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टेंट हाउस में मजदूरी करता था असगर तंत्र के जाल से बनायी करोड़ों की संपत्ति
अमरनाथ शर्मा, सीवान/तरवारा : साल का गोरा तांत्रिक असगर मस्तान 2002-03 में गांव ही के एक टेंट हाउस में मजदूरी का काम करता था. तीन भाइयों में सबसे छोटा असगर की शुरुआती शिक्षा गांव के ही सरकारी स्कूल में हुई थी. पढ़ाई में मन नहीं लगने के कारण यह आठवीं कक्षा ये आगे नहीं पढ़ […]
अमरनाथ शर्मा, सीवान/तरवारा : साल का गोरा तांत्रिक असगर मस्तान 2002-03 में गांव ही के एक टेंट हाउस में मजदूरी का काम करता था. तीन भाइयों में सबसे छोटा असगर की शुरुआती शिक्षा गांव के ही सरकारी स्कूल में हुई थी. पढ़ाई में मन नहीं लगने के कारण यह आठवीं कक्षा ये आगे नहीं पढ़ सका और पैसे कमाने में जुट गया. दो सालों तक टेंट हाउस में काम करने के बाद इसकी तरवारा बाजार के ही एक मस्तान से हुई तथा इसके साथ काम करने लगा. लोगों का कहना है कि इसके बाद वह तांत्रिक विद्या सीखने के लिए बंगाल भी गया था.
वहां से लौटने के बाद असगर तांत्रिक सैयद असगर मस्तान बाबा बन गया तथा लोगों का इलाज तथा झाड़-फूंक करने लगा. इसके दादा करीब सौ साल पहले अपने गोरेयाकोठी थाने के कपिया हाता गांव को छोड़कर आकर यहां बस गये. असगर का परिवार मध्यम वर्गीय परिवार था. जमीन इतनी नहीं थी कि परिवार का खर्च चल सके. 2010 के बाद तांत्रिक असगर मस्तान का धंधा चल पड़ा और अपने व्यवसाय से कमाने लगा.
नेपाल सहित देश भर से लोग आते थे झाड़-फूंक कराने : गांव के लोगों का कहना है कि तांत्रिक असगर मस्तान के यहां नेपाल सहित पूरे देश से लोग इलाज व झाड़-फूंक कराने के लिए आते थे. बुधवार से शनिवार तक तो बीएमडब्ल्यू जैसी गाड़ियों से रसूख लोग बाबा के दर्शन करने आते थे तथा चढ़ावा चढ़ाते थे. एक तरफ बाबा के आश्रम में इलाज कराने वाले लोगों का कहना है कि बाबा इलाज के नाम पर कुछ नहीं लेते थे.
बस दरबार में जब दुआ लगाते थे तो सौ-दो सौ रुपये दिया जाता था. गांव के ही एक व्यक्ति ने बताया कि यह बात सही है कि बाबा का धंधा चल पड़ा था. उसने सवालिया लहजे में कहा की बरामद रुपये बाबा के धंधे का नहीं लगता है.
जरूर इन्होंने गलत धंधे से रुपयों को अर्जित की है. उसने आगे कहा कि बाबा के अपराधी चरित्र लोगों से काफी मेल-मिलाफ था. शाम होते ही इन लोगों की अलग महफिल लगती थी. काफी पूछने पर भी उस व्यक्ति ने अपना नाम नहीं बताया.
स्वास्थ्य विभाग को एसपी ने जांच करने के लिए कहा: एसपी नवीन चंद्र झा ने कहा कि सिविल सर्जन से कहा गया है कि वे एक मेडिकल टीम भेज कर जांच कराकर बिना डिग्री के लोगों की इलाज व झाड़-फूंक करने वाले बाबा का अड्डा बंद कराया जाये. उन्होंने कहा कि किसी भी दृष्टिकोण से उसे चलाने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए. असगर मस्तान द्वारा नियम व कानून को ताक पर रखकर अमानवीय तरीके से इलाज किया जा रहा था.
