रोहतास महिला कॉलेज में आइपीआर पर हुआ जागरूकता कार्यक्रम विकसित भारत 2047 के संकल्प के साथ छात्राओं ने जाना बौद्धिक संपदा अधिकारों का महत्व फोटो -26- आइपीआर जागरूकता कार्यक्रम में विकसित भारत 2047 की शपथ लेते कॉलेज के शिक्षक व छात्राएं. प्रतिनिधि, सासाराम ऑफिस रोहतास महिला कॉलेज में शनिवार को बौद्धिक संपदा अधिकार (इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स-आइपीआर) पर आधारित विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन हुआ. यह कार्यक्रम केंद्र सरकार के राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा जागरूकता मिशन (एनआइपीएएम) के तहत युवा मंथन पहल के अंतर्गत संपन्न हुआ. कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों और शिक्षकों को बौद्धिक संपदा अधिकारों के प्रति जागरूक करना और नवाचार को प्रोत्साहन देना रहा. कार्यक्रम की अध्यक्षता कॉलेज के प्राचार्य प्रो डॉ सुधीर कुमार सिंह ने की. उन्होंने आइपीआर की उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विकसित भारत 2047 की संकल्पना तभी साकार हो सकती है, जब नवाचार और रचनात्मकता को विधिक संरक्षण दिया जाये. उन्होंने कहा कि सरकार इस दिशा में गंभीर प्रयास कर रही है और युवाओं को इससे जुड़ने की आवश्यकता है. राजनीतिक विज्ञान की सहायक प्राध्यापिका डॉ सीमा कुमारी ने उपस्थित छात्राओं व शिक्षकों को विकसित भारत 2047 की शपथ दिलायी. इसके बाद केंद्र सरकार के पेटेंट, ट्रेडमार्क और डिजाइन महानियंत्रक कार्यालय से तैयार बौद्धिक संपदा आधारित एक विशेष वीडियो का प्रदर्शन किया गया. इस प्रस्तुति के माध्यम से प्रतिभागियों को पेटेंट प्रक्रिया, नवाचार की सुरक्षा और आईपीआर से जुड़ी विभिन्न तकनीकी जानकारियों से अवगत कराया गया. युवा मंथन के संयोजक डॉ कुमार गौरव मिश्रा ने कहा कि यह कार्यक्रम युवाओं को न सिर्फ बौद्धिक संपदा के महत्व से परिचित कराता है, बल्कि उन्हें रचनात्मकता को व्यावसायिक पहचान देने के लिए भी प्रेरित करता है. उन्होंने कहा कि इस तरह की पहले आत्मनिर्भर भारत की दिशा में मजबूत कदम हैं. इस अवसर पर कॉलेज के प्रो प्रदीप कुमार रॉय, डॉ अमन मुर्मू, डॉ अमरजीत कुमार, डॉ आनंद, डॉ स्वाति, डॉ छाया सहित बड़ी संख्या में छात्राओं ने सहभागिता की. कार्यक्रम को सभी ने बेहद उपयोगी, प्रभावशाली और ज्ञानवर्धक बताया.
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