छपरा. रौजा स्थित ब्रह्म विद्यालय सह आश्रम में शनिवार को कई प्रदेशों से आए सैकड़ों संतो और हजारों श्रद्धालुओं का समागम हुआ. इस अवसर पर परंपरागत रूप से आयोजित भंडारे में श्रद्धालुओं ने सत्तू का प्रसाद ग्रहण किया और आश्रम की आध्यात्मिक ऊर्जा में डूबे रहे. यह आयोजन हर वर्ष की तरह धार्मिक उत्साह और श्रद्धा के साथ संपन्न हुआ. स्थानीय लोगों के साथ-साथ दूर-दराज से आए श्रद्धालुओं ने भी इस आयोजन में भाग लिया. ब्रह्म विद्यालय सह आश्रम की स्थापना वर्ष 2005 में की गयी थी और तब से यह स्थान आध्यात्मिक चेतना का केंद्र बना हुआ है. ब्रह्म विद्यालय के संस्थापक गुरु परमहंस अद्वैतानंद जी महाराज का जन्म छपरा के दहियावा हुआ था. यहीं उन्होंने गुरु और ज्ञान की प्राप्ति की और फिर भारत भ्रमण करते हुए पाकिस्तान के टेरी पहुंचे, जहां उन्होंने परम विधा गुरु भक्ति पंथ की स्थापना की. टेरी से यह ज्ञान यात्रा वाराणसी, राजपुर बक्सर होते हुए पुनः छपरा पहुंची. इस अवसर पर आश्रम में महात्मा व्यासानंद जी महाराज, शब्द योगानंद जी महाराज, प्रमेश्वरानंद जी महाराज, श्रेष्ठानंद जी महाराज, मढ़ौरा के चिकित्सक डॉ बीके सिंह सहित कई अन्य श्रद्धालु और संत उपस्थित रहे.
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