इनके पास बच गये थे.
अलग राज्य के मुद्दे पर छोड़ा था बीएमडीसी चेयरमैन का पद
झारखंड अलग राज्य के मुद्दे पर 90 के दशक में स्व महतो ने बीएमडीसी अध्यक्ष पद को त्याग दिया था. उस वक्त अलग राज्य की मांग को लेकर झामुमो का एक प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री से मिलने दिल्ली जा रहा था. स्व महतो भी प्रतिनिधमंडल में शामिल हो गये. पटना व आरा जंक्शन में लालू यादव के निर्देश पर पुलिस ने श्री महतो को दिल्ली जाने से रोकने का प्रयास किया, लेकिन वे सफल नहीं हुए.
विधायक बनने के बाद कर्पूरी ठाकुर के संपर्क में आये
1977 में विधायक बनने के बाद स्व महतो पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर के संपर्क में आये. वे उस वक्त बिहार में मंडल कमीशन की रिपोर्ट के आधार पर पिछड़ों को आरक्षण दिलाने की लड़ाई लड़ रहे थे. स्व महतो कर्पूरी ठाकुर की विचारधारा से प्रभावित होकर जनसंघ से नाता तोड़ कर उनके साथ हो गये. स्व महतो बाद में स्व चौधरी चरण सिंह की अगुवाई में लोकदल व दमकिपा (दलित मजदूर किसान पार्टी) में शामिल हो गये. दमकिपा ही बाद में लोकदल बना था. इसके बाद जनता दल बना.
दो बार गिरिडीह लोकसभा सीट से लड़े चुनाव
लालचंद महतो ने दो बार गिरिडीह लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था. एक बाद लोकदल से तथा दूसरी बार झामुमो के टिकट पर. लालंचद महतो के बैदकारो स्थित आवास में कई बार कर्पूरी ठाकुर का आना हुआ. इसके अलावा समाजवादी नेता जार्ज फर्नांडीस तथा मगनी लाल मंडल भी इनके आवास आते थे.
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