सीवान : भगवानपुर हाट प्रखंड के आपूर्ति पदाधिकारी का रिश्वत लेते हुए वीडियो वायरल होने के बाद जिला पदाधिकारी के आदेश पर बीडीओ अभय कुमार ने स्थानीय थाने में एफआईआर दर्ज करायी है. वीडियो में एक व्यक्ति उन्हें रिश्वत देते हुए दिखायी दे रहा है. रिश्वत देने वाले की पहचान लोग जनवितरण प्रणाली विक्रेता के रूप में कर रहे हैं. वायरल वीडियो को किसी ने जिलाधिकारी के वाट्सएप पर भेज दिया था. वहीं, भगवानपुर हाट निवासी सले आलम ने इसकी शिकायत जिलाधिकारी से की है.
जिलाधिकारी रंजीता ने मामले काे संज्ञान में लेते हुए महाराजगंज एसडीओ को जांच कर दोषी एमओ पर प्राथमिकी दर्ज करने सहित अन्य विभागीय कार्रवाई करने का निर्देश दिया था. बता दें कि शुक्रवार से ही यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वरीय पदाधिकारी के संज्ञान में आने के बाद जिले के अन्य पदाधिकारियों में हड़कंप मच गया.
डीएम से शिकायत करने वाले ने कहा है कि वह प्रखंड के नदुआ पोखरा गांव स्थित रामायण सिंह के मकान पर था. उसी दौरान देखा कि एक कमरे के अंदर और बाहर काफी भीड़ थी. अपने दोस्त से पूछा कि यह भीड़ लगने का क्या कारण है. उसने बताया कि सभी लोग प्रखंड क्षेत्र के जनवितरण प्रणाली के दुकानदार हैं. एमओ लाल प्रताप सिंह से अपनी-अपनी दुकान की पुस्तिका सत्यापन कराने आये हैं और इसके एवज में रिश्वत के रूप में मोटी रकम अदा कर रहे हैं. यह सुनकर मैं हैरान रह गया और जब उनके कमरे में गया तो देखा कि सभी दुकानदार एक-एक कर मोटी रकम दे रहे हैं और पुस्तिका सत्यापित करा रहे हैं. वीडियो बनाने की जानकारी जब उन लोगों को हुई तो एमओ लाल प्रताप सिंह, नागेंद्र सिंह, बलिराम सिंह, राहुल कुमार सिंह मुझे मारने पीटने लगे.
एमओ लाल प्रताप सिंह और नागेंद्र सिंह ने मेरी गर्दन में गमछा डालकर मुझे जाने से मारने की कोशिश की और कहने लगे कि जो वीडियो बनाया उसे तुरंत घर से मंगाकर दो नहीं तो यहीं तुम्हें खत्म कर देंगे, जिसके बाद मैं वहां से किसी तरह भाग निकला. जिलाधिकारी रंजीता ने कहा कि वीडियो को देखने के बाद महाराजगंज एसडीओ को जांच कर प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया गया. इसके बाद बीडीओ अभय कुमार थाने पहुंचे और मामला दर्ज कराया ताकि आगे ऐसी गलती अधिकारी नहीं कर सकें. उन्होंने इसे गंभीर मामला बताया है.