जब पत्रकारों ने एसपी को बताया कि जिसे आप ने बाबा के चंगुल से मुक्त कराया था. वे सभी लोग पुन: बाबा के शरण में चले गये हैं. उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी नहीं है. उन्होंने इसकी जानकारी लेकर बाबा के अड्डे को पूर्ण रूप से बंद करने की बात कही.
ईदगाह में रोके जाने पर मस्तान करावा रहा था मस्जिद का निर्माण : जहां पर मस्जिद का निर्माण हो रहा है उसके ठीक इसके सामने एक ईदगाह है. लेकिन गांव के लोगों द्वारा मस्तान बाबा को इसमें जाने से रोके जाने के कारण मस्तान बाबा अपने लिए अलग से एक मस्जिद बनवा रहा है. एसपी नवीन चंद्र झा ने बताया कि महाराजगंज सीओ से जिस जमीन पर मस्जिद का निर्माण हो रहा है. उसकी रिपोर्ट मांगी गयी है.
छह साल पहले बहन ने किया था शारीरिक शोषण का केस
एसपी नवीन चंद्र झा ने बताया कि करीब छह साल पहले असगर मस्तान की चचेरी बहन ने महिला थाने में एफआइआर दर्ज कर शारीरिक शोषण का आरोप लगाया था. इस मामले में हाजिर नहीं होने पर पुलिस द्वारा कुर्की-जब्ती की गयी थी. उन्होंने बताया कि जीबी नगर काड संख्सा 43/17 में असगर मस्तान जेल गया था. इसके आलावे एक्सपायर दवा बरादगी के मामले में मस्तान पर मुकदमा स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया गया है.
नेपाल भागने की अटकलें मां-भाभी भेजी गयीं जेल
असगर बाबा के विरुद्ध कई आपराधिक मामले दर्ज है. जीबी नगर थाना कांड संख्या 43/17 दिनांक 15-02-2017 को धारा 341/323/324/354/504/34 भादवी तथा जीबी नगर थाना में बाबा के विरुद्ध हत्या की भी प्राथमिकी दर्ज है. वहीं जीबी नगर थाना में थाना कांड संख्या 60/19 धारा 353 समेत अवैध रूप से दवा की खरीद बिक्री करने के प्राथमिकी दर्ज है.
पुलिस ने बताया कि दर्ज प्राथमिकी के आलोक में असगर अली उर्फ मस्तान बाबा की मां मुन्नी बीबी तथा शौकत अली की पत्नी शहाना खातून को पुलिस के साथ छापेमारी के दौरान हल्ला-हंगामा करने व विरोध करने के आरोप में महिला अभिरक्षा में जेल भेज दिया. वहीं मस्तान की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है. कोई चर्चा कर रहा है किसी अधिवेशन में भाग लेने के लिए मस्तान दिल्ली गया तो कोई छापेमारी के बाद भागकर नेपाल में शरण लेनी बात कह रहा है. फिलहाल पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए प्रयासरत है.
कारनामों को छिपाने के लिए थामा था भाजपा का दामन
तांत्रिक असगर मस्तान ने अपनी दौलत व शोहरत के बल पर काले करनामों को छिपाने के लिए बीजेपी का दामन थाम लिया. बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के वैसे ही लोगों ने असगर मस्तान को पार्टी के शीर्ष नेताओं की खिदमत कर प्रदेश उपाध्यक्ष का पद अल्पसंख्यक मोर्चा में दिलवाया. उसके काले कारनामों की पोल खोलने के बाद बीजेपी में मस्तान को पार्टी से निकालने की बात शुरू हो गयी है. तांत्रिक असगर मस्तान ने पैसों के बल पर ही फर्जी संस्थान राष्ट्रीय मानवाधिकार अपराध नियंत्रण संगठन का बोर्ड लगाकर अधिकारियों के सामने सीना तानकर चलता था.
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