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पंचतत्व में विलीन हुए जवान अर्जुन कुमार सिंह

Arjun Kumar Singh passes away

शहीद जवान का शव तरैया में पहुंचते ही मचा कोहराम तरैया (सारण). शहीद नेवी के जवान का पार्थिव शरीर पहुंचते ही कोहराम मच गया. मुंबई नेवी कैंट में पदस्थापित नेवी के पेटी ऑफिसर अर्जुन कुमार सिंह की बुधवार को मॉर्निंग वाक के दौरान हृदयगति रुक जाने से मौत हो गयी थी. मुंबई से नेवी के चीफ पेटी ऑफिसर चंदन कुमार चौहान ने पटना दानापुर आर्मी कैंट के जवानों के साथ शहीद जवान के पार्थिव शरीर लेकर शुक्रवार को तरैया उनके पैतृक आवास पहुंचे. इसके पूर्व तरैया के दर्जनों नौजवानों ने तिरंगा झंडे के साथ भारत माता का जयकारा लगाते पचौड़र में शहीद जवान के पार्थिव शरीर को रिसीव किया. तरैया थानाध्यक्ष आशुतोष कुमार सिंह ने शहीद के शव आने की सूचना मिलते ही पचौड़र बाजार से दलबल के साथ शहीद के शव के साथ उनके घर तक पहुंचे. शहीद के शव पहुंचते ही एक झलक देखने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. सेना के जवानों ने ताबूत खोलकर शहीद जवान के परिजनों व अन्य लोगों को दिखाया. सेना के जवानों, परिजनों व जनप्रतिनिधियों ने एक-एक कर पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित किया. उसके बाद शहीद की शवयात्रा तिरंगे के साथ भारत माता व जब तक सूरज चांद रहेगा, अर्जुन तेरा नाम रहेगा के नारे के साथ निकाली गयी. सेना के जवानों ने गंडक नदी के तट पर दी अंतिम सलामी शहीद सेना के जवान अर्जुन कुमार का अंतिम संस्कार पानापुर थाना क्षेत्र के सारणपुर डाक बंगला गंडक नदी तट पर किया गया. अंतिम संस्कार के मौके पर आर्मी कैंट दानापुर पटना से आये जवानों ने अग्नि देने के पूर्व अंतिम सलामी दी. अंतिम सलामी के मौके पर मातमी धुन व गोलियों की तड़तड़ाहट से गंडक नदी तट गूंज उठा. शहीद की शवयात्रा में शामिल हुए जनप्रतिनिधि शहीद के पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित व श्रद्धांजलि अर्पित करने तथा शवयात्रा में दर्जनों जनप्रतिनिधि, समाजसेवी व नौजवान शामिल हुए. तरैया प्रखंड प्रमुख प्रतिनिधि धनवीर कुमार सिंह विक्कू, जिप सदस्य हरिशंकर सिंह उर्फ हरि सिंह, डॉ त्रिलोकीनाथ सिंह, मुखिया प्रतिनिधि शैलेंद्र राम, नेवी के लैंडिंग जवान आकाश चौरसिया, सरपंच प्रतिनिधि मेघनाथ मांझी, पूर्व प्रमुख प्रतिनिधि मंटू सिंह, पूर्व मुखिया प्रतिनिधि विपिन कुमार, गुड्डू कुशवाहा, वार्ड सदस्य अवनीश सिंह समेत अन्य जनप्रतिनिधि शामिल थे. शहीद के परिजन शव के इंतजार में 48 घंटे से पड़े थे बेसुध शहीद के शव के साथ शहीद की पत्नी मधु सिंह, अबोध दो वर्षीय पुत्र अभिनव तथा शहीद के बड़े भाई विजय सिंह व अजय सिंह बदहवास स्थिति में पहुंचे. इधर, शहीद की वृद्ध मां मनोरम कुंवर, बहन पुष्पा, भाई डॉ त्रिलोकीनाथ सिंह, अखिलेश सिंह, सोनू सिंह, चाचा पारस सिंह, बहादुर सिंह, अमरनाथ सिंह, डॉ रंजीत सिंह समेत परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. जनप्रतिनिधियों ने पीड़ित परिजनों को ढांढस व सांत्वना देने में लगे हुए थे.

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