प्रतिनिधि,सीवान. जिले के गोरेयाकोठी प्रखंड के सिसई गांव में चल रहे सिंथेटिक पैराथायराइड छिड़काव का औचक निरीक्षण करने पहुंचे विभागीय अधिकारियों की टीम ने एक -एक घर का भ्रमण कर घर में रहने वाले लोगों से छिड़काव से जुड़ी हुई जानकारियों को साझा किया है. इस संबंध में जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ ओमप्रकाश लाल ने बताया कि जिले के दरौली, आंदर और हसनपुरा प्रखंड को छोड़ कर शेष सभी 16 प्रखंडों के 135 गांव में स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्रतिनियुक्त 26 टीम के द्वारा गृह भ्रमण कर सिंथेटिक पैराथायराइड दवा का छिड़काव कार्य अंतिम चरण में चल रहा है. भगवानपुर हाट प्रखंड के माघर और रतौली गांव के दर्जनों गांव के सैकड़ों घरों का जायजा लिया गया है. लेकिन सबसे अहम बात यह है कि जहां पिछले तीन वर्षों में कालाजार के संभावित मरीज पाए गए हैं. वहां से कालाजार जैसी बीमारी को जड़ से मिटाने का प्रयास किया जा रहा है. 109 गांव के 69987 घरों में किया जा चुका हैं छिड़काव जिला वेक्टर जनित रोग सलाहकार नीरज कुमार सिंह ने बताया कि जिले में मार्च से शुरू छिड़काव अभियान अब धीरे धीरे समापन की ओर बढ़ रहा है. कालाजार जैसी बीमारी से बचाव को लेकर जिले के 16 प्रखंडों के 135 गांव को चिह्नित किया गया है. जहां स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों द्वारा संभावित मरीजों की संख्या देखते हुए गृह भ्रमण कर छिड़काव किया जा रहा है. पांच मई तक 135 लक्षित गांव के 87395 घरों में से 109 गांव के 69987 घरों में छिड़काव किया जा चुका है. पहले चरण का छिड़काव कार्य 20 मई तक चलेगा. उसके बाद दूसरा चरण जून और जुलाई महीने में होगा. विभागीय टीम ने गोरेयाकोठी और भगवानपुर हाट प्रखंड क्षेत्र के कई गांवों का दौरा कर छिड़काव कार्य का मूल्यांकन और अनुश्रवण किया गया है.जिले में अभी तक वीएल के 07 जबकि पीकेडीएल के 08 मरीजों का इलाज़ चल रहा है. उक्त दोनों प्रखंडों के कई गांवों का दौरा के दौरान डीवीबीडीसीओ डॉ ओम प्रकाश लाल, डीवीबीडीसी नीरज कुमार सिंह, वीडीसीओ विकास कुमार, पीरामल स्वास्थ्य के पीओसीडी सोनू सिंह सहित स्वास्थ्य विभाग के कई अन्य अधिकारी और कर्मी शामिल रहे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है