छपरा.
मोटरवाहन अधिनियम-1988 की धारा 161(3) के तहत हिट एंड रन मामलों में मृतकों के निकटतम आश्रितों को मुआवजा देने की योजना के अंतर्गत मुआवजा स्वीकृति का अधिकार जिला पदाधिकारी को है. इसके तहत साधारण बीमा परिषद, मुंबई द्वारा मुआवजे की राशि सीधे पीड़ित आश्रित के बैंक खाते में भेजी जाती है. हालांकि सारण जिले में सड़क दुर्घटनाओं में मृत व्यक्तियों के आश्रितों द्वारा मुआवजा हेतु आवेदन अपेक्षाकृत बहुत कम संख्या में दिये जा रहे हैं, जिससे भुगतान की प्रक्रिया में अनावश्यक विलंब हो रहा है. इसके पीछे मुख्य कारण जागरूकता की कमी बतायी जा रही है. इस स्थिति को देखते हुए जिलाधिकारी अमन समीर ने थानावार मुआवजा शिविरों के आयोजन का निर्देश दिया है. जिन थाना क्षेत्रों में 10 या उससे अधिक मुआवजा के मामले लंबित हैं, वहां तिथि निर्धारित कर शिविर आयोजित किये जायेंगे. इन शिविरों में संबंधित अंचलाधिकारी, थाना प्रभारी एवं मोटरयान निरीक्षक की उपस्थिति सुनिश्चित की जायेगी. सभी लंबित मामलों में आश्रितों से आवेदन पत्र तथा आवश्यक दस्तावेज प्राप्त कर उन्हें उचित समय में मुआवजा दिलाने की दिशा में कार्रवाई की जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है