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Bokaro News : कथारा एरिया को कोयला उत्पादन में ग्रोथ

Bokaro News : सीसीएल कथारा एरिया कोयला उत्पादन के मामले में गत वर्ष की तुलना में अभी तक 37 फीसदी की पॉजिटिव ग्रोथ पर है.

राकेश वर्मा, बेरमो, सीसीएल कथारा एरिया कोयला उत्पादन के मामले में गत वर्ष की तुलना में अभी तक 37 फीसदी की पॉजिटिव ग्रोथ पर है और पूरे सीसीएल में पहले स्थान पर चल रहा है. कथारा ओसी का ग्रोथ 129 फीसदी तथा जारंगडीह परियोजना का ग्रोथ 42 फीसदी है. स्वांग-गोविंदपुर परियोजना में पानी भर जाने के कारण 17 फीसदी का नेगेटिव ग्रोथ है. पूरे सीसीएल में कथारा के बाद दूसरे नंबर पर कुजू एरिया का ग्रोथ 26 फीसदी, तीसरे स्थान पर एनके एरिया का 15 फीसदी, चौथे स्थान पर बीएंडके एरिया का 11 फीसदी तथा पांचवें स्थान पर बरका-सयाल एरिया का ग्रोथ नौ फीसदी है.

चालू वित्तीय वर्ष के एक अप्रैल से नौ नवंबर तक कथारा एरिया ने 14 लाख 76 हजार 400 टन कोयला उत्पादन किया है. जबकि चालू वित्तीय वर्ष का लक्ष्य 44 लाख टन है. इस बार भारी वर्षा से एरिया का तीन-चार लाख टन कोयला उत्पादन प्रभावित हुआ है. गत वर्ष एरिया ने 28.15 लाख टन उत्पादन किया था. इस बार 40 लाख टन उत्पादन करने की योजना पर प्रबंधन काम कर रहा है. इसके बाद एरिया नो प्रोफिट, नो लॉस के कगार पर आ जायेगा. फिलहाल कथारा एरिया में दो आउटसोर्स कंपनियाों के विफल होने के बाद फिर से सीसीएल मुख्यालय से नया टेंडर कराया है. स्वांग-गोविंदपुर परियोजना में डेढ़ साल के लिए ओबी निस्तारण के टेंडर की टेक्निकल स्क्रूटनी चल रही है. कथारा कोलियरी के लिए कोयला व ओबी का टेंडर निकाला गया है. टेंडर ओपेन 13 नवंबर को होगा.

सालाना दो मिलियन टन का आयेगा स्वांग-पिपराडीह प्रोजेक्ट

कथारा एरिया में शीघ्र ही सालाना दो मिलियन टन का स्वांग-पिपराडीह प्रोजेक्ट भी आयेगा. इसे दो फेज में चालू किया जायेगा. पहले पेज में 21 मिलियन टन कोयला का उत्पादन और 77 लाख घन मीटर टन ओबी का निस्तारण होगा. दूसरे फेज में 15 मिलियन टन कोयला का उत्पादन और 46 लाख घन मीटर टन ओबी का निस्तारण होगा. इस कोलियरी में वाशरी ग्रेड 3.4.5 का कोयला है. इसे वाश कर कोकिंग कोल भी बनाया जायेगा और थर्मल व स्टील प्लांट में आपूर्ति की जायेगी.

दो नयी कोल वाशरी बनेंगी

ग्लोबल कोल माइंस नामक निजी कंपनी करीब 400 करोड़ रुपये की लागत से कथारा में पुरानी वाशरी के निकट नयी वाशरी का निर्माण करेगी. इसकी क्षमता सालाना तीन मिलियन टन होगी. कथारा एरिया की स्वांग वाशरी भी 50 साल पुरानी हो चुकी है. इसकी उत्पादन क्षमता .75 मिलियन टन थी, जिसे अब घटा कर .2 मिलियन टन कर दिया गया है. स्वांग में भी इस वाशरी के स्थान पर सालाना 1.5 मिलियन टन वॉश्ड कोल क्षमता की वाशरी बनेगी.

जारंगडीह माइंस का होगा विस्तार

जारंगडीह परियोजना के विस्तार को लेकर ढोरी माता तीर्थालय को 16 नंबर स्थित फुटबॉल ग्राउंड के बगल में शिफ्ट किया जाना है. नये तीर्थालय के निर्माण पर सीसीएल 26 करोड़ रुपया खर्च कर रही है तथा तेज गति से निर्माण कार्य चल रहा है. जीएम संजय कुमार ने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष में कथारा एरिया कोयला उत्पादन के मामले में रिकार्ड बनायेगा. शीघ्र ही स्वांग-पिपराडीह नया प्रोजेक्ट चालू होगा.

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