Aaj Ka Sona Chandi Bhav: दिल्ली के सर्राफा बाजार में चांदी की कीमतों ने एक बार फिर बना रिकॉर्ड बना दिया है. गुरुवार को चांदी 1,800 रुपये की तेजी के साथ 2,07,600 रुपये प्रति किलोग्राम के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई. अखिल भारतीय सर्राफा संघ के मुताबिक, कारोबारियों की लगातार खरीदारी और मजबूत मांग के चलते चांदी में यह उछाल देखने को मिला है.
चांदी ने दो दिन में बनाया रिकॉर्ड पर रिकॉर्ड
बुधवार को ही चांदी ने बड़ा रिकॉर्ड बनाया था, जब इसके भाव में 7,300 रुपये की जोरदार बढ़त दर्ज की गई और यह पहली बार 2 लाख रुपये प्रति किलो के पार जाकर 2,05,800 रुपये पर बंद हुई थी. इसके अगले ही दिन गुरुवार को चांदी ने एक और छलांग लगाकर नया ऑल टाइम हाई बना लिया.
2025 की शुरुआत से 129% से ज्यादा की तेजी
अगर सालाना आधार पर देखा जाए, तो चांदी की कीमतों में जबरदस्त उछाल आया है. इस साल 1 जनवरी को चांदी का भाव 90,500 रुपये प्रति किलोग्राम था, जो अब बढ़कर 2,07,600 रुपये प्रति किलो हो गया है. यानी महज कुछ महीनों में ही चांदी 1,17,100 रुपये प्रति किलो या करीब 129.4% चढ़ चुकी है, जो निवेशकों के लिए इसे सबसे चर्चित एसेट बना रहा है.
सोने के भाव स्थिर, अंतरराष्ट्रीय बाजार में दबाव
स्थानीय बाजार में जहां चांदी चमक रही है, वहीं सोने के दाम स्थिर बने हुए हैं. 99.9% शुद्धता वाले सोने का भाव 1,36,500 रुपये प्रति 10 ग्राम (सभी करों सहित) पर टिका रहा. अंतरराष्ट्रीय बाजारों में हाजिर सोना 13.16 डॉलर यानी 0.31% की गिरावट के साथ 4,325.02 डॉलर प्रति औंस पर आ गया.
फेड की टिप्पणियों से बदला बाजार का सेंटीमेंट
रिलायंस सिक्योरिटीज के वरिष्ठ अनुसंधान विश्लेषक जिगर त्रिवेदी के मुताबिक, सोना गुरुवार को 4,330 डॉलर प्रति औंस के करीब फिसला, लेकिन अब भी अक्टूबर में बने रिकॉर्ड स्तर के आसपास बना हुआ है. उन्होंने कहा कि अमेरिकी ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद और भू-राजनीतिक जोखिम सोने को समर्थन दे रहे हैं. बाजार का सेंटीमेंट फेडरल रिजर्व के गवर्नर क्रिस्टोफर वालर की टिप्पणियों से भी प्रभावित हुई, जिन्होंने आगे और दर कटौती की संभावना जताई है.
वैश्विक बाजार में चांदी की चाल
अंतरराष्ट्रीय बाजार में हाजिर चांदी 0.25% की गिरावट के साथ 66.04 डॉलर प्रति औंस पर रही. पिछले सत्र में यह 4.91% उछलकर 66.88 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची थी. साल की शुरुआत में 29.56 डॉलर प्रति औंस से अब तक चांदी 126% से अधिक मजबूत हो चुकी है.
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आपूर्ति की कमी और इंडस्ट्रियल डिमांड का असर
विशेषज्ञों का मानना है कि चांदी लगातार पांचवें साल आपूर्ति की कमी से जूझ रही है. इसके साथ ही, सौर ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहन और डेटा सेंटर जैसे तेजी से बढ़ते सेक्टरों से मजबूत औद्योगिक मांग भी चांदी की कीमतों को सहारा दे रही है. यही वजह है कि आने वाले समय में भी चांदी की चमक बरकरार रहने का अनुमान लगाया जा रहा है.
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