10.3 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

प्रस्तावक व समर्थकों को भी पूरी करनी होगी अहर्ता

सुपौल : नगर निकाय चुनाव को लेकर जहां अभ्यर्थियों के लिए पात्रता निर्धारित है. वही प्रस्तावक व समर्थकों के लिए भी अहर्ता की सूची तय की गयी है. इसके तहत प्रस्तावक व समर्थक होने के लिए संबंधित वार्ड की मतदाता सूची में व्यक्ति का नाम होना आवश्यक है, जहां से प्रत्याशी अपना नामांकन करना चाहता […]

सुपौल : नगर निकाय चुनाव को लेकर जहां अभ्यर्थियों के लिए पात्रता निर्धारित है. वही प्रस्तावक व समर्थकों के लिए भी अहर्ता की सूची तय की गयी है. इसके तहत प्रस्तावक व समर्थक होने के लिए संबंधित वार्ड की मतदाता सूची में व्यक्ति का नाम होना आवश्यक है, जहां से प्रत्याशी अपना नामांकन करना चाहता है.

वह मतदान के लिए अर्हित होना चाहिए और उस वार्ड के किसी दूसरे प्रत्याशी का प्रस्तावक अथवा समर्थक नहीं होना चाहिए. इसके अलावा वह संबंधित वार्ड विशेष से स्वयं अभ्यर्थी भी नहीं हो सकता है. प्रत्याशी की तरह प्रस्तावक तथा समर्थक का भी भारतीय नागरिक होना अनिवार्य है. राज्य विधानसभा के निर्वाचन के लिए तत्समय प्रवृत्त उम्र को छोड़ किसी विधि के अधीन अयोग्य नहीं होना चाहिए. नामांकन की अंतिम तिथि के बाद संवीक्षा की पहली तिथि को 21 वर्ष से कम उम्र का व्यक्ति प्रस्तावक अथवा समर्थक नहीं हो सकता है.

वह राज्य, केंद्र या स्थानीय किसी प्राधिकार की सेवा में नहीं होना चाहिए. साथ ही ऐसी किसी संस्था में भी सेवारत नहीं होना चाहिए जिसे केंद्र, राज्य या स्थानीय प्राधिकार से सहायता मिलती हो. प्रस्तावक या समर्थक किसी सक्षम न्यायालय के न्याय निर्णय के अनुसार विकृतचित्त का नहीं हो सकता है.

प्राधिकार की सेवा से अवचार के लिए पदच्युत अथवा लोक सेवा में नियोजन हेतु अयोग्य घोषित व्यक्ति को भी प्रस्तावक अथवा समर्थक बनने का अधिकार नहीं है. इसके अलावा प्रत्याशी के लिए निर्धारित कर व आपराधिक कांड, संतान, कर्तव्य जैसे शर्तों का अनुपालन भी प्रस्तावक व समर्थक को करना होगा. आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि प्रस्तावक या समर्थक न तो संबंधित वार्ड से अभ्यर्थिता के लिए योग्य होगा और न ही किसी अन्य प्रत्याशी का प्रस्तावक अथवा समर्थक बन सकेगा.

आयोग के अनुसार नामांकन के मामले में निर्वाची पदाधिकारी का निर्णय ही अंतिम रूप में मान्य होगा. नगरपालिका चुनाव के दौरान संबंधित नगर निकाय के सभी वार्डों की मतदाता सूची की एक प्रति अपने टेबुल पर रखने का आदेश भी आयोग ने निर्वाची पदाधिकारी को दिया है. कहा है कि इससे तत्काल ही प्रपत्र 12 में दायर किये गये नाम निर्देशन पत्र में सुसंगत प्रविष्टियों का सत्यापन किया जा सकेगा. जबकि नाम निर्देश पत्र दाखिल करने हेतु प्रपत्र 12 व इससे संलग्न सभी प्रपत्र आयोग की वेबसाइट www.sec.bihar.gov.in पर प्रदर्शित है.

आयोग ने कहा है कि इच्छुक अभ्यर्थी वेबसाइट से इसे डाउनलोड कर अथवा की फोटो प्रति करा कर नाम निर्देशन पत्र दाखिल कर सकेंगे. निर्वाची पदाधिकारी के कार्यालय में भी इसकी प्रति उपलब्ध होगी. नामांकन शुल्क जमा कराने वाले अभ्यर्थियों को सभी प्रपत्र निर्वाची पदाधिकारी उपलब्ध करायेंगे.

प्राप्ति रसीद पर ही दर्ज रहेगा संवीक्षा का समय
निर्वाचन आयोग ने निर्वाची पदाधिकारियों को जारी पत्र में जहां अभ्यर्थी, प्रस्तावक व समर्थक से जुड़े अहर्ता का जिक्र किया है. वही निर्वाची पदाधिकारियों के दायित्व पर भी विस्तृत चर्चा की है. नाम निर्देशन की निर्धारित तिथि तक दिन के 11 से 03 बजे तक नामांकन दाखिल करने की समयसीमा तय की गयी है. साथ ही निर्वाची पदाधिकारियों को यह भी निर्देश दिया गया है कि वह तत्काल ही अभ्यर्थी को प्राप्ती रसीद उपलब्ध करायेंगे. जिस पर संवीक्षा की तिथि और समय अंकित होगा.
कोई भी प्रत्याशी अधिकतम दो सेट में नामांकन दाखिल कर सकता है. संवीक्षा के दौरान एक ही समय में अभ्यर्थियों की भीड़ न जुटे, इसके लिए समय अंकित करने का आदेश आयोग ने दिया है. निर्वाची पदाधिकारी को नगर निकाय के आरक्षण रोस्टर की प्रति भी सूचना पट पर लगाने को कहा गया है. ताकि किसी वर्ग विशेष के लिए आरक्षित वार्ड में उस श्रेणी का अभ्यर्थी ही नामांकन दाखिल करे. इसे सुनिश्चित करने का दायित्व भी निर्वाची पदाधिकारी को ही सौंपा गया है.
आपराधिक मामलों में एसपी चलायेंगे स्पीडी ट्रायल
आयोग ने जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिला दंडाधिकारी के प्रतिवेदन के आलोक में पुलिस अधीक्षक को अलग से संचिका में संधारित करते हुए ऐसे आपराधिक मामलों को स्पीडी ट्रायल द्वारा अंतिम निष्कर्ष तक पहुंचाने हेतु ठोस व्यवस्था करने का आदेश दिया है. साथ ही कृत कार्रवाई से आयोग को भी अवगत कराने को कहा है. बताया है कि आयोग के स्तर पर प्रत्येक जिला का संचिका संधारित कर संकलित किया जायेगा तथा ऐसे मुकदमों की सूची आयोग के वेवसाइट पर प्रकाशित की जायेगी.
साथ ही मामलों को अंतिम निष्कर्ष तक पहुंचाने के लिए जिला दंडाधिकारी तथा पुलिस अधीक्षक से लगातार संपर्क स्थापित कर समय-समय पर प्रगति रिपोर्ट का भी प्रकाशन वेबसाइट के माध्यम से होगा. नाम निर्देशन तिथि के अंतिम दिन 03 बजे के उपरांत आयोग ने नामांकन पत्र स्वीकार नहीं करने को कहा है. साथ ही कहा है कि अगर भूलवश ऐसा हो भी गया तो उसे निरस्त कर दिया जायेगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें