नगर परिषद क्षेत्र का मतदाता होना है अनिवार्य
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नगर निकाय चुनाव : योग्यता है तो आरक्षण रोस्टर के अनुरूप कर सकते हैं नामांकन
नगर परिषद क्षेत्र का मतदाता होना है अनिवार्य सुपौल : नगर परिषद सहित जिले के वीरपुर व निर्मली नगर पंचायत चुनाव को लेकर तैयारियां तेज हो चुकी हैं. हालांकि अभ्यर्थिता की योग्यता को लेकर अभी भी लोगों में ऊहापोह की स्थिति है. जबकि आयोग ने इस बाबत स्पष्ट निर्देश जारी कर दिया है और इसका […]
सुपौल : नगर परिषद सहित जिले के वीरपुर व निर्मली नगर पंचायत चुनाव को लेकर तैयारियां तेज हो चुकी हैं. हालांकि अभ्यर्थिता की योग्यता को लेकर अभी भी लोगों में ऊहापोह की स्थिति है. जबकि आयोग ने इस बाबत स्पष्ट निर्देश जारी कर दिया है और इसका प्रचार-प्रसार कराने की जिम्मेवारी भी जिला निर्वाचन पदाधिकारी को सौंपी है. आयोग द्वारा जारी निर्देश के मुताबिक नगर पालिका के किसी भी हिस्से में मतदाता के रूप में दर्ज व्यक्ति नगर पालिका सदस्य के रूप में निर्वाचित हो सकता है. हालांकि नामांकन के लिए उसे आरक्षण रोस्टर का पालन करना होगा. भारत का नागरिक नहीं होने की स्थिति में कोई अभ्यर्थी नहीं हो सकता है.
जबकि विस निर्वाचन के लिए उम्र को छोड़ अन्य किसी विधि से भी वह अयोग्य नहीं होना चाहिए. नामांकन की अंतिम तिथि के बाद संवीक्षा की तिथि के पूर्व 21 वर्ष से कम उम्र नहीं होनी चाहिए. वही केंद्र, राज्य अथवा किसी स्थानीय प्राधिकार की सेवा में कार्यरत व्यक्ति भी अभ्यर्थी नहीं हो सकता है. वह सक्षम कोर्ट के न्याय निर्णय के विकृतचित्त का नहीं हो सकता है. किसी प्राधिकारी की सेवा से पदच्युत अथवा लोकसेवा नियोजन हेतु अयोग्य व्यक्ति भी अभ्यर्थी नहीं हो सकता है.
भारत के अंदर या बाहर राजनीतिक अपराध से भिन्न किसी भी अपराध के लिए न्यायालय से छह माह से अधिक कारावास की सजा जिसके विरुद्ध सुनायी गयी हो और उसे सक्षम न्यायालय द्वारा बदला न गया हो, अभ्यर्थी नहीं हो सकता है. नगर पालिका के अधीन वेतनभोगी अथवा लाभ का पद धारण करने वालाको भी अभ्यर्थिता का अधिकार नहीं है. अभ्यर्थी वर्ष 2012 या उसके बाद नगर पालिका आम निर्वाचन अथवा उप निर्वाचन में नगरपालिका अधिनियम 2007 की धारा 481, 482 व 483 के प्रावधानों के तहत भ्रष्ट आचरण का दोषी भी नहीं होना चाहिए.
मार्च 2017 तक का करना होगा बकाया कर भुगतान
आयोग के प्रावधानों के अनुसार अभ्यर्थिता के लिए संबंधित व्यक्ति पर 31 मार्च 2017 तक नगरपालिका के सभी बकाये कर का भुगतान होना आवश्यक है. वैसा व्यक्ति जो अभ्यर्थिता के लिए योग्य है, लेकिन उसके नाम कोई होल्डिंग या दुकान आदि नहीं है, शपथपत्र दाखिल कर सकता है. जिसमें उसे स्पष्ट करना होगा कि नगरपालिका क्षेत्र में कोई होल्डिंग या दुकान आदि नहीं है, जिसके कारण नगरपालिका को ऐसे किसी कर का भुगतान उसे नहीं करना है.
यह शपथपत्र जिला या संबंधित अनुमंडल में पदस्थापित किसी कार्यपालक दंडाधिकारी के समक्ष दिया गया होना आवश्यक है. इस शपथपत्र के आधार पर ही निर्वाची पदाधिकारी उनका नामांकन पत्र स्वीकार करेंगे. जबकि अन्य अभ्यर्थियों को नगरपालिका से कर भुगतान संबंधी प्रमाणपत्र के रूप में नो ड्यूज प्रमाणपत्र मूल रूप में निर्वाची पदाधिकारी के समक्ष उप स्थापित कराना होगा. पूर्व में नगरपालिका सदस्य के रूप में अधिनियम के अधीन कर्तव्य अथवा कृत्यों को करने से इनकार करने या जानबूझ कर उपेक्षा करने व उसमें निहित शक्तियों का दुरुपयोग करने का दोषी व्यक्ति भी अभ्यर्थी नहीं हो सकता है.
चार अप्रैल 2008 के बाद न हुई हो तीसरी संतान
आयोग के निर्देश के मुताबिक वैसे व्यक्ति जिन्हें 04 अप्रैल 2008 के उपरांत तीसरी, चौथी या उससे अधिक संतान हुई हो और वह नामांकन की तिथि को जीवित हो तो वह अभ्यर्थिता के लिए योग्य नहीं होगा. वही एक बार में जुड़वां या इससे अधिक संतान होने के कारण अगर संतानों की निर्धारित संख्या में बढ़ोतरी हुई यानि दो से अधिक बच्चे हुए तो उस स्थिति में यह शर्त लागू नहीं होगी. इसके अलावा नगर पालिका सदस्य के रूप में पूर्व में बिना किसी पूर्व अनुमति के नगरपालिका की लगातार तीन बैठकों से अनुपस्थित रहने के दोषी व्यक्ति को भी अभ्यर्थिता के लिए अयोग्य घोषित किया गया है.
इन्हें भी नहीं होगा चुनाव लड़ने का अधिकार
आयोग के आदेश के मुताबिक आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका, विशेष शिक्षा परियोजना, साक्षरता अभियान, विशेष शिक्षा केंद्रों में मानदेय पर कार्यरत अनुदेशक सहित नगरपालिका, पंचायत के अधीन मानदेय अथवा अनुबंध पर कार्यरत शिक्षा मित्र, न्याय मित्र, विकास मित्र आदि को अभ्यर्थिता का अधिकार नहीं होगा. पंचायत में मानदेय पर कार्यरत दलपति, केंद्र, राज्य अथवा स्थानीय प्राधिकार से पूर्णत: या आंशिक वित्तीय सहायता प्राप्त करने वाले शैक्षणिक संस्थाओं में कार्यरत,
पदस्थापित अथवा प्रतिनियुक्त अधिकारी, शिक्षक, प्रोफेसर, शिक्षकेतर कर्मचारी, कार्यरत गृहरक्षक, सरकारी अधिवक्ता, लोक अभियोजक आदि भी अभ्यर्थी नहीं हो सकते हैं. वही सेवानिवृत्त सरकारी सेवक, पीडीएस के अनुज्ञप्तिधारी विक्रेता, कमीशन पर कार्यरत अभिकर्ता, अकार्यरत गृहरक्षक अभ्यर्थी हो सकते हैं.
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