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मेजरगंज पीएचसी के वार्डों पर स्थानीय लोगों का कब्जा

मेजरगंज : प्रखंड मुख्यालय स्थित पीएचसी परिसर अब पशुओं के तबेला में बदल गया है. स्थानीय कुछ लोगों द्वारा उक्त पीएचसी परिसर का अतिक्रमण शुरू कर दिया गया है, पर करोड़ों की लागत से बनी इस पीएचसी भवन के प्रति न तो विभागीय अधिकारियों का ध्यान जा रहा है और न हीं स्थानीय किसी जनप्रतिनिधियों […]

मेजरगंज : प्रखंड मुख्यालय स्थित पीएचसी परिसर अब पशुओं के तबेला में बदल गया है. स्थानीय कुछ लोगों द्वारा उक्त पीएचसी परिसर का अतिक्रमण शुरू कर दिया गया है, पर करोड़ों की लागत से बनी इस पीएचसी भवन के प्रति न तो विभागीय अधिकारियों का ध्यान जा रहा है और न हीं स्थानीय किसी जनप्रतिनिधियों का. यह बात अलग है

कि विभाग व सरकार के स्तर से उक्त पीएचसी का विलय रेफरल अस्पताल में कर दिया गया, जिसके बाद यह स्थल व भवन उपेक्षित हो गया. हालांकि इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि वरीय अधिकारी व संबंधित जनप्रतिनिधि चाहते तो इस भवन का उपयोग किसी जन कल्याणकारी योजना के तहत की जा सकती थी. वहीं, कम से कम यह पशुओं का तबेला में परिवर्तित होने से बच जहाता.

इस संबंध में रेफरल अस्पताल के प्रभारी डा के के झा ने बताया कि अब पीएचसी भवन को किराया पर लगाया जायेगा. कहा, उक्त परिसर में रोगियों व कर्मियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए ओपीडी कक्ष, प्रसव कक्ष, टेक्निशियन कक्ष व एक्स-रे कक्ष, रोगी कक्ष, स्वास्थ्य प्रबंधक कक्ष, वाहनों का गैरेज व चिकित्सा कक्ष के अलावे टीकाकरण समेत अन्य राष्ट्रीय कार्यक्रमों के लिए कक्ष बनाये गये थे जो कुछ स्थानीय लोगों के कब्जे में है. उन्हें जानकारी मिली है कि उक्त परिसर कुछ असामाजिक तत्वों का अड्डा भी बना हुआ है जो चिंता का विषय है.

भूमिदाता स्व वासुदेव प्रसाद के पुत्र व पूर्व मुखिया प्रभाकर प्रसाद चौधरी कहते हैं कि अगर वे जानते की पीएचसी भवन का यह हाल होगा तो वे कभी जमीन दान में नहीं देने दिया होता. उन्होंने बीओडी व सीओ से पीएचसी परिसर को अतिक्रमण मुक्त कराते हुये जनकल्यणकारी कार्य में उपयोग करने या अगर संभव हो तो जमीन वापस कराने का आग्रह किया है.

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