3000 से अधिक महिलाओं की रही भागीदारी, जीविका के कार्यक्रम में उजागर हुईं दीदियों की आकांक्षाएं फोटो-17- जीविका महिला संवाद कार्यक्रम शामिल महिलाएं. सासाराम ऑफिस. जिले में गुरुवार को जीविका महिला संवाद कार्यक्रम के दौरान महिलाओं की आवाज ने विकास की असली तस्वीर पेश की. गांव में पक्की सड़क, नाली-गली की मरम्मत, सामुदायिक शौचालय, नल-जल योजना की मरम्मत और विस्तार, सोलर लाइट, खेल का मैदान, आंगनबाड़ी केंद्र और पशु चिकित्सालय की स्थापना जैसी जमीनी मांगों ने यह साफ किया कि महिलाएं सिर्फ संवाद नहीं चाहतीं, वो ठोस बदलाव चाहती हैं. इसके साथ ही सतत जीवकोपार्जन योजना से जुड़ाव, नये प्रोड्यूसर ग्रुप्स (अगरबत्ती, मूंग आदि) की स्थापना, गांव में लाइब्रेरी, ग्रामीण हाट और नहर के किनारे पौधारोपण की मांगें भी सामने आयीं. बिहार सरकार एवं जीविका के तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम का आयोजन जिले के विभिन्न ग्राम संगठनों में किया गया. संवाद का मकसद महिलाओं को आर्थिक, सामाजिक और शैक्षिक रूप से सशक्त बनाने की योजनाओं की जानकारी देना और भविष्य की रणनीति पर चर्चा करना था. र्यक्रम में जिला परियोजना प्रबंधक प्रसन्न कुमार, क्षेत्रीय समन्वयक, सामुदायिक समन्वय, प्रखंड परियोजना प्रबंधक, लाइवलीहुड स्पेशलिस्ट समेत कई अधिकारी शामिल हुए. उन्होंने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने, नेतृत्व क्षमता विकसित करने और सामुदायिक विकास में भागीदारी के लिए प्रेरित किया. जीविका समूह की महिलाओं ने मंच से अपने अनुभव साझा किए और बताया कि किस तरह सरकारी योजनाओं ने उनके जीवन में बदलाव लाया है. शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और बुनियादी सुविधाओं को लेकर उनकी आकांक्षाएं भी खुलकर सामने आयीं. कार्यक्रम में 3000 से अधिक महिलाओं की भागीदारी रही, जिसमें जीविका और गैर-जीविका दोनों समूहों की महिलाओं ने हिस्सा लिया. कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन और सभी प्रतिभागियों को बधाई के साथ हुआ.
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