मकेर. मकेर में रविवार को हुई घटना ने शिक्षा विभाग की सिस्टम की पोल खोल दी है और लापरवाह सिस्टम के चलते तीन लोगों को जान गंवानी पड़ी.
लोगों का कहना था अगर शिक्षा विभाग द्वारा उक्त निजी विद्यालय की व्यवस्था की नियमित तौर पर जांच होती, तो फिर संचालक को बच्चों को ढोने के लिए सुविधा संपन्न वाहन रखना पड़ता. जानकार बताते हैं कि मकेर के 10 निजी विद्यालयों में से अधिकांश द्वारा जर्जर वाहनों से बच्चों को ढोया जाता है और स्कूल संचालक पुराने वाहनों से बच्चों को ढोकर नौनिहालों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ करते हैं. कम फी के चलते कमजोर आर्थिक परिवार के लोग विवश होकर ऐसे स्कूलों में अपने बच्चों को भेजते हैं और फिर बच्चों को अपनी जान गंवानी पड़ती है.अपने बच्चों का हाल जानने के लिए बेचैन रहे अभिभावक
हरनबाधा गांव में जैसे ही लोगों को स्कूली टेंपो के दुर्घटनाग्रस्त होने की सूचना मिली, वैसे ही अभिभावकों में बेचैनी छा गयी और हर अभिभावक अपने-अपने बच्चों का हाल जानने के लिए बेचैन नजर आये. बड़ी संख्या में अभिभावक पहले स्कूल, फिर घटनास्थल और बाद में अस्पताल पहुंचकर अपने बच्चों का हाल जानते देखे गये. दुर्घटना में जिस बच्ची की मौत हुई उसके परिजन काफी दुखी दिखे. रोते-बिलखते परिजन अपनी किस्मत को पूछते नजर आये, तो वहीं जिन अभिभावकों के बच्चों को रेफर किया गया, उनके चेहरों पर भी चिंता के भाव नजर आये. कुछ बच्चे सकुशल रहे. ऐसे बच्चों के माता-पिता ने राहत की सांस ली.मंत्री मंटू सिंह ने की पहल, तो पीएमसीएच में भर्ती हुए बच्चे
घटना की जानकारी जैसे ही बिहार सरकार के मंत्री मंटू सिंह को मिली, वैसे ही उन्होंने पीएमसीएच के सुपरिटेंडेंट से बात कर घायल बच्चों को प्राथमिकता से अस्पताल में एडमिट करने और यथाशीघ्र उन लोगों को चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया. मंत्री श्री सिंह ने कहा कि घायल बच्चों के इलाज में कोई कमी नहीं रखी जायेगी. उन्होंने सभी मृतक के परिजनों को सांत्वना देते हुए हर संभव सरकारी सहयोग का भरोसा दिलाया.बुधवार को उक्त स्कूल में होती थी साप्ताहिक छुट्टी, रविवार को चलता था स्कूल
जानकार बताते हैं कि जिस स्कूल के बच्चे की सड़क दुर्घटना में मौत हुई वह स्कूल रविवार को भी संचालित होता था और इस स्कूल में बुधवार को साप्ताहिक छुट्टी होती थी. ऐसा इसलिए होता था, ताकि सरकारी स्कूल के बच्चे भी रविवार को निजी विद्यालय में आकर पढ़ सकें. मकेर में पूर्व में कई ऐसे निजी विद्यालय रविवार को संचालित हुआ करते थे.सड़क जाम पर अड़े लोगों ने डीएसपी से की कार्रवाई की मांग
सड़क जाम पर अड़े मृतक के परिजनों व ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि ट्रकों द्वारा गलत तरीके से बालू ढोया जाता है. ऐसी स्थिति में मकेर के पास पुलिस की कार्रवाई से बचने के लिए ट्रक चालक तेजी में गाड़ी भगाने का प्रयास करते हैं और बाद में ट्रकों की यही अनियंत्रित रफ्तार अन्य यात्रियों के जान लेने की वजह बन जाता है. डीएसपी ने कहा कि लोगों द्वारा साक्ष्य उपलब्ध होने पर दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

