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सीवान : बारिश के बाद झील बनीं सड़कें, शहर बना नरक

सीवान : जिले में लगातार तीन दिनों से हो रही मूसलधार बारिश के कारण शहर की सड़कें मंगलवार को झील में तब्दील हो गयी. सड़कों को झील में तब्दील होने के कारण राजेंद्र पथ की सड़के पर दिन भर जाम रही. सड़कों पर जलजमाव के कारण पूरा शहर नरक बना रहा. बारिश के कारण शहर […]

सीवान : जिले में लगातार तीन दिनों से हो रही मूसलधार बारिश के कारण शहर की सड़कें मंगलवार को झील में तब्दील हो गयी. सड़कों को झील में तब्दील होने के कारण राजेंद्र पथ की सड़के पर दिन भर जाम रही. सड़कों पर जलजमाव के कारण पूरा शहर नरक बना रहा.

बारिश के कारण शहर के कई मोहल्लों के अलावा प्रमुख सड़कों पर जलजमाव का नजारा दिखा. पूरे दिन कभी रुक-रुक कर बूंदा-बूंदी हुई तो कभी जोरदार बारिश के बीच मौसम सुहावना बना रहा. हालांकि पूरे दिन बदरा के बरसने से जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया.
कामकाज के लिए बाहर निकले लोग लोग बारिश से बचने के लिए इधर-अधर ठौर की तलाश करते रहे. कई सरकारी कार्यालय परिसर भी जलजमाव के चपेट में आ गये. इस बीच आसमान में उमड़ बादल मंगलवार की रात के साथ ही बुधवार को भी बारिश होने का संकेत देते रहे हैं.
वैसे रविवार की रात्रि से शुरू हुई बारिश के कारण पूरे शहर की स्थित नारकीय हो गयी है. कई मोहल्लों में जलजमाव के कारण लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो गया. मालूम हो कि शहर से लेकर गांव में रहने वाले लोगों के लिए बारिश मुसीबत बन गयी क्योकि इस मूसलधार बारिश ने नगर पर्षद की सफाई की पोल खोल कर रख दी है.
जलनिकासी का समुचित इंतजाम नहीं होने के चलते पूरा सीवान झील में तब्दील दिखा. शहर की ऐसी कोई सड़क व गली नहीं बची थी. जहां जलजमाव का नजारा न दिखा हो. बारिश के बाद शहर में जगह -जगह हुए जलजमाव के लिए लोगों ने नगर पर्षद को जिम्मेवार ठहराया.
लोगों का कहना था कि जलजमाव से निजात दिलाने के लिए पहले ठोस गदम उठाया गया रहता तो शायद यह स्थिति नहीं उत्पन्न हुयी रहती. बारिश ने शहर के नालों की सफाई व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है.
पूर्व सांसद का मुहल्ला तालाब में तब्दील : बारिश से जिला मुख्यालय का मालवीय नगर स्थित पूर्व सांसद ओमप्रकाश यादव का मुहल्ला तालाब में तब्दील हो गया. इस मुहल्ला के सभी सड़कें पर घुटने भर पानी जमा हो जाने से राहगीरों व मुहल्ले के लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा.
कुछ ऐसी ही परेशानी शहर की अन्य सड़कों के जलमग्न हो जाने से भी लोगों को उठानी पड़ी. इसी तरह की स्थिति पूर्व एमएलसी मनोज कुमार सिंह के मुहल्ले का भी है. यहां पर भी बारिश का पानी सड़क पर नजर आया.
बारिश से किसानों में खुशी : तीन दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश से किसानों में खुशी की लहर दौड़ गयी. वहीं आमलोगों को भी गर्मी से काफी राहत मिली. ग्रामीण क्षेत्रों में किसान बारिश होने के बाद खेतीबाड़ी के कार्य में लग गये हैं. कई गांवों में किसान अपने खेत में धान की रोपनी के लिए बिचड़ा गिराने में जुटे है.
वहीं इस बारिश के बाद जो धान का बिचड़ा पानी के बिना सूख रहा था. वह अब शीघ्र ही तैयार हो जायेगा. इसके चलते किसान धान की रोपनी कराने की तैयारी में लग गये हैं. अनुमान है कि अगले सप्ताह के बाद धान की रोपनी भी शुरू हो जायेगी.
नप में विकास कार्यों की पोल खोल रही बारिश
महाराजगंज. क्षेत्र की विकास की दावा सभी प्रतिनिधि करते हैं. स्थानीय नगर पंचायत क्षेत्र अनुमंडल मुख्यालय का शहर है. जहां घनी बस्ती के बात तो दूर रही सभी प्रमुख चौक-चौराहे की सड़क भी गढ्ढे में तब्दील है. गड्ढों में जलजमाव हो गया, जिसमें वाहन तो फंसती ही है. बाइक से चलने वाले भी गिर कर अपना बुरा हाल कर लेते हैं .
