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संक्रमण की रोकथाम के निर्देशों का नहीं हो रहा पालन

कोरोना वायरस की चौथी लहर ने देश के कई प्रांतों में दस्तक दे दिया है . प्रतिदिन संक्रमितों की संख्या में वृद्धि हो रही है.इसके बावजूद सदर अस्पताल में वायुजनित संक्रमण के रोकथाम हेतु राष्ट्रीय दिशा-निर्देशों का पालन नहीं हो रहा है.सदर अस्पताल के आपात कक्ष एवं ओपीडी में मरीजों के साथ- साथ डॉक्टर्स एवं स्वास्थ्यकर्मी भी इलाज के दौरान मास्क का उपयोग नहीं कर रहें हैं

प्रतिनिधि,सीवान. कोरोना वायरस की चौथी लहर ने देश के कई प्रांतों में दस्तक दे दिया है . प्रतिदिन संक्रमितों की संख्या में वृद्धि हो रही है.इसके बावजूद सदर अस्पताल में वायुजनित संक्रमण के रोकथाम हेतु राष्ट्रीय दिशा-निर्देशों का पालन नहीं हो रहा है.सदर अस्पताल के आपात कक्ष एवं ओपीडी में मरीजों के साथ- साथ डॉक्टर्स एवं स्वास्थ्यकर्मी भी इलाज के दौरान मास्क का उपयोग नहीं कर रहें हैं.आपातकक्ष में हवा को संक्रमण मुक्त करने के लगाया गया एयर फ्यूरिफायर नहीं लगाया गया है. राष्ट्रीय दिशा-निर्देशों का सही ढंग से पालन करने के लिए इंफेक्शन कंट्रोल कमेटी का गठन किया गया है. गठित टीम द्वारा वायु जनित संक्रमण को रोकने के संबंध में समय समय पर जांच कर सलाह नहीं दिया जाता है.सामान्य मरीजों के साथ टीबी मरीजों का इलाज नहीं करना है.इससे सामान्य मरीजों में टीबी होने का खतरा काफी बढ़ जाता है. लेकिन आए दिन देखा जाता है कि आपात कक्ष या वार्ड में सामान्य मरीजों के साथ टीबी मरीजों का इलाज किया जाता है. सही तरीके से नहीं होता है जैव चिकित्सा अपशिष्ट का प्रबंधन सदर अस्पताल के किसी भी विभाग में जैव चिकित्सा अपशिष्ट का प्रबंधन की बात तो दूर की बात है.जैव अपशिष्ट पदार्थों को रखने के लिए नियमानुसार डिब्बे भी नहीं रखे जाते हैं.अगर कुछ विभागों में डिब्बे अगर रखे भी गए हैं तो उनके कचड़ों का निस्तारण राष्ट्रीय दिशा निर्देशों के अनुसार नहीं किया जाता है.सदर अस्पताल के लेबर रूम,ऑपरेशन थियेटर,लैब एवं यक्ष्मा विभाग से निकलने वाले जैव चिकित्सा अपशिष्ट का निस्तारण अस्पताल के कर्मचारियों द्वारा जैसे तैसे कर दिया जाता है. प्रदूषण से बढ़ने वाले संक्रमण की रोकथाम के लिए दस बेड से अधिक वाले अस्पतालों में एफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट लगाना अनिवार्य कर दिया है.लेकिन सदर अस्पताल में इसकी व्यवस्था नहीं है.अस्पतालों में भारी मात्रा में लिक्विड बेस्ट से गंदा पानी निकलता है, जो बाद में नालों में चला जाता है. इससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है.जानकारी के अनुसार, अस्पतालों से मवाद, खून, केमिकल्स सर्जरी से निकलने वाली तरल गंदगी और संक्रमित पानी निकलता है, जो सीवेज लाइन के माध्यम से जाकर नालियों में बह जाता है. क्या कहते है जिम्मेदार वायुजनित संक्रमण के रोकथाम हेतु राष्ट्रीय दिशा-निर्देशों का पालन करने के लिए इंफेक्शन कंट्रोल कमेटी का गठन कर दिया गया है.इसके लिए मरीजों एवं उनके परिजनों को भी जागरूक किया जा रहा है. डॉक्टर अनिल कुमार सिंह,अधीक्षक,सदर अस्पताल,सीवान

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