शराब बंदी का दिखने लगा असर, नही सुनाई देती अब शराबियों का हंगामा – शराब की खोज में दर-दर भटक रहे नशे की लत में डूबे लोग फोटो- 2कैप्सन- अस्पताल में स्थापित नशा मुक्ति केंद्र प्रतिनिधि4 सुपौल राज्य सरकार द्वारा सूबे मे लागू की गयी पूर्ण शराब बंदी का असर जिले में भी दिखने लगा है़ शराब बंदी का सबसे अधिक प्रभाव शाम होने के बाद दृष्टिगोचर होता है़ देर रात तक गुलजार रहने वाला जिला मुख्यालय का बाजार शाम के बाद ही सूना पड़ने लगा है़ रात के आठ बजे के बाद तो बाजार में सन्नाटा पसर जाता है़ ना कहीं हट-फट, ना कहीं गाली-गलौज और ना ही कहीं बेवजह का हंगामा़ बीयर की पटियाला डोज के बाद शहर में फर्राटा मारते युवा बाईकरो की टोली भी अब नहीं दिख रही़ बीते कई वर्षों से विशेष कर शाम के बाद इन चीजों को देखने की लोगों की आदत बन चुकी थी़ नतीजा था कि भले लोग शाम ढलते ही घर लौट जाना ही बेहतर मानते थे़ लेकिन शराब बंदी के बाद अब ऐसे संभ्रांत जनों की जुबान पर भी रात में शहर की सड़कों पर व्याप्त अमन व शांति की चर्चा है़ और लोग इस उपलब्धि के लिये राज्य सरकार व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सराहना कर रहे हैं. जिनके द्वारा शराब बंदी को लेकर इस प्रकार का ऐतिहासिक फैसला लिया गया़ शराब की जुगाड़ में भटक रहे शराबीराज्य में लागू शराब बंदी को लेकर जहां एक ओर समाज के आम नागरिकों में हर्ष का माहौल है़ वहीं दूसरी ओर शराब की लत के आदि हो चुके शराबियों के समक्ष बड़ी कठिन समस्या उत्पन्न हो गयी है़ जानकारों की माने तो शराब बंदी के बाद शराब के सामान्य शौकीन इन दिनों खुद पर नियंत्रण रखने की अग्नि परीक्षा दे रहें है़ हालांकि इनमें से कई लोगों ने तो भांग व गांजे को विकल्प के रूप में स्वीकार कर लिया है़ जो पावंदी के बावजूद आज भी बाजार में आसानी से उपलब्ध है़ वहीं शराब के नशे का पूरी तरह शिकार हो चुके नशेड़ी आज भी खास कर शाम ढलने के बाद दो घूंट शराब की तलाश में इधर-उधर भटकते नजर आते हैं. सूत्रों से मिली खबर के अनुसार शराब के कुछ कारोबारी व विचौलियों ने शराब बंदी लागू होने से पूर्व शराब की बोतलों का अच्छा- खासा स्टॉक कर रखा है़ जिनके द्वारा छुप-छुपा कर मन माने दामों पर इन बोतलों की काला बाजारी की जा रही है़ नशे के लत में डूबे शराबी रात होते ही ऐसे कारोबारियों की खोज में जुट जातें हैं. ताकि नशे की टिमटिमाती लौ को दो घूंट शराब से रिचार्ज कर फिर से रौशन किया जा सके़ वहीं सूत्रों की माने तो शराब के शौकीन संपन्न वर्ग के लोगों ने अगले कुछ महीनों के लायक अपने घरों में ही शराब का स्टॉक कर रखा है़ यह दीगर बात है कि स्टॉक खत्म होने की चिंता में ऐसे शराबी बड़े नियंत्रित डोज में आज-कल शराब का उपभोग कर रहें हैं. शराब की जारी किल्लत के बाद ऐसे शराबियों द्वारा इन दिनों कई रोचक जुमले भी बनाये जा रहें है. गुरूवार की रात पान की एक दुकान पर मिले एक ऐसे ही शराब के शौकीन ने पंकज उधास के किसी गजल की तर्ज पर दो लाइन सुनाया भी़….. मुश्किल हो गयी है शराब अब, बस थोड़ी-थोड़ी पिया करो…. नशा मुक्ति केंद्र में बढ़ने लगी है मरीजों की संख्याशराब बंदी ने शराब के भयंकर आदि हो चुके नशेड़ियों के लिये बड़ी मुश्किलें खड़ी कर दी है़ कई ऐसे लोग है जो पूर्व में दिन भर में दर्जनों बार थोड़े-थोड़े समय के अंतराल के बाद शराब का सेवन के आदि हो चुके थे़ शरीर व मानसिक रूप से जर्जर हो चुके ऐसे लोगों के समक्ष अब कई तरह की समस्याएं उत्पन हो रही है़ कितनों को तो रात भर नींद नहीं आ रही, तो कई के हाथ व पांव भी कांप रहे है़ घर के लोगों द्वारा ऐसे पीड़ितों का इलाज कराने का प्रयास किया जा रहा है़ नशेड़ियों के लिये सदर अस्पताल में स्थापित नशा मुक्ति केंद्र में ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है़ केंद्र के नोडल पदाधिकारी डॉ एसएस विद्यार्थी ने बताया कि यहां इलाज के लिये शुक्रवार तक 45 मरीज पहुंचे हैं. जिसमे एक की हालत गंभीर देखते हुये उसे डीएमसीएच रेफर कर दिया गया है़ मरीज अभी बांकि लोगों को विशेषज्ञ चिकित्सक द्वारा आवश्यक काउंसलिंग करने के बाद उन्हें वापस घर भेज दिया गया है़ वहीं शुक्रवार को इस केंद्र में इलाज के लिये पांच लोग आये़ जिनका उपचार किया गया़
शराब बंदी का दिखने लगा असर, नही सुनाई देती अब शराबियों का हंगामा
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