शिवहर : अपहरण के करीब ढाई माह बाद भी पुलिस को अपहृत बालक शिवम का सुराग नहीं मिला है. इस बीच इस मामले में गिरफ्तार आरोपी चंपारण जिला के छतौना निवासी राम जिनीश महतो को कोर्ट ने 10 फरवरी को जमानत पर रिहा कर दिया है.
अपहृत के परिजन नगर थाना क्षेत्र के रसीदपुर गांव निवासी भगवान साह पुलिस कार्यालय को चक्कर लगा रहा है. एसपी के जनता दरबार से लेकर पुलिस के वरीय पदाधिकारी का दरवाजा खटखटा चुका है. किंतु अभी तक पुत्र की बरामदगी नहीं होने से अपहृत के पिता का विश्वास पुलिस पर से उठने लगा है.
उसने डीएम के जनता दरबार में आवेदन देकर पुत्र के बरामदगी नहीं होने की स्थिति में अनशन पर बैठने की चेतावनी दी है. बताते चले कि विगत 29 नवंबर 2015 को रसीदपुर गांव से अपहरण की बात सामने आयी. पिता के बयान पर कांड संख्या 266/15 नगर थाना में दर्ज की गयी. एक रामलीला चलाने वाले रामजिनीश महतो को अारोपित किया गया. जिसकी गिरफ्तारी कर पुलिस ने उसे जेल भेजकर अपने फर्ज का इतिश्री कर लिया. किंतु जिसका पुत्र अपहृत है.
उसके आंखों में निंद कहां वह आज भी पुत्र के वापसी के आस में पलक बिछाये इंतजार कर रहा है. पुत्र के नहीं होने के गम की असहनीय पीड़ा को अपने सीने में दबाये सरकारी मुलाजिमों से बरामदी की गुहार लगा रहा है. किंतु अभी तक अनुसंधान में लगी पुलिस आश्वासन की गोली के सहारे अपहृत के परिजन को ढ़ाढस बंधा रही है.
इस पूरे मामले में अनुसंधानकर्ता के साथ नगर थाना पुलिस की कार्य पर सवाल खड़ा किया जाने लगा है. अपहृत के पिता ने बताया कि पुलिस के लापरवाही से गिरफ्तार आरोपित रामजिनीश वेल पर रिहा हो गया. पुलिस ने 60 दिनों के अंदर कोर्ट के मांग के बाद भी डायरी समीट नहीं किया. जिसका लाभ उठाकर आरोपी बेल पर रिहा हो गया है.
पूरे मामले में पुलिस की भूमिका संदेहास्पद है. कारण की उसके गिरफ्तारी के बाद भी पुलिस ने उसके साथ काफी नरम रवैया अपनाया था. पूछताछ की महज औपचारिकता पूरी की थी. कहा कि नये एसपी से आश लगाये है. इस बाबत पूछे जाने पर नगर थानाध्यक्ष वीरेंद्र कुमार महतो ने कहा कि पुलिस को सुराग मिल गया है. अब तक के अनुसंधान में जो तथ्य सामने आया है कि अपहृत बालक किसी दूसरे रामलीला टीम के पास है.
कहा कि इस मामले में जमानत पर रिहा आरोपित को पूछ ताछ के लिए बुलाया गया है. किंतु वह पुलिस के समक्ष आने में कतरा रहा है.कहा कि इस कांड का उद्भेदन शीघ्र कर लिया जायेगा.
