प्रतिनिधि, सीवान. पिछले वित्तीय वर्ष में बसंतपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 1903 महिलाओं का सुरक्षित प्रसव कराया गया. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ कुमार रवि रंजन ने बताया कि संस्थागत और सुरक्षित रूप से प्रसव कराने में सबसे अहम बात यह है कि अस्पताल या प्रसव केंद्र में स्वच्छ वातावरण, प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मी और सही उपकरणों की उपलब्धता प्रसव के दौरान मां और शिशु दोनों के जीवन की रक्षा करती है. प्रसव से पहले हाथों की सफाई, उपकरणों का कीटाणु रहित होना और उचित देखभाल अनिवार्य रूप से किया जाता है. जिस कारण संस्थागत प्रसव से मातृ और शिशु मृत्यु दर में काफी कमी आती है. संस्थागत प्रसव के माध्यम से मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर को घटाने में महत्वपूर्ण सफलता मिली है. जिस कारण यह न केवल जीवन की रक्षा करता है, बल्कि जच्चा और बच्चा के स्वास्थ्य को लंबे समय तक बेहतर बनाए रखने में काफ़ी मददगार भी साबित होता है. इसके साथ ही संस्थागत प्रसव महिलाओं को बेहतर पोषण, टीकाकरण और प्रसव के बाद देखभाल जैसी अतिरिक्त स्वास्थ्य सेवाओं से भी जोड़ता है. जटिलताओं के समय पर किया जाता है उचित प्रबंधन बीसीएम सह प्रभारी बीएचएम सरफराज अहमद ने बताया कि स्थानीय सीएचसी बसंतपुर के प्रसव कक्ष की प्रभारी स्टाफ नर्स मुन्नी कुमारी और रूपा रानी जबकि एएनएम सीमा कुमारी, फुलमनी ब्राउद और रेणु देवी के देख रेख में अप्रैल 2024 से मार्च 2025 तक 1903 महिलाओं का सुरक्षित और संस्थागत प्रसव कराया गया है. जबकि 27 अप्रैल 2025 में अभी तक 103 प्रसव कराया गया है. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के नेतृत्व में स्थानीय सीएचसी में प्रसव के दौरान निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन किया जाता है.साथ ही प्रसव कराने वाली महिलाओं को गरिमापूर्ण देखभाल सुनिश्चित की जाती है. जिससे जटिलताओं के समय पर उचित प्रबंधन और महिलाओं की संतुष्टि में स्पष्ट सुधार देखा गया है. क्योंकि मज़बूत नेतृत्व और समर्पित टीम, अस्पतालों की आधारभूत संरचना और मानव संसाधनों में सुधार, डॉक्टरों व नर्सों को समय- समय पर व्यावहारिक प्रशिक्षण और प्रमाणित संस्थानों के अनुभवों को साझा किया जाता है.
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