सीवान : गुरुवार को मंडलकारा की विशेष अदालत में पूर्व सांसद मो़ शहाबुद्दीन से जुड़े तीन मामलों में सुनवाई होनी थी. लेकिन तिहाड़ जेल से मो़ शहाबुद्दीन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा पेशी नहीं होने के कारण सुनवाई नहीं हो सकी. गौरतलब हो कि पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड के मामले में दसवें आरोपित बने मो़ शहाबुद्दीन को सीबीआइ ने पूछताछ के लिए आठ दिनों के लिए सोमवार से रिमांड पर लिया है.
जिस कारण मंडल कारा में विशेष न्यायाधीश सह प्रथम अपर जिला व सत्र न्यायाधीश विनोद शुक्ल की अदालत में पेशी नहीं हो सकी. इधर, कमरूलहक अपहरण कांड के मामले में आरोप गठन होना था. बतातें चले कि 2005 के विधानसभा चुनाव की चुनाव सामग्री लेकर कमरूलहक जिला निर्वाचन कार्यालय से लौट रहे थे. इसी दरम्यान शाम में पांच बजे लक्ष्मीपुर ढाले के पास मो़ शहाबुद्दीन के इशारे पर ध्रुव जायसवाल, मनोज दास, मनोज सिंह, सोबराती मियां व पूर्व मंत्री विक्रम कुंवर ने आधुनिक अस्त्र के बल पर अपहरण कर लिया था. इस मामले में सुनवाई के लिए शहाबुद्दीन की पेशी होनी थी.
इसी तरह मो़ शहाबुद्दीन के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने व प्रधान सहायक राज नारायण के अपहरण के मामले में एके दीक्षित की अदालत से तीन वर्ष की सजा सुनायी गयी है. इसके खिलाफ विशेष न्यायाधीश की अदालत में क्रिमिनल अपील 14/11 दाखिल है. इस पर सुनवाई होनी थी, जो नहीं पूरी हो सकी. वहीं, राजीव रौशन हत्या कांड के मामले में शहर के दक्षिण टोला निवासी चंदन चौधरी व अखलाक अहमद के खिलाफ गवाही होनी थी, लेकिन अभियोजन द्वारा गवाह प्रस्तुत नहीं किये जाने के कारण गवाही नहीं हो सकी.