मातम. सड़क हादसे में मृत युवकों का शव पहुंचा सीतामढ़ी
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चीत्कार से माहौल गमगीन
मातम. सड़क हादसे में मृत युवकों का शव पहुंचा सीतामढ़ी सीतामढ़ी/मेजरगंज : पड़ोसी देश नेपाल के मकवानपुर जिले के मनिहारी थाना क्षेत्र अंतर्गत ज्यामिरे के पास हुए भीषण सड़क हादसे में मृत जिला मुख्यालय डुमरा के महावीर चौक वार्ड 6 निवासी संजीव कुमार 33 वर्ष व मेजरगंज थाना के कुआरी मदन निवासी संतोष कुमार 38 […]
सीतामढ़ी/मेजरगंज : पड़ोसी देश नेपाल के मकवानपुर जिले के मनिहारी थाना क्षेत्र अंतर्गत ज्यामिरे के पास हुए भीषण सड़क हादसे में मृत जिला मुख्यालय डुमरा के महावीर चौक वार्ड 6 निवासी संजीव कुमार 33 वर्ष व मेजरगंज थाना के कुआरी मदन निवासी संतोष कुमार 38 वर्ष का शव रविवार की देर रात सीतामढ़ी पहुंचा.
हादसे की सूचना के बाद रविवार की सुबह नेपाल गये परिजन देर रात दोनों का शव लेकर सीतामढ़ी पहुंचे. वहीं इस हादसे में मृत एक अन्य युवक का शव लेकर उसके परिजन मुजफ्फरपुर को रवाना हुए. हादसे में जख्मी की मेजरगंज थाना के नरकटिया निवासी राजीव कुमार शर्मा का नेपाल के ही अस्पताल में गंभीर स्थिति में इलाज जारी है.
इधर, शव पहुंचते ही परिजनों में कोहराम मच गया. डुमरा से लेकर मेजरगंज तक का इलाका चीत्कार में डूब गया. बड़ी संख्या में लोग शव देखने पहुंचे. जिसने भी यह खबर सुनी बदहवास रह गया. बताते चले की शनिवार की देर शाम हेटोड़ा-नारायणगढ़ सड़क के ज्यामिरे के पास रक्सौल से काठमांडू जा रही भारतीय कार नंबर बीआर 6डी-5625 को चितवन के नारायणगढ़ से हेतौड़ा जा रहे ट्रक नंबर ना 6 ख-6561 ने सामने से ठोकर मार दी थी. जिससे कार में सवार तीनों की मौके पर ही मौत हो गयी थी.
वहीं जख्मी अवस्था में राजीव कुमार शर्मा को चितवन मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पीटल में भरती कराया गया था. रविवार की सुबह सूचना मिलते ही परिजन मकवानपुर रवाना हुये और देर शाम शव लेकर वापस लौटे. बताया गया है कि उक्त चारों युवक संजीव की कार से मनोकानानाथ व पशुपतिनाथ के दर्शन के लिए काठमांडू जा रहे थे. इसी दौरान मकवानपुर के ज्यामिरे के पास यह हादसा हुआ.
नेपाल के मकवानपुर में हुए सड़क हादसे में संजीव कुमार उर्फ कल्टू की मौत से पूरा परिवार टूट गया है. रविवार की रात नेपाल से एंबुलेंस के जरिये जैसे ही संजीव का शव उसके मुख्यालय डुमरा के महावीर चौक वार्ड 6 स्थित आवास पर पहुंचा, क्रंदन व चीत्कार से इलाका दहल गया. सैकड़ों की संख्या में लोग उमड़ पड़े.
संजीव के पिता शिवहर व्यवहार न्यायालय में पेशकार के पद पर तैनात उपेंद्र कुमार ने बेटे को मुखाग्नि दी. डुमरा के चंडी धाम के पास उसका अंतिम संस्कार किया गया. संजीव की मौत के बाद इस परिवार के अरमानों पर पानी फिर गया है. मां बदहवास है और पत्नी बेसुध, पुत्र अभिनव आनंद, 14 वर्ष व पुत्री वैभव 11 वर्ष अपने पिता की तलाश कर रहे हैं. संजीव अपने माता-पिता का इकलौता पुत्र था. संजीव पढ़ाई में भी मेधावी था. लेकिन पढ़ाई के बाद उसने नौकरी व रोजगार के बजाये ठेकेदारी को प्राथमिकता दिया. भवन व पथ निर्माण विभाग में वह ठेकेदारी करने लगा. वर्ष 2006 में उसने डुमरा में ही नर्मदा सिंह से प्रेम विवाह किया था. नर्मदा मुजफ्फरपुर में भवन प्रमंडल विभाग में लेखा लिपिक के पद पर तैनात है. संजीव कार का शौकीन था.
वहीं उसकी भगवान के प्रति बड़ी आस्था थी. यहीं वजह है कि वह छुट्टी मिलते हीं धार्मिक स्थलों पर जाना नहीं भूलता था. एक माह पूर्व हीं वह अपने मोहल्ले के निवासी सह डुमरा वार्ड 6 के पार्षद मृत्युंजय कुमार उर्फ संजय व उनके परिवार के सदस्यों के साथ सपरिवार देवघर व तारापीठ के दर्शन को गया था. जबकि पत्नी के साथ वह गुरुवार को वाराणसी स्थित काशी विश्वनाथ का दर्शन कर लौटा था. शुक्रवार को आराम करने के बाद शनिवार को दोस्तों के साथ मनोकामनानाथ व पशुपति नाथ के दर्शन को काठमांडू गया था. लेकिन यह उसकी जिंदगी की अंतिम यात्रा साबित हुई.
13 वर्षीय मासूम ने दी संतोष को मुखाग्नि
नेपाल सड़क हादसे में मृत संतोष की मौत के बाद न केवल उसके पैतृक गांव मेजरगंज थाना के कोआरी बल्कि डुमरा में भी लोग मर्माहत है. संतोष मूल रूप से मेजरगंज थाने के कोआरी गांव का रहने वाला था, लेकिन बचपन से लेकर अब तक उसकी जिंदगी मुख्यालय डुमरा में हीं गुजारी. वह फिलहाल डुमरा के महावीर चौक के पास किराये पर मकान लेकर पत्नी सुनीला, पुत्र अनुकूल 13 वर्ष व आर्यन 11 वर्ष के साथ रहता था. वह बच्चों को पढ़ाने के लिए डुमरा में रहता था. उसके पिता राम नरेश सिंह सीतामढ़ी व्यवहार न्यायालय में कार्यरत है. गांव पर मां व भाई रहते है. संतोष हूनरमंद था. वह पूर्व में डुमरा स्थित डॉ आरके यादव के यहां कंपाउंडर का काम करता था. बाद में वह वाहन चलाने लगा. संजीव के साथ उसके दोस्ताना संबंध भी थे. उसे डुमरा के एक-एक गली के लोग जानते थे.
उसकी मौत की खबर के बाद से हीं परिजन बदहवास हो गये. पत्नी व बच्चे डुमरा से मेजरगंज चले गये. देर रात शव आने के बाद उसका अंतिम संस्कार किया गया. 13 वर्षीय अनुकूल ने गमगीन माहौल में पिता संतोष को मुखाग्नि दी. इधर, घटना की खबर मिलने के बाद से ही उसकी पत्नी सुनीला बदहवास है. सोमवार को भी वह बेहोश रहीं.
यहीं हाल संतोष की मां उषा देवी का है. वह कभी बहू को संभाल रहीं है तो कभी अपने दोनों नन्हें पोतों को. गांव के लोग व परिजन भी आकर पीड़ित परिवार का दर्द बांट रहे है. हर कोई यहीं कह रहा है कि भगवान को शायद यहीं मंजूर था, वजह, जा रहा था मां के दर्शन को, लेकिन दर्शन से पूर्व हीं दुनिया से चला गया. अब सवाल यह उठता है कि उसके मासूम बच्चों ने भगवान का क्या बिगाड़ा था.
नेपाल में संजीव व संतोष समेत तीन की हुई थी मौत
हादसे में घायल नेपाल के अस्पताल में इलाज जारी
संजीव के घर दर्द बांटनेवालों का तांता: संजीव के मौत की खबर मिलने के बाद रविवार की सुबह से हीं उनके घर लोगों का पहुंचना जारी था. देर रात शव पहुंचने के बाद लोगों की भीड़ और बढ़ गयी. जबकि सोमवार को पूरे दिन परिजन, मित्र व अन्य लोग पहुंचते रहे. इस क्रम में पूर्व सांसद सीताराम यादव व नगर विधायक सुनील कुमार कुशवाहा समेत बड़ी संख्या में लोग संजीव के आवास पर पहुंच कर परिजनों का
दर्द बांटा, वहीं सांत्वना दिया.
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