शहर से लेकर बाहर के राहगीर भी शहर के नारकीय स्थिति पर स्थानीय सांसद, विधायक व नगर पंचायत के प्रतिनिधियों को कोषने से नहीं थकते हैं. लोगों का कहना है. वोट के लिए सभी क्षेत्र का विकास कराने की बात कहते हैं. जितने का बाद वे अपने विकास में लग जाते हैं. जितने के बाद अपने तो लक्जरी गाड़ी प्रयोग करते भी हैं दूसरी तरफ बेटे बेटी भी बिना लक्जरी वाहन के कहीं निकल नहीं पाते है.
क्या कहते हैं नगरवासी
शहर में काम कराने के लिए पहले एक मास्टर प्लान होना चाहिए, जो महाराजगंज शहरी क्षेत्र में नहीं है. कहीं 100 फीट सड़क, नाला निर्माण कर देने से समस्या दूर नहीं हो जा रही है. पहले जल निकासी की व्यवस्था के तहत काम करने पर ही स्थायी रूप से समस्या का समाधान हो सकता है.
प्रो. सुबोध सिंह, चेतनापूरी
शहर की मुख्य सड़क पर भी रहा जलजमाव का दृश्य
मूसलधार बरसात से पूरे शहर में जलजमाव हो गया था. इसी दौरान शहर के सभी मुख्य सड़क जलजमाव से जूझ रहा था. इससे लग रहा था कि पूरा इलाका झील में तब्दील हो गया है. मुख्य सड़क की कई दुकानों व घरों में बरसात का पानी प्रवेश कर जाने से लोगों को काफी परेशानी हुई. नगर पर्षद द्वारा सही तरीके से नालों की सफाई नहीं कराने से यह समस्या हुई है.
यह समस्या राजेद्र पथ, बबुनिया रोड़ , स्टेशन रोड़, बड़हरिया रोड़, फतेहपुर बाइपास रोड़, छपरा रोड़, गोपालगंज रोड़, कचहरी रोड़, सिसवन ढ़ाला, कचहरी ढ़ाला, बड़हरिया रोड़, नयी बस्ती, नया किला, पुरानी किला के समीप देखने को मिला. इसके अलावा मखदुम सराय और महावीरी पथ के सड़क पर भी घुटने भर भी जलजमाव हुआ था.
बनी रही पूरे शहर में जाम की समस्या
जाम की समस्या शहर में गंभीर होते जा रहा है. जाम की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है, जिसका समाधान होता नहीं दिख रहा है. एक बार फिर से मंगलवार को बारिश के बाद से भीषण जाम का नजारा दिखा. शहर के मुख्य पथ स्थित राजेंद्र पथ पर जेपी चौक से लेकर बड़हरिया मोड़ होते हुए बबुनिया मोड़ के अलावा तरवारा मोड़ सड़क जाम की समस्या से जूझता रहा और काफी संख्या में लोग जाम में फंसे रहे.
इस दौरान सड़क के झील में तब्दील होने के कारण लोगों के कपड़े गंदे होते रहे. काफी मशक्कत के बाद सड़क जाम हटाया जा सका. शहर में एक बार फिर ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह फेल दिखी. शहर में जाम नियमित समस्या बन गयी है. जाम के कारण पैदल चलना मुश्किल हो रहा था.
झमाझम बारिश से ताल-तलैया व खेत-खलिहान में भरा पानी
जीरादेई : भीषण तपिश के बाद हुई झमाझम बारिश से ताल-तलैया व खेत-खलिहान में पानी भर गया. सूखे की आशंका से चिंतित किसानों के लिए यह वरदान साबित हुआ है. पानी के अभाव में ठप पड़ा कृषि कार्य भी अब जोर पकड़ लिया है.
हल बैल व ट्रैक्टर के साथ खेतों में किसान धान की खेती के लिए उतर गये हैं. किसानों ने बताया कि पहले तो रोहिणी नक्षत्र में ही खेतों में बिचड़े पड़ जाते थे, लेकिन अब उस तरह का मॉनसून नहीं रहने से धान की खेती लगभग एक महीने विलंब से शुरू हो रही है. सोमवार की सुबह से ही मौसम ने रंग दिखाना शुरू कर दिया.
