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आक्रोशित शिक्षकों ने सीएम व शिक्षा मंत्री का किया पुतला दहन

19 अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल सातवें दिन भी जारी सुपौल : बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ प्रखंड इकाई के शिक्षकों का हड़ताल सातवें दिन भी जारी रहा. जिला संयोजिका-सह-सदर प्रखंड पर्यवेक्षिका अर्चना कुमारी के नेतृत्व में बड़ी संख्या शिक्षक एवं शिक्षिका बहनों ने माननीय सुप्रीम कोर्ट के न्यायादेश “समान काम का समान वेतन” लागू करवाने […]

19 अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल सातवें दिन भी जारी

सुपौल : बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ प्रखंड इकाई के शिक्षकों का हड़ताल सातवें दिन भी जारी रहा. जिला संयोजिका-सह-सदर प्रखंड पर्यवेक्षिका अर्चना कुमारी के नेतृत्व में बड़ी संख्या शिक्षक एवं शिक्षिका बहनों ने माननीय सुप्रीम कोर्ट के न्यायादेश “समान काम का समान वेतन” लागू करवाने को लेकर विभिन्न विद्यालयों का भ्रमण कर शिक्षक एवं शिक्षिकाओं से हड़ताल में अपनी अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर “सुप्रीम कोर्ट के आदेश को सरकार द्वारा लागू करने के लिए बाध्य किये जाने का अनुरोध किया गया.
साथ ही राज्य संघ के आह्वान पर बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ इकाई ने मुख्यमंत्री एवं शिक्षामंत्री का पुतला दहन प्रखंड अध्यक्ष संजीव कुमार सिंह एवं प्रमोद कुमार पासवान के संयुक्त नेतृत्व में किया गया.जिला सचिव पुष्प राज एवं जिला कोषाध्यक्ष पंकज प्रभात ने संयुक्त रूप से पुतला दहन के पश्चात नुक्कड़ सभा को संबोधित करते हुए कहा कि नियोजित शिक्षक एवं पुस्तकालय अध्यक्ष माननीय सुप्रीम कोर्ट के न्यायादेश समान काम का समान वेतन को लागू करवाने को लेकर 19 अप्रैल से विद्यालयों की तालाबंदी करते हुए सभी शिक्षक एवं शिक्षिका बहनें हड़ताल पर हैं.
जिस कारण पुर्णतः पठन-पाठन ठप पड़ा हुआ है. जो सरकार की लापरवाही को दर्शाता है. कहा कि सरकार को माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू कर आन्दोलन को ख़त्म कराना चाहिए. लेकिन सरकार शिक्षा के प्रति सिर्फ दिखावा कर रही है़ वे नहीं चाहती है की गरीब लोगों के बच्चे को अच्छी शिक्षा मिले.
जिला संयोजिका अर्चना कुमारी एवं जिला संयुक्त सचिव राजीव कुमार झा ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य सरकार की हठधर्मिता न्यायालय के न्यायादेश को मानाने व समझने को तैयार नहीं है. जो लोकतंत्र के लिए दुर्भाग्यपूर्ण कार्य है. राज्य की शिक्षा व शिक्षक की हालात बिगाड़ने में खुद सरकार अपनी भूमिका निभा रही है.
जिसे संघ कभी कामयाब नहीं होने देगा. गांधीजी के चम्पारण सत्याग्रह शताब्दी पर 17 अप्रैल 2017 से प्रारंभ चरणबद्ध आन्दोलन जो 19 अप्रैल 2017 से राज्य के सरकारी विद्यालयों में तालाबंदी करते हुए सभी शिक्षकों आज सातवें दिन हड़ताल जारी रखे हुए है. बताया कि जिले के सभी प्रखंडों में शत-प्रतिशत शिक्षा व्यवस्था ठप है. जिला प्रतिनिधि विभाषचन्द्र सिंह एवं गणेश प्रसाद यादव ने कहा कि हड़ताल को समर्थन सूबे के अन्य शिक्षक संगठन ने भी दिया है.
उन्होंने हुए कहा कि “समान काम का समान वेतन” के विरोधियों द्वार हड़ताल को असफल करने के लिए अफवाह फ़ैलाने का प्रयास किया जा रहा हैं जिससे शिक्षकों ने आन्दोलन में शामिल होकर जवाब दे दिया है. प्रखंड सचिव रामचंद्र पासवान एवं कोषाध्यक्ष संतोष कुमार ने कहा कि “समान काम का सामना वेतन” लागू करवाने को लेकर सभी नियोजित शिक्षक एवं शिक्षिकाएं एकजुटता के साथ आन्दोलन को सफल बनाने के लिए आपसी मतभेद भुला कर एकता एवं समन्वय स्थापित करने का यही सही समय है अन्यथा आने वाले समय में हम सभी शिक्षकों को समाज कभी माफ़ नहीं करेगा.

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