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झारखंड में 10,000 करोड़ निवेश करेगा पेट्रोलियम मंत्रालय, बोकारो बनेगा पूर्वोत्तर भारत का स्टील व पेट्रोलियम का केंद्र

बसंत मधुकर बोकारो : झारखंड में पेट्रोलियम मंत्रालय 10 हजार करोड़ रुपये का निवेश करेगा. इसके साथ ही बोकारो प्रदेश का ही नहीं, पूर्वोत्तर भारत के पेट्रोलियम एवं स्टील का केंद्र बनेगा. इसी कड़ी में बोकारो में भारत पेट्रोलियम ने लगभग 350 करोड़ के दो प्रोजेक्ट की शुरुआत की है. इन्हीं दो परियोजनाओं से आने […]

बसंत मधुकर

बोकारो : झारखंड में पेट्रोलियम मंत्रालय 10 हजार करोड़ रुपये का निवेश करेगा. इसके साथ ही बोकारो प्रदेश का ही नहीं, पूर्वोत्तर भारत के पेट्रोलियम एवं स्टील का केंद्र बनेगा. इसी कड़ी में बोकारो में भारत पेट्रोलियम ने लगभग 350 करोड़ के दो प्रोजेक्ट की शुरुआत की है. इन्हीं दो परियोजनाओं से आने वाले दिनों में पेट्रोलियम पदार्थ व रसोई गैस की आपूर्ति पूरे राज्य में और राज्य के बाहर भी की जायेगी.

ये बातें स्टील, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने रविवार को सेक्टर 5 स्थित पुस्तकालय मैदान में एलपीजी बॉटलिंग प्लांट व पीओएल (पेट्रोलियम, ऑयल एंड लुब्रीकेंट) के शिलान्यास कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहीं. उन्होंने कहा कि बोकारो में राज्य का सबसे आधुनिक व बड़ा डिपो बनेगा. अभी रेल वैगन से सप्लाई होगी, लेकिन बाद में असम के नुमालीगढ़ से पाइपलाइन के जरिये पेट्रोलियम मंगायी जायेगी. उन्होंने कहा कि झारखंड में पेट्रोलियम का 15 प्रतिशत का ग्रोथ है, जो देश में सबसे अधिक है.

10 मिलियन टन का होगा बोकारो इस्पात संयंत्र

केंद्रीय मंत्री श्री प्रधान ने कहा कि केंद्र सरकार का स्टील का उत्पादन बढ़ाने की योजना है. फिलहाल देश में स्टील उत्पादन की क्षमता 108.1 मिलियन टन है. वर्ष 2030 तक इसे 300 मिलियन टन करने का लक्ष्य है. स्टील मंत्रालय संभालने के बाद स्टील के उत्पादन व उसकी संभावनाओं की जानकारी लेने के लिए झारखंड के तीन दिवसीय दौरे पर आये हैं. उन्होंने कहा कि बोकारो स्टील प्लांट की क्षमता 10 मिलियन टन की जायेगी. झारखंड के दौरे के बाद विचार-विमर्श कर इसके लिए दिल्ली में योजना बनेगी. उसे धरातल पर उतारने का काम किया जायेगा.

स्थानीय उद्योगों को विकसित किया जायेगा

श्री प्रधान ने कहा कि बोकारो स्टील स्थानीय उद्योगों से सामान नहीं ले रही है. यहां स्टील से संबंधित स्थानीय उद्योगों को विकसित किया जायेगा. स्थानीय उद्योग से बीएसएल की दूरी कम होगी. बीएसएल को स्थानीय कंपनियों से माल खरीदना होगा. इससे रोजगार का सृजन होगा व क्षेत्र का हर स्तर पर विकास होगा. स्थानीय उद्योगों की भूमिका को बढ़ाया जायेगा. बोकारो को जमशेदपुर से अधिक बड़ा केंद्र बनाने का प्रयास होगा. उन्हें सस्ते रॉ मैटेरियल उपलब्ध कराये जायेंगे. हाल में ही एक टीम ने इस योजना के बारे में जानकारी लेने के लिए बोकारो का दौरा किया था.