आसमान में बादल के डेरा जमाने के बाद पूरे दिन रुक-रुक कर बारिश होती रही. वहीं रात भर मूसलधार बारिस हुई. मंगलवार की सुबह से ही रुक रुक कर बारिश होती रही. यह सिलसिला देर शाम तक जारी रहा. शहर से लेकर ग्रामीण इलाके में भी तेज बारिश हुई है. आसमान में बादल छाने व रिमझिम से मौसम सुहाना हो गया. ठंडी हवा चलने से लोग सकून महसूस कर रहे हैं. मौसम विभाग के अनुसार जिले में मॉनसून सक्रिय हो गया है, जिससे तापमान में गिरावट हो रहा है.
बारिश से थाना परिसर हुआ जलमग्न, परेशानी : महाराजगंज. अनुमंडलीय शहर के थाना बारिश से जलमग्न है. शहर के गंदे नाले का पानी का भाव भी थाना परिसर में हो रहा है. थाना परिसर के जलजमाव निकासी नहीं होने से बाहर नहीं निकल पाता है. पुलिस कर्मियों को तो अंदर-बाहर जाने में परेशानी तो हो हीं रही है.
आम जनता को थाना पर आवश्यक कार्य के लिए जाने में भी परेशानी हो रही है.
सबसे परेशानी महिलाओं को होती है. जिन्हें अपने आवश्यक कार्य के लिए थाना जाना पड़ता है. पुलिस कॉलोनियों में भी गंदा पानी प्रवेश कर रहा है. जूता खोल कर पुलिस पदाधिकारियों पेंट उठा कर थाने में आना पड़ता है.
धान के बिचड़े डूबे, किसान चिंतित
दरौंदा. दो दिनों से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से दरौंदा प्रखंड कई गांव के खेतों में पानी भर गया हैं. कई गांवों में किसान बुआई के लिए बिचड़ा डाल चुके थे व उनका बिचड़ा लगभग तैयार हो चुका था. परंतु लगातार दो दिनों की झमाझम बारिश से धान का बिचड़ा पानी में डूब गयी हैं. इससे किसान समय पर धान की रोपनी नहीं कर सकेंगे.
प्रखंड के बगौरा, भीखाबाध, जमालपुर, कमसडा, हाथोपुर, धानाडीह, धनौती, रुकुंदीपुर, कोडारी खुर्द गांवों के किसानों ने बताया कि काफी परिश्रम एवं खर्च कर खेतों को तैयार कर बिचड़े तैयार हुए थे. अब पानी में डूब जाने से पूरी खेती ही बर्बाद होने की आशंका है. लीला साह के पोखरा से बगौरा तक सड़क के दोनों ओर खेतों में पानी भरा हुआ हैं. कहीं-कहीं खेतों की मेड़ कटने से धान के बिचड़े मिट्टी में दब गये हैं. वहीं प्रखंड क्षेत्र में कई नहरों के भी बांध टूटने की खबर है.
रघुनाथपुर रेफरल अस्पताल जलमग्न
रघुनाथपुर. प्रखंड मुख्यालय के रघुनाथपुर बाजार स्थित रेफरल अस्पताल में बारिश की पानी से पूरी तरह जलमग्न हो गया है. जिससे महिलाओं व पुरुषों की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा. वहीं इस परेशानी से स्वास्थ्य कर्मी भी जूझ रहे है.
मालूम हो कि तीन दिन से मूसलाधार बारिश के कारण इस अस्पताल परिसर में पूरी तरह जलमग्न हो चुका है, जिससे अस्पताल में ही मरीजों की महामारी फैलने की आशंका बना रहता है. बरसात के मौसम में अस्पताल की महिला वार्ड कभी भी ध्वस्त हो सकता है. जिसका छत पूरी तरह से जर्जर हो चुका है. इसके बावजूद भी महिलाओं के प्रसव के बाद इसी रूम में ठहरना पड़ता है.
यही नहीं अस्पताल परिसर की आवास की स्थिति जर्जर ही है. बरसात के मौसम में भी स्वास्थ्य कर्मी व चिकित्सक पूरी रात जाग कर बिताते है. स्वास्थ्य प्रबंधक एम आलम ने बताया कि अस्पताल की जर्जरता से जिला में अवगत कराया जा चुका है. वहीं अस्पताल परिसर में जल जमाव की निकासी के लिए सीएस को पत्र लिखा गया है.
पुरानी किला, मखदुम सराय लक्ष्मीपुर, नयी बस्ती की स्थिति खराब
नगर के कई मुहल्ला बारिश के बाद नरक में बदल गया है, जिसमें पुरानी किला, मखदुम सराय, लक्ष्मीपुर, नयी बस्ती, डीएवी मोड़, महादेवा , रामनगर ,निराला नगर, अदर्श नगर, शांति नगर सहित अन्य शामिल है. इन मुहल्लों में जल निकासी का कोई ठोस इंतजाम नहीं होने के कारण बरसात के मौसम में जल जमाव की समस्या से जुझना पड़ता है.

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