छपरा. भिखारी ठाकुर आर्ट गैलरी सह प्रेक्षागृह में आयोजित तहफ्फुज माशरा कॉन्फ्रेंस में पसमांदा मुस्लिम समुदाय को एससी-एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 में शामिल करने की मांग ज़ोरदार तरीके से उठी. ऑल इंडिया यूनाइटेड मुस्लिम मोर्चा और इंडियन पसमांदा काउंसिल के तत्वावधान में आयोजित सम्मेलन में मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राज्यसभा के पूर्व सांसद डॉ एजाज अली ने कहा कि लोकतंत्र के 75 वर्षों बाद भी सामाजिक न्याय अधूरा है. उन्होंने कहा कि जैसे एससी-एसटी एक्ट ने दलित और आदिवासियों को सुरक्षा दी, वैसे ही मुस्लिम समाज के फकीर, धोबी, हलालखोर, मेहतर, जुलाहा, मोची, खटीक आदि जातियों को इस कानून के तहत संरक्षण मिलना चाहिए. दिल्ली से आये हाफिज गुलाम सरवर ने कहा कि 1989 के कानून में समयानुकूल संशोधन जरूरी है. सम्मेलन में इंजीनियर समीर, हसनैन अंसारी, फैजुल्ला अंसारी, मौलाना परवेज, तौफीक साह, अहमद हुसैन, नूर हसन आजाद, खुर्शीद सेराज, वसीम राजा, कंप्यूटर बाबा सहित अनेक वक्ताओं ने इस मांग का समर्थन किया. अध्यक्षता मोहम्मद सलीम व संचालन जाहिर हुसैन ने किया. स्वागत भाषण कमरुद्दीन अंसारी और धन्यवाद ज्ञापन इंजीनियर मोहम्मद समीर अली ने दिया.
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