जैनामोड़ : जरीडीह प्रखंड के जैनामोड़ में रहने वाले दो मुस्लिम परिवार सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश कर रहा है. सताक्तार अंसारी व मनोवर आलम दोनों ही सालों से रामनवमी के मौके पर महावीरी झंडा बना रहे है. बाजार में इन दिनों कम दाम में रेडिमेड झंडे होने बाद भी इनके बनाये झंडे ही लोग पसंद करते है.
सताक्तार अंसारी पिछले 37 सालों से फुटपाथ पर महावीरी झंडा की सिलाई बड़ी श्रद्धा से कर रहे हैं. इस कार्य में उनके परिवार का भी खूब साथ मिल रहा है. यहां उनकी दुकान भी है. वहीं बांधडीह निवासी मनोवर आलम पिछले 32 सालों से जैनामोड़ में महावीरी झंडा बना रहे हैं. उन्हें अपने हाथ के बने झंडे बेचने में बहुत खुशी मिलती है. उनका कहना है कि अगर मेरे इस कार्य से दो समुदाय के लोगों में भाईचारा बढ़ता है, तो इससे बड़ी खुशी क्या हो सकती है.