बोकारो : नायब सूबेदार प्रवीण कुमार का शव शनिवार को बोकारो पहुंचा. सुबह 8:30 बजे रामगढ़ स्थित सिख रेजिमेंट के जवानों ने शहीद के पार्थिव शरीर लेकर पहुंचे. नम आंखों के बीच लोग सीना ताने वीर शहीद के दीदार के लिए कतारबद्ध खड़े थे. जैसे ही तिरंगा से लिपटा पार्थिव शरीर घर के दहलीज पर पहुंचा, वैसे ही चीत्कार ने हर किसी के रोंगटे खड़े कर दिये. कभी शहीद की विधवा सीने से लिपट कर रोती, तो कभी शहीद की मां पार्थिव शरीर को गले लगाती.
कभी शहीद के बेटा-बेटी शरीर को निहारते, तो कभी पिताजी के आंसू बहने लगते. हर किसी की आंखें नम थीं. शहीद को सिख रेजिमेंट के जवानों ने सलामी दी. शहीद की बड़ी बेटी शालिनी भारत माता की जय व जय हिंद का नारा बुलंद कर पिता के सम्मान में सिर झुकाती है. शहीद के दर्शन के लिए उमड़े लोगों ने भी भारत माता की जय व जय हिंद का नारा लगा कर अपने सपूत को अंतिम विदाई दी. अंतिम यात्रा के दौरान शहर की सड़कों पर हुजूम उमड़ा था.
हर कोई वीर के अंतिम यात्रा का गवाह बनाना चाह रहा था. शव वाहन जिधर से गुजरता, उधर ही भारत माता की जय, वंदे मातरम्, शहीद अमर रहे, जय हिंद जैसे नारे गूंज रहे थे. गरगा नदी तट (चास) पर शहीद को मुखाग्नि दी गयी. 13 वर्षीय पुत्र प्रियांशु ने परंपरा का निर्वहण किया. घाट पर लोगों की इतनी भीड़ थी कि कदम ठहराना मुश्किल हो रहा था.