कण-कण में मौजूद ईश्वर का
दिव्य दृष्टि द्वारा साक्षात्कार
सीतामढ़ी : शहर स्थित श्री राधाकृष्ण गोयनका कॉलेज मैदान में मंगलवार से श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का भव्य शुभारंभ हुआ. कार्यक्रम का शुभारंभ पूर्व सांसद सीताराम यादव, विधायक गायत्री देवी, पूर्व विधायक रामनरेश यादव व सदर अस्पताल के डिप्टी सुपरिटेंडेंट केएन प्रसाद समेत अन्य गणमान्य लोगों ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया.
दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के संस्थापक एवं संचालक आशुतोष जी महाराज की शिष्या व कथा-वाचक सुश्री आस्था भारती ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा भारतीय साहित्य का अपूर्व ग्रंथ है. यह भक्ति रस का ऐसा सागर है, जिसमें डूबने वालों को भक्ति रुपी मणि-माणिक्यों की प्राप्ति होती है. भागवत कथा वह परम तत्व है, जिसकी विराटता व अपरिमित असीम है.
‘भागवतः प्रोक्तम् इति भागवत’ : साध्वी ने श्रीमद्भागवत महापुराण की व्याख्या करते हुए बताया कि ‘भागवतः प्रोक्तम् इति भागवत’ यानी भागवत कथा भगवान की वह वाणी है, जो हमारे जड़वत् जीवन में चैतन्यता का संचार करता है. साध्वि ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा पापनाशिनी, मोक्ष प्रदायिनी व भवभयहारिणी है. श्रीमद्भागवत कथा को केवल मृत्युलोक में ही प्राप्त करना संभव है. उन्होंने कहा कि भक्ति का अर्थ ही है परमात्मा से जुड़ जाना और यही सच्चा धर्म भी है. सर्व श्री आशुतोष महाराज जी ने ब्रह्मज्ञान द्वारा इसी सनातन धर्म व शाश्वत भक्ति को लाखों श्रद्धालुओं के जीवन में उद्घाटित किया है. सर्वश्री आशुतोष महाराज जी कहते हैं, जैसे ‘माइक्रोस्कोप’ के द्वारा सूक्ष्म जीवाणुओं को देखा जाता है, ठीक ऐसे ही कण-कण में मौजूद उस ईश्वर को दिव्य दृष्टि के द्वारा साक्षात्कार किया जाता है.
दृष्टिहीनों की बनायी सामग्री को खरीदने की अपील : साध्वी ने कहा कि श्री गुरु आशुतोष महाराज जी ने नेत्रहीन व अपंग वर्ग को आध्यात्म के सर्वोत्तम विज्ञान ब्रह्मज्ञान द्वारा दृष्टि प्रदान किया. कहा, अंतर्दृष्टि एक ऐसा अनूठा आंदोलन है जो इस विशेष वर्ग को ‘स्वानुभूति’ से ‘स्वावलंबन’ की सशक्त डगर पर बढ़ाने चला है. चिकित्सा एवं उपचार सेवाओं के साथ-साथ इस वर्ग को आर्थिक तौर पर आत्म-निर्भर बनाने के लिए संस्थान द्वारा फैक्ट्रीज का निर्माण किया गया है. साध्वी ने श्रोताओं से दृष्टिहीनों द्वारा बनायी गयी सामग्रियों को खरीदने की अपील की.