प्रतिनिधि, छपरा (कोर्ट). जिला व सत्र न्यायाधीश षष्टम सह विशेष न्यायाधीश पॉक्सो स्मिता राज ने छपरा नगर थाना कांड संख्या 388/18 के पॉक्सो वाद संख्या 49/18 में सुनवाई करते हुए आरोपित रामस्वरूप पंडित को सश्रम कारावास और जुर्माने की सजा सुनायी है. आरोपित को पोक्सो एक्ट की धारा 4 के तहत 10 वर्ष की कठोर सजा, आईपीसी की धारा 376 के तहत 7 वर्ष की कठोर सजा और आइपीसी की धारा 315 के तहत 5 वर्ष की सजा दी गयी है. इसके साथ ही प्रत्येक सजा के साथ जुर्माना भी लगाया गया है, जिसे नहीं देने पर अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी, और आरोपी की जेल में बितायी गयी अवधि को सजा में समायोजित किया जायेगा. यह मामला 14 जनवरी 2018 को महिला विकास निगम के जिला परियोजना प्रबंधक मनमोहन द्वारा दर्ज करायी गयी प्राथमिकी पर आधारित है. मनमोहन ने बताया कि स्वयंसेवी संस्था नारी उत्थान केंद्र सैदपुर दिघवारा द्वारा संचालित अल्पावास गृह के निरीक्षण के दौरान कुछ संदेह उत्पन्न हुआ था, जिसके बाद जांच की गयी. जांच में पाया गया कि अल्पावास गृह के सुरक्षा प्रहरी रामस्वरूप पंडित ने वहां रह रही एक महिला (सवासिन) के साथ यौन शोषण किया था और उसे दवा खिलाकर उसका गर्भपात भी कराया था. पुलिस ने 27 सितंबर 2018 को आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया. अभियोजन पक्ष ने विशेष लोक अभियोजक सुरेंद्रनाथ सिंह और उनके सहयोगी अश्वनी कुमार के तहत कुल 12 गवाहों की गवाही करायी. सजा की बिंदु पर सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने न्यायालय से अपील की थी कि आरोपी ने समाज के लिए बहुत ही घृणित कार्य किया है और उसे कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए, ताकि भविष्य में इस प्रकार के अपराधों को रोका जा सके.
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