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गेहूं फसल को भारी नुकसान, उड़े छप्पर

सीतामढ़ी : बुधवार की रात्रि से शुरू हुई बारिश ने जिले के सैकड़ों किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है. वहीं, आंधी के चलते दर्जनों गरीब-गुरबों के छप्पर उड़ गये. गेहूं की खेती अन्य फसलों के मुकाबले महंगी मानी जाती है. किसान कड़ी मेहनत व अन्य फसलों की अपेक्षा अधिक लागत से गेहूं की […]

सीतामढ़ी : बुधवार की रात्रि से शुरू हुई बारिश ने जिले के सैकड़ों किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है. वहीं, आंधी के चलते दर्जनों गरीब-गुरबों के छप्पर उड़ गये. गेहूं की खेती अन्य फसलों के मुकाबले महंगी मानी जाती है. किसान कड़ी मेहनत व अन्य फसलों की अपेक्षा अधिक लागत से गेहूं की खेती किये थे. जब फसल काटकर अनाज को घर ले जाने की बारी आयी तो प्रकृति ने अपना रंग दिखाया और किसानों की सारी मेहनत, लागत व उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. विगत एक पखवाड़े से रूक-रूक कर बारिश होती रही है, जिससे किसानों को पहले ही काफी नुकसान हो चुका था.

ऐसे में बुधवार की शाम से गुरुवार की दोपहर तक रूक-रूक कर हुई बारिश ने किसानों को और चिंता में डाल दिया है. कई किसानों के फसल कटने के बाद खेतों में ही पड़े थे. हालांकि, आधे से भी अधिक खेतों में लगे गेहूं की फसल की कटाई की जा चुकी थी.
गन्ना व मूंग फसल को फायदा
सीतामढ़ी : पिछले एक पखवाड़े से रूक-रूक कर हो रही बारिश व आंधी से एक ओर जहां गेहूं समेत अन्य कई फसलों को नुकसान पहुंचाया है. वहीं, स्थानीय किसानों की राय में जिले के सैकड़ों हेक्टेयर में लगे गन्ना व मूंग की फसल को इस बारिस से काफी फायदा हुआ है. इस मौसम मे किसानों को गन्ना व मूंग की फसल की सिंचाई के लिए हजारों रुपये खर्च करने पड़ते हैं. बारिश ने ऐसे किसानों को थोड़ी राहत दी है.
पानी में डूबी फसल: सीतामढ़ी . डुमरा प्रखंड के मिरचईया गांव के किसान आनंद मुखिया व रसलपुर गांव के पंकज सिंह के कई एकड़ खेतों में लगी गेहूं की फसल की कटाई की गयी थी और फसल खेतों में ही पड़े थे.
इधर, तेज बारिश के चलते स्थानीय गुलाम मुखिया का घर धराशायी हो गया. घटना के वक्त उनकी पत्नी खाना पका रही थी. लेकिन, गनीमत रही कि वह बाल-बाल बच गयी. गांव के अन्य दर्जनों घरों के फूस व तिरपाल से ढ़के छप्पर उड़ गये, जिससे लोगों को बरसात में भींग कर रात गुजारनी पड़ी. ऐसे परिवारों के बिस्तर तक भींग गये थे. आंधी के साथ तेज बारिश के चलते कई परिवारों के चूल्हे तक नहीं जले.
अंधेरे में डूबा इलाका :
बैरगनिया.बुधवार की देर रात आंधी के साथ हुई मूसलाधार बारिश से जहां खेतों में लगी गेहूं की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है. वहीं, बिजली के हाइटेंशन तार टूटने व डीबी पोल को गिरने से ढ़ाका ग्रिड से विद्युत आपूर्ति ठप हो गयी है, जिससे पूरा क्षेत्र अंधेरा में डूब गया है. बारिश व आंधी-तूफान ने खेत में दौनी के लिए रखी फसल पानी में डूबा दिया है. जिससे सैकड़ों क्विंटल गेहूं के फसल के बरबाद होने की आशंका बढ़ गयी है. उधर, ढ़ाका ग्रिड से बैरगनिया आने वाली हाइटेंशन विद्युत तार मोतिहारी जिले के ढ़ाका प्रखंड अंतर्गत बड़हरवा गांव के समीप टूट गया.
इसके अलावा बरेबा गांव के समीप डीबी पोल टूटकर गिर गया, जिससे प्रखंड में विद्युत सेवा पूरी तरह से बाधित हो गया है. क्षेत्र पूरी तरह से अंधेरे में डूब गया है. कनीय अभियंता अविनाश कुमार सिंह ने बताया कि ढाका ग्रिड से आने वाली टूटे हाइटेंशन तार व क्षतिग्रस्त पोल को ठीक किया जा रहा है. शीघ्र हीं बिजली आपूर्ति बहाल हो जायेगा.
सुरसंड : विगत दो दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश के कारण प्रखंड के किसानों का रबी व दलहन की फसल भींगकर बर्बाद हो गया है. किसानों की तैयार गेहूं की फसल कुछ खेतों में तो कुछ खलिहान में भींगकर सड़ रहा है. अब किसानों को खलिहान में रखे गेहूं के लगातार भींगने से अंकुरित होने का भय सताने लगा है. वहीं, आम व लीची के फसल को भी भारी नुकसान पहुंचा है.
रीगा . मूसलाधार बारिश के चलते खेतों में तैयार गेहूं की फसल लगभग बरबाद हो गया, जिससे प्रखंड के किसान चिंतित हैं. किसानों की मानें तो अभी आधे से भी अधिक गेहूं की फसल खेतों में ही है.
आंधी-बारिश से आम-लीची के साथ साथ सब्जी की खेती पर भी प्रतिकूल असर पड़ा है. हालांकि, गन्ना की फसल को लाभ पहुंचा है. सबसे ज्यादा चिंता किसानों को तैयार गेहूं फसल के कारण हो रही है. किसान रमेश प्रसाद सिंह, नरेश झा, देव नारायण महतो, संतोष पांडे, शंकर मंडल, राकेश कुमार सिंह ने बताया कि तेज हवा व मूसलाधार बारिश से पेड़-पौधे व घर गिरने के साथ ही विभिन्न फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है.

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