प्रतिनिधि, नौतन. प्रखंड के पिपरा, मराक्षी, नरकटिया, शिकुवारा, पिपरपाती, सेमरिया व गलिमापुर सहित दर्जनभर गांवों के सैकड़ों कट्ठा में लगे धान की फसल पर सड़ने का खतरा मंडरा रहा है. पिछले महीने मेंथा चक्रवात के दौरान हुई मूसलाधार बारिश के चलते निचले हिस्से में लगे धान की फसल में पानी लग गया है. किसानों का कहना है कि पूर्व में इससे अधिक बारिश हुआ करती थी. परंतु पानी का बहाव होने से पानी टिक नहीं पाता था. बताते चलें कि गोपालगंज जिले से निकल कर लाबदा नदी दरौली के सरयू नदी में जाकर मिली है. लगभग 20 से 25 किलोमीटर तक कि बारिश की पानी इसी लबादा नदी से होकर सरजू नदी जाकर गिरता है. परंतु लबादा नदी का जगह-जगह अतिक्रमण कर लिए जाने, सफाई नहीं होने के कारण तथा प्रखंड के बरखंडी बाबा स्थान के उत्तर सोना नदी भरकर सड़क निर्माण कर पानी की बहाव स्थान पर बड़ी पुल के जगह सायफन वाला छोटी पुल बना दिया गया है, जहां पानी बहाव अवरुद्ध कर रखा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि यह पानी बहाव का सबसे बड़ी रुकावट है. वही लबादा नंदी में जंगल उग जाने से पानी का बहाव प्रभावित का भी एक कारण बना है. प्रखंड प्रमुख मीरा देवी, मुखिया चंदन सिंह व कुन्दन शाही ने जिलाधिकारी से मांग किया है कि तत्काल पानी बहाव की समुचित व्यवस्था किया जाय, ताकि किसानों के धान की फ़सल बचाईं जा सके तथा रबी फ़सल भी प्रभावित होने से बचाईं जा सके.
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