छपरा. लिम्फेटिक फाइलेरिया से जूझ रहीं महिलाओं को अब स्वास्थ्य सेवाओं की मुख्यधारा में लाने के लिए केंद्र सरकार विशेष अभियान चला रही है. स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान के तहत इन मरीजों को न सिर्फ जांच और परामर्श मिलेगा. बल्कि उनके जीवन की गुणवत्ता को सुधारने के लिए स्व-देखभाल पर भी जोर दिया जायेगा. महिलाओं के स्वास्थ्य और परिवार की सशक्त भूमिका को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने देशव्यापी स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान की शुरुआत की है. यह अभियान 17 सितंबर से दो अक्तूबर तक चलेगा. इसके तहत खासतौर पर लिम्फेटिक फाइलेरिया से पीड़ित महिला मरीजों को स्वास्थ्य सेवाओं से जोड़ने पर बल दिया गया है. फाइलेरिया एक दीर्घकालिक रोग है. फाइलेरिया से ग्रसित कई महिलाओं को उच्च रक्तचाप, डायबिटीज और एनीमिया जैसी अन्य बीमारियों का भी सामना करना पड़ता है. ऐसे में यह अभियान इन महिलाओं को व्यापक स्वास्थ्य जांच और परामर्श उपलब्ध कराने का एक सशक्त अवसर बनेगा. नेशनल सेंटर फॉर वेक्टर बॉर्न डिजिज कंट्रोल के निदेशक डॉ तनु जैन ने पत्र जारी कर आवश्यक दिशा निर्देश दिया है. अभियान के अंतर्गत स्वास्थ्य शिविर लगाये जायेंगे. ये शिविर आयुष्मान आरोग्य मंदिर, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जिला अस्पताल और अन्य नामित संस्थानों में आयोजित किये जायेंगे. इन शिविरों में महिला फाइलेरिया मरीजों के लिए निम्नलिखित गतिविधियां की जायेंगी. डायबिटीज और हाइ ब्लड प्रेशर की स्क्रीनिंग, एनीमिया जांच और स्वयं स्वच्छता एवं स्वयं देखभाल पर परामर्श, एमएमडीपी स्व देखभाल अभ्यास का प्रदर्शन और मरीजों को किट का वितरण, जरूरतमंद मरीजों को उच्चस्तरीय स्वास्थ्य केंद्रों पर रेफर किया जायेगा.
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