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सोमवार को बन रहा तीन महासंयोग

सोमवार को महाशिवरात्रि का पर्व होने से इस दिन जलाभिषेक करना सर्व सिद्धि योग शिवहर : महाशिवरात्रि को लेकर देकुली धाम स्थित बाबा भुनेश्वरनाथ मंदिर सहित अन्य शिवालयों में तैयारियां प्रारंभ कर दिया गया है. पुलिस प्रशासन ने भी सुरक्षा को लेकर अपनी ओर से सारी तैयारियों को अमलीजामा पहनाना शुरू कर दिया है. एसपी […]

सोमवार को महाशिवरात्रि का पर्व होने से इस दिन जलाभिषेक करना सर्व सिद्धि योग

शिवहर : महाशिवरात्रि को लेकर देकुली धाम स्थित बाबा भुनेश्वरनाथ मंदिर सहित अन्य शिवालयों में तैयारियां प्रारंभ कर दिया गया है. पुलिस प्रशासन ने भी सुरक्षा को लेकर अपनी ओर से सारी तैयारियों को अमलीजामा पहनाना शुरू कर दिया है.
एसपी संतोष कुमार ने बताया कि देकुली बाबा भुवनेश्वर नाथ धाम पर संयुक्त आदेश के प्रयाप्त दंडाधिकारी व पुलिस पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति का आदेश निर्गत कर दिया गया है. वही तीन मार्च को वे स्वयं देकुली धाम का निरीक्षण करेंगे. विधि व्यवस्था को लेकर जहां सुरक्षा व्यवस्था की जरूरत होगी. वहां प्रयाप्त व्यवस्था की जायेगी. इस बार यहां अधिक श्रद्धालुओं के जुटने की संभावना है. जिसको लेकर प्रशासन संजीदा है.
बताते चलें कि शिव की महाशिवरात्रि का यह त्योहार फाल्गुन महीने की कृष्ण पक्ष के चतुर्दशी तिथि को मनायी जाती है. हालांकि इस वर्ष महाशिवरात्रि चार मार्च सोमवार को दिन है. हिंदुधर्मावालियों के अनुसार जगत पिता भगवान शिव और जगह जननी माता पार्वती के महापर्व सोमवार के दिन होने के कारण एक बड़ा ही सुखद संयोग माना गया है.
राजलक्ष्मी आश्रम के आचार्य पंडित वेदप्रकाश शास्त्री ने बताया कि महाशिवरात्रि का व्रत 4 मार्च को मनाई जाएगी. दोपहर 12:09 बजे तक श्रवण नक्षत्र है.वहीं शाम 04:30 बजे तक त्रयोदशी है.उसके बाद चतुर्दशी शुरु हो जाएगा.शिवरात्रि को सोमवार होने के अलावा सर्व सिद्धि व श्रवण नक्षत्र का भी विशेष योग बन रहा है.खासकर सोमवार के दिन होने के वजह से बहुत ही शुभ संयोग है.इस दिन चंद्रमा भगवान शिव के मस्तक पर सुशोभित होते हैं. यह तीन महासंयोग अद्भुत है. जो कि बहुत ही मुश्किल से मिलता है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 पूरे साल शिवरात्रि का महापर्व बहुत ही शुभकारी और मंगलकारी है. इस दिन बाबा भोलेनाथ की जलाभिषेक, रुद्राभिषेक, महामृत्युंजय जाप के साथ पूजा अर्चना कर मृत्यु पर विजयी प्राप्त कर अपने पूरे परिवार के सुख समृद्धि की कामना की जाती है.
भगवान शिव की अाराधना से कष्ट से मिलती है मुक्ति: शिवहर. महाशिवरात्री पर्व को लेकर श्रद्धालु व्रत भी रखते हैं. माना जाता है कि भगवान शिव की पूजा करने से श्रद्धालुओं के सारे पाप धुल जाते हैं व आत्मा की शुद्धि होती है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के शिवालयों में भगवान शिव का आगमन होता है. महाशिवरात्रि के दिन सभी भक्तजन अपनी सच्ची श्रद्धा से व्रत रखते हैं. मान्यता है कि भगवान शिव अपने भक्तों के सभी कष्टों का हरण कर लेते हैं.इसी दिन भगवान शिव और मां पार्वती का विवाह हुआ था.
इसलिए भगवान शिव के भक्तों के लिए यह पर्व सबसे ज्यादा महत्व रखता हैं. इस दिन भक्त अपने भोले बाबा को भांग,धतूरा, बेलपत्र के साथ जल चढाते हैं. जिले के सभी छोटे/बड़े शिवालयों को आकर्षक रूप से सजाया जा रहा है. हालांकि ग्रामीण इलाकों में इसकी तैयारी लगभग पूरी कर ली गई है.यह संयोग सभी कायार्ें मे सफलता धन संपत्ति सुख व प्रेम प्रदान करने वाला है.
भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए करें रुद्राभिषेक : शिवहर. शिवरात्रि के दिन भगवान शिव को अभिषेक करने से अनंत पुण्य की प्राप्ति होती है. यह बात राजलक्ष्मी आश्रम के आचार्य पंडित वेदप्रकाश शास्त्री ने कहा कि भगवान शिव को प्रसन्न करने एवं मनोवांछित फल प्राप्त करने के लिए रुद्राभिषेक अति आवश्यक है. उन्होंने कहा कि महाशिवरात्री के दिन महामृत्युंजय मंत्र के जाप से रोगों से मुक्ति मिलती है. साथ में शिव भक्त दीर्घायु होते हैं.गाय के दुग्ध से रुद्राभिषेक करने से संपन्नता आती है और मनोकामना पूर्ण होती है. अस्वस्थ व्यक्ति कुशोदक से रुद्राभिषेक करना चाहिए. कुश को पीस कर गंगा जल में मिला लीजिए फिर भगवान शिव को नियम व श्रद्धापूर्वक रुद्राभिषेक करें. धन प्राप्ति के लिए देसी घी से रुद्राभिषेक करें. निर्विघ्न रुप से किसी विशेष उद्देश्य की पूर्ति के लिए तीर्थ स्थान के नदियों के जल से रुद्राभिषेक करें.
इससे शक्ति प्राप्त होती है. गन्ने के रस से रुद्राभिषेक करने से कार्य में बाधाएं दूर होती है. तथा वैभव और संपन्नता में वृद्धि होती है. शहद से रुद्राभिषेक करने से जीवन के दुख समाप्त होते है. साथ में खुशियां आती है. वहीं किसी भी शिव मंदिरों में शिवलिंग पर रुद्राभिषेक करें या घर पर ही पार्थिव का शिवलिंग बनाकर रुद्राभिषेक करें. तो मनोवांछित फल प्राप्त होते हैं.

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