7.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

शेखपुरा : प्याज के गिरते भाव से कर्ज में डूबा किसान, रोकनी पड़ी बिटिया की शादी, VIDEO

undefined शेखपुरा. गुलाबी प्याज के गढ़ में दशको पुरानी कहावत आज बेमानी साबित होने लगी है. दरअसल प्याज की खेती में अच्छी खासी पूंजी निकलने का भरोसा लेकर खेती करने वाले किसानों को हर हाल में मुनाफा ही हुआ करता था. इसी भरोसे पर शेखपुरा के पचना गांव निवासी अशोक महतो की विवाहिता क्रांति देवी […]

undefined

शेखपुरा. गुलाबी प्याज के गढ़ में दशको पुरानी कहावत आज बेमानी साबित होने लगी है. दरअसल प्याज की खेती में अच्छी खासी पूंजी निकलने का भरोसा लेकर खेती करने वाले किसानों को हर हाल में मुनाफा ही हुआ करता था. इसी भरोसे पर शेखपुरा के पचना गांव निवासी अशोक महतो की विवाहिता क्रांति देवी ने अपनी पुत्री की शादी के लिए तीन बीघा प्याज लगाया था. प्याज की लहलहाती फसल ने कृषक के हौसले को इस कदर बढ़ा दिया कि बची खुची पूंजी से ही उसने अपनी पुत्री की शादी तय कर दी.

शादी एक माह बाद जुलाई महीने में होना तय था. शादी को लेकर सारी तैयारियां जोर-शोर पर चल रही थी. लेकिन अचानक जब वक्त आया तब किसान दंपत्ति के सारे किए कराए पर पानी फिर गया. दरअसल क्रांति ने बताया कि प्याज की लह्लाहती फसल का अधिकांश हिस्सा खेतों में ही रह गया.इसका मुख्य कारण यह था कि असमय बारिश ने प्याज की फसल को भारी क्षति पहुंचाया. बचे-खुचे प्याज जो किसी तरह घर पहुंचे तब आज उसकी बाजारों में कोई कीमत भी नहीं है. स्थिति यह है कि क्रांति के घर में रखे प्याज फसल के सौ रुपये प्रति मन की दर से खरीदार भी नहीं मिल रहे. पीड़िता ने बताया कि दरवाजे पर बाराती के स्वागत और अपने पुत्री और दामाद को उपहार देने योग्य आप उसके पास थोड़ी भी पूंजी नहीं बच सके. नतीजतन शादी टालने के सिवा उसके पास कोई और विकल्प नहीं है.

जिले में प्याज फसल की स्थिति को लेकर यह कोई अकेली घटना नहीं है. प्याज फसल में बर्बादी के कारण ही नगर परिषद क्षेत्र के हसनगंज गांव निवासी धरोहर महत्व का पुत्र आईआईटी करने के बाद प्रतियोगिता की तैयारी के लिए पटना जाने से वंचित रह गया. कुल मिलाकर जिले में मौसम और बाजार की मार झेल रहे प्याज उत्पादक किसानों की स्थिति गंभीर है.

क्या है प्याज के भाव
बांग्लादेश का खास जायका माने – जाने वाले शेखपुरा का गुलाबी प्याज इन दिनों बदहाली के कगार पर जा पहुंचा है. जिले का मुख्य फसल के रूप में कहे जाने वाले प्याज फसल के कीमतों पर अगर नजर डालें तो इस वर्ष शुरुआती दौर में अप्रैल से मई महीने तक 250 से लेकर 200 प्रति 40 किलोग्राम की कीमत से शुरू होकर आज स्थिति ऐसी है कि यहां सौ रुपये प्रति 40 किलोग्राम की दर से भी प्याज का कोई खरीदार नहीं मिल रहा है.खेत तो खेत घर में भी रखे हुए प्याज को बेचने के लिए किसान दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं.इसके बाद भी कोई खरीद वाल नहीं मिल रहा.व्यापारियों की माने तो शेखपुरा के प्याज का बांग्लादेश में मांग नहीं होने के कारण कीमतों में भारी गिरावट की स्थिति बनी है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें