सुपौल. आपदा प्रबंधन गतिविधियों के तहत जिले के विभिन्न विद्यालयों में प्रशिक्षित सिविल डिफेन्स वॉलंटियरों द्वारा मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों एवं विद्यालय के शिक्षकों-कर्मचारियों को आपदा, युद्ध एवं अन्य आपात परिस्थितियों में सतर्कता, सुरक्षा तथा त्वरित प्रतिक्रिया के प्रति जागरूक करना था. मॉक ड्रिल के दौरान संभावित आपदाओं जैसे आग लगने, भूकंप, हवाई हमले एवं अन्य आपात स्थितियों में जान-माल की सुरक्षा के उपायों की विस्तार से जानकारी दी गई. विद्यार्थियों को यह बताया गया कि आपात स्थिति में घबराने के बजाय किस प्रकार संयम बनाए रखते हुए सुरक्षित स्थान की ओर निकासी करनी चाहिए. व्यावहारिक अभ्यास से दी गई आपदा से निपटने की सीख सिविल डिफेन्स वॉलंटियरों ने वास्तविक परिस्थितियों का अभ्यास कराते हुए विद्यार्थियों को व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया. ड्रिल के दौरान सुरक्षित निकासी, प्राथमिक उपचार, घायलों की सहायता, आग बुझाने के तरीके तथा आपातकालीन सेवाओं को सूचना देने की प्रक्रिया को सरल भाषा में समझाया गया. इससे छात्र-छात्राओं में आत्मविश्वास के साथ-साथ आपदा से निपटने की क्षमता विकसित हुई. कार्यक्रम के दौरान युद्ध जैसी आपात स्थितियों में नागरिकों द्वारा बरती जाने वाली सावधानियों पर विशेष जोर दिया गया. हवाई हमले के समय सुरक्षित स्थानों की पहचान, सायरन बजने पर अपनाए जाने वाले उपाय तथा ब्लैकआउट जैसी परिस्थितियों में सावधानी बरतने की जानकारी दी गई, जिससे विद्यार्थियों को संकट के समय सही निर्णय लेने में मदद मिल सके. आपदा मित्रों की सक्रिय भूमिका इस मॉक ड्रिल में प्रशिक्षित सिविल डिफेन्स वॉलंटियर मो आदम, तारकांत झा, संजीव कुमार सिंह, रणजीत कुमार सहित अन्य सैंकड़ों आपदा मित्रों ने सक्रिय भूमिका निभाई. उनकी सहभागिता से कार्यक्रम को सफल और प्रभावी बनाया गया. विद्यालय प्रशासन एवं शिक्षकों ने सिविल डिफेन्स वॉलंटियरों द्वारा किए गए इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के कार्यक्रम विद्यार्थियों को न केवल आपदा प्रबंधन की जानकारी देते हैं, बल्कि उनमें अनुशासन, साहस और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना भी विकसित करते हैं. जागरूकता से ही आपदा से बचाव संभव कार्यक्रम के अंत में यह संदेश दिया गया कि आपदा से बचाव का सबसे सशक्त माध्यम जागरूकता और समय पर की गई सही कार्रवाई है. इस प्रकार के मॉक ड्रिल भविष्य में भी आयोजित किए जाएंगे, ताकि समाज का प्रत्येक वर्ग आपदा के समय सुरक्षित रह सके.
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