अशोक, सुपौल : प्रखंड मुख्यालय से सुदूर देहाती इलाके को जोड़ने के लिए पंचायत एवं टोले तक के सड़क निर्माण के बाद राज्य स्तर पर पंचायतों को प्रखंड मुख्यालय से जोड़ने के लिये मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना की शुरूआत की गयी. योजना के माध्यम से पंचायत के पांच बेरोजगार युवक को योजना के तहत रोजगार दिया जा रहा है. इसके साथ ही पंचायतवासी को आवागमन की सुलभता मिलने लगी है.
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ग्राम परिवहन योजना : 905 लक्ष्य के बदले 535 बेरोजगार युवकों को मिला है लाभ
अशोक, सुपौल : प्रखंड मुख्यालय से सुदूर देहाती इलाके को जोड़ने के लिए पंचायत एवं टोले तक के सड़क निर्माण के बाद राज्य स्तर पर पंचायतों को प्रखंड मुख्यालय से जोड़ने के लिये मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना की शुरूआत की गयी. योजना के माध्यम से पंचायत के पांच बेरोजगार युवक को योजना के तहत रोजगार […]
योजना के तहत प्रत्येक पंचायत में चार सीट से 10 सीट वाले वाहन के खरीद पर उसके मूल्य का 50 प्रतिशत एवं अधिकतम 01 लाख रूपये का अनुदान राज्य सरकार दे रही है. योजना के तहत पंचायत के तीन अनुसूचित जाति/जनजाति एवं 02 अत्यंत पिछड़े वर्ग के बेरोजगार लाभुक को योजना से लाभांवित किया जा रहा है.
योजना के कार्यान्वयन से एससी-एसटी एवं अति पिछड़ा वर्ग के बेरोजगार युवक को जहां रोजगार मिल रहा है. उन्हें आर्थिक समृद्धि भी हासिल हो रही है. वहीं पंचायतों में आवागमन की सुविधा भी बेहतर हो रही है. गौरतलब है कि इस योजना का शुभारंभ बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा वर्ष 2018 में की गयी थी. सुपौल जिला विगत करीब एक वर्ष में 58.90 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त कर चुका है.
535 बेरोजगार को मिला योजना का लाभ. जिला परिवहन कार्यालय के अनुसार जिले के 181 पंचायत में 905 लाभुकों को मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना का लाभ दिया जाना है. लक्ष्य के विरूद्ध 03 जनवरी 2019 तक 535 लाभुकों को योजना के लाभ से लाभांवित किया जा चुका है. योजना का दुखद पहलू है कि जिले में मात्र एक अनुसूचित जनजाति के लाभुक को लाभ दिया जा सका है.
सदर प्रखंड के 26 पंचायत के में कुल 130 बेराजगार युवक को योजना के लाभ से लाभांवित किया जाना है. जिसमें 54 लाभुक को योजना के लाभ से लाभांवित किया गया है. जिसमें अनुसूचित जाति के 29 युवक एवं अत्यंत पिछड़ा वर्ग के 25 लाभुक शामिल हैं.
बसंतपुर और निर्मली रहे अव्वल
किसनपुर प्रखंड के 16 पंचायत में कुल लक्ष्य 80 के विरूद्ध 40 लाभुक को लाभांवित किया गया गया है. पिपरा प्रखंड के 16 पंचायत में लक्ष्य 80 के विरूद्ध 32 लाभुक को इस योजना का लाभ मिला है. सरायगढ-भपटियाही प्रखंड के 12 पंचायत में कुल 60 लाभुक को लाभ दिया जाना है.
छातापुर प्रखंड के 23 पंचायत में 115 लाभुक में से 71 लाभुक को लाभ दिया गया है. त्रिवेणीगंज प्रखंड के 27 पंचायत में 135 लक्ष्य के विरूद्ध 77 लाभुक को लाभांवित किया गया है. राघोपुर प्रखंड के 18 में 90 लक्ष्य के विरूद्ध 39 लाभुकों को योजना का लाभ दिया गया है.
बसंतपुर प्रखंड के 14 पंचायत में 70 लक्ष्य के विरूद्ध 60 लाभुकों को योजना के लाभ से लाभांवित किया गया है. प्रतापगंज प्रखंड के 09 पंचायत के 45 लक्ष्य के विरूद्ध 28 लाभुकों को योजना का लाभ मिला है. निर्मली प्रखंड के 07 पंचायत में 35 लक्ष्य में से 30 लाभुक को लाभ देकर बेहतर उपलब्धि हासिल किया गया है. मरौना प्रखंड के 13 पंचायत के 65 लक्ष्य के विरूद्ध 41 लाभुक को लाभ से लाभांवित किया गया है.
बिना स्वीकृति के नहीं बेची जा सकती वाहन . योजना के तहत वाहन को पांच वर्ष तक बिना अनुमंडल पदाधिकारी की लिखित स्वीकृति के बिक्री नहीं किया जा सकता. वाहन पारिवारिक उत्तराधिकारी के तहत हस्तांतरित हो सकेगा. वहीं वाहन की खरीद किसी वित्तीय संस्थान से ऋण लेकर किया गया है तो अनुदान की राशि का उपयोग आवेदक द्वारा ऋण के भुगतान में ही किया जायेगा.
पंचायत वासी को ही मिलेगा लाभ
योजना के तहत लाभुक को पंचायत का निवासी होना अनिवार्य है. लाभुक की उम्र आवेदन आमंत्रण की तिथि को 21 वर्ष से कम होने पर स्वीकृत नहीं किया जायेगा. साथ ही लाभुक के पास कम से कम हल्के मोटर यान के चालक की अनुज्ञप्ति होना अनिवार्य होगा. वहीं लाभुक के पास पूर्व से व्यावसायिक वाहन भी नहीं होना चाहिये.
योजना के लाभ के लिए ऑनलाइन करें आवेदन . योजना के तहत लाभुकों को ऑन लाइन आवेदन करना होगा.
जिसमें जाति प्रमाण पत्र, आवासीय प्रमाण पत्र, शैक्षणिक योग्यता संबंधित प्रमाण पत्र, उम्र संबंधी प्रमाण पत्र एवं मोटर यान चलाने की अनुज्ञप्ति का प्रति अपलोड कराना होगा. ऑन लाइन कराए गए आवेदन की जांच की जायेगी. जांच में सही पाए गए
आवेदनों की पंचायतवार वरीयता सूची तैयार की जायेगी.
डीएम करते हैं योजना का अनुश्रवण
जिला स्तर पर योजना का अनुश्रवण जिला पदाधिकारी द्वारा किया जा रहा है. योजना के निरंतर समीक्षा एवं इससे संबंधित किसी विवाद तथा लाभुक का चयन, अनुदान की राशि निर्धारित करने, अनुदान की राशि का वितरण इत्यादि की सुनवाई हेतु एक जिला स्तरीय समिति द्वारा की जाती है. इसमें अध्यक्ष जिला पदाधिकारी, सदस्य उप विकास आयुक्त, जिला परिवहन पदाधिकारी, सदस्य सचिव जिला कल्याण पदाधिकारी एवं सदस्य अग्रणी बैंक जिला प्रबंधक हैं.
कहते हैं जिला परिवहन पदाधिकारी
जिला परिवहन पदाधिकारी रजनीश लाल ने बताया कि जिले में 905 लक्ष्य के विरुद्ध 535 लाभुक को योजना के लाभ से लाभांवित किया गया है. योजना के क्रियान्वयन के मामले में वह राज्य में पांचवें स्थान पर है. शीघ्र ही लक्ष्य प्राप्त कर लिया जायेगा.
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