रघुवर बोले : गरीबी रेखा से तेजी बाहर निकलने वाला झारखंड पहला राज्य

झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इस अवसर पर कहा कि संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के अनुसार, झारखंड गरीबी रेखा से तेजी बाहर निकलने वाला पहला राज्य है. राज्य में पेट्रोल की खपत ही राज्य के लोगों की क्रय शक्ति को बयां कर रहा है. पेट्रोलियम पदार्थ खासकर पेट्रोल की बिक्री में 15 प्रतिशत वृद्धि हुई है. इसका अर्थ है कि राज्य समृद्ध हो रहा है.

उन्होंने कहा कि झारखंड राज्य संसाधनों से भरपूर है. यहां अयस्क, कोयला सब कुछ है. केंद्र सरकार राज्य सरकार के साथ मिलकर बोकारो को स्टील हब बनायेगी. केंद्रीय इस्पात व पेट्रोलियम मंत्री इसी संभावनाओं को लेकर राज्य के दौरे पर हैं. सरकार का एक ही लक्ष्य है, विकास करना. मुख्यमंत्री ने कहा, ‘राज्य सरकार रक्षा बंधन के अवसर पर 47 लाख महिलाओं को तोहफा दे रही है. उनका रसोई गैस दोबारा रिफिल कराने का काम करेगी. राज्य के पांच प्रमंडल में यह काम जन्माष्टमी से शुरू होगा व 30 सितंबर तक समाप्त कर पूरा कर लिया जायेगा.

बाउरी ने की पर्वतपुर कोल ब्लॉक शुरू करने की मांग

राज्य के भू-राजस्व मंत्री सह चंदनकियारी विधायक अमर बाउरी ने कहा कि बोकारो का पेट्रोलियम के दो बड़े प्रोजेक्ट के लिए चयन करना ऐतिहासिक है. उन्होंने कहा, पर्वतपुर में सेल का कोल ब्लॉक है, जो बंद है. इसे शुरू किया जाये. इसके शुरू होने से 5 हजार लोगों को सीधे तौर पर लाभ होगा. रोजगार कर सृजन होगा. लगभग 25 हजार लोग प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित होंगे.

प्लांट की क्षमता बढ़ायी जाये : सांसद

धनबाद के सांसद पीएन सिंह ने कहा कि बोकारो स्टील प्लांट की क्षमता 4.6 मिलियन टन है. इसके विस्तार की संभावना है. उन्होंने केंद्रीय मंत्री का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा, इसके लिए भूमि सहित अन्य संसाधन उपलब्ध है. सरकार को इसके विस्तार के दिशा में कार्रवाई कर ली जानी चाहिए. उन्होंने बोकारो स्टील प्लांट को 10 मिलियन टन की उत्पादन क्षमता वाला संयंत्र बनाने की बात कही.

खाली भूमि का उपयोग उद्योग लगाने में किया जाये : विरंची

बोकारो के विधायक विरंची नारायण ने कहा कि बोकारो इस्पात संयंत्र के पास आवश्यकता से अधिक भूमि है. इस भूमि का उपयोग संयंत्र के विस्तार के अलावा स्टील से संबंधित उद्योग लगाने में किया जा सकता है. बोकारो में रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे और क्षेत्र का चहुंमुखी विकास होगा. उन्होंने बीपीसीएल के दो प्रोजेक्ट के लिए बोकारो को चुनने के लिए केंद्रीय मंत्री व मुख्यमंत्री का आभार प्रकट किया.

ये लोग थे बैठक में मौजूद

इस अवसर पर धनबाद के सांसद पीएन सिंह, गिरिडीह के सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी, पुरुलिया से सांसद ज्येर्तिमय महतो, चतरा के सांसद सुनील कुमार सिंह, बोकारो के विधायक विरंची नारायण, बेरमो के विधायक योगेश्वर महतो बाटुल, भारत सरकार के अतिरिक्त सचिव सुनील कुमार, बीपीसीएल के सेल्स डायरेक्टर अरुण सिंह, डीआइजी प्रभात कुमार, उपायुक्त कृपानंद झा, एसपी पी मुरुगन के अलावा प्रशासनिक अधिकारी, बीपीसीएल के अधिकारी व अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे.

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