एक फीसदी भी नहीं हुई धान की खरीदनिराशाजनक. 75 हजार मीटरिक टन खरीद लक्ष्य के विरुद्ध महज 245 एमटी खरीद का दावाधान खरीद में तेजी लाने के लिए आज डीएम करेंगे सभी पैक्स, व्यापार मंडल के अध्यक्ष के साथ बैठकअपनी उपज को औने-पौने भाव में बिचौलियों के हाथ बेचने को विवश एसएफसी के प्रबंधक कहते हैं, विशेष परिस्थिति में ही उन्हें करनी है खरीदारी नगरा व्यापार मंडल में बोर्ड का गठन नहीं होने के कारण अधिप्राप्ति नहीं किसानों में सरकार की अधिप्राप्ति के निर्देश व धरातल पर मिलनेवाले लाभ के बीच भारी खाई को ले निराशा नोट: धान का फोटो छपरा फोल्डर में हैसंवाददाता, छपरा (सदर)सरकार के द्वारा चालू खरीफ विपनण मौसम 2015-16 में धान अधिप्राप्ति के लिए 75 हजार मीटरिक टन धान अधिप्राप्ति का लक्ष्य रखा गया है. धान अधिप्राप्ति का कार्य दिसंबर के प्रारंभ से ही चल रहा है, जो मार्च तक चलना है. धान अधिप्राप्ति के लिए सरकार के निर्देश पर विभागीय पदाधिकारियों के द्वारा लगातार बैठकें भी की गयीं व कई दावे व निर्देश भी चलते रहे. परंतु, अब तक महज 245 एमटी धान अधिप्राप्ति का लक्ष्य विभागीय पदाधिकारी कर रहे हैं. ऐसी स्थिति में सरकारी लक्ष्य की प्राप्ति का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है. धान अधिप्राप्ति में तेजी लाने के लिए डीएम दीपक आनंद ने बुधवार को जिले की सभी पैक्स, व्यापार मंडल के अध्यक्ष, सभी प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी व धान अधिप्राप्ति से जुड़ीं विभिन्न सरकारी एजेंसियों के पदाधिकारियों की बैठक नगर पर्षद छपरा के सभागार में बुलायी है. अब देखना है कि इस बैठक के बाद धान अधिप्राप्ति की रफ्तार कितना बढमी है. 196 पैक्स 19 व्यापार मंडल को खरीदने का जिम्मासरकार के निर्देश के आलोक में साधारण श्रेणी के धान 1410 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से अधिप्राप्ति का जिम्मा 196 पैक्स एवं 19 व्यापार मंडल के अध्यक्षों को दिया गया है. इसके लिए प्रत्येक पैक्स के अध्यक्ष को चार लाख 67 हजार रुपये तथा प्रत्येक व्यापार मंडल को नौ लाख 46 हजार रुपये अग्रिम के रूप में बैंक के माध्यम से उनके खाते में उपलब्ध कराये गये हैं. परंतु, अधिकतर क्रय एजेंसियां म्वायश्चर, नमी, संसाधन का अभाव, गोदाम का अभाव आदि कारणों से धान अधिप्राप्ति में रुचि नहीं दिखा रही हैं. एसएफसी व नगरा व्यापार मंडल नहीं कर रहे खरीदसरकार के द्वारा सारण जिले में राज्य खाद्य निगम को 10 हजार मीटरिक टन धान अधिप्राप्ति का निर्देश दिया गया है. परंतु, एसएफसी के जिला प्रबंधक एम इमाम की मानें, तो उन्हें विशेष परिस्थिति में ही धान अधिप्राप्ति करनी है. प्रारंभ में पैक्स व व्यापार मंडल को ही अधिप्राप्ति करनी है. अंत में एसएफसी जरूरत के अनुसार धान अधिप्राप्ति करेगा. वहीं, नगरा प्रखंड व्यापार मंडल में भी अधिप्राप्ति नहीं होने की वजह व्यापार मंडल के बोर्ड का गठित नहीं होना बतायी जाती है. इससे संबंधित क्षेत्र के किसानों को धान अधिप्राप्ति का लाभ इन एजेंसियों से नहीं मिल रहा है. किसानों में अधिप्राप्ति नहीं होने से मायूसी सरकार के द्वारा धान अधिप्राप्ति के लिए कई आवश्यक निर्देश दिये गये हैं, परंतु अधिकतर संबंधित क्रय एजेंसियों की मनमानी व प्रखंडों के संबंधित अधिकतर पदाधिकारियों की कारगुजारी के कारण किसानों को अपनी उपज का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है. किसान अपनी उपज को औने-पौने भाव में बिचौलियों के हाथ बेचने को विवश हैं. उन्हें अपनी खेती के लिए पैसे की जरूरत की भरपाई इसी धान की बिक्री से करनी है. किसान उदय प्रकाश, अमरेंद्र की मानें, तो एक तो खरीफ फसल में बारिश नहीं होने के कारण सूखे का प्रभाव रहा व फसल भारी खर्च के बावजूद अनुमान के 50 से 55 प्रतिशत भी नहीं हो पायी. वहीं, अब एक तो सरकार के द्वारा धान अधिप्राप्ति के लिए सरकारी रेट महज 1410 निर्धारित किया गया है, वहीं अधिकतर क्रय एजेंसियां अपनी कारगुजारियों का शिकार किसानों को बना लेती हैं. किसान रामबालक सिंह व मनोज का कहना है कि रबी फसल के बेहतर उत्पादन के उद्देश्य से किसान अपनी उपज को बाजार में 11 सौ से 1150 रुपये प्रति क्विंटल बेचकर राशि का उपयोग गेहूं व अन्य रबी फसल की सिंचाई एवं खाद में लगा रहे हैं. बारिश नहीं होने के कारण उन्हें सिंचाई खर्च भी ज्यादा पर रहा है. कुछ किसानों का आरोप है कि डीजल सब्सिडी वितरण से जुड़े पदाधिकारी भी किसानों को नजरअंदाज कर कुछ दबंग पंचायत प्रतिनिधियों को खुश करने में ही लगे रहते हैं. ऐसी स्थिति में प्रकृति के साथ-साथ पदाधिकारी भी किसानों के साथ धोखा देने से बाज नहीं आ रहे हैं. धान अधिप्राप्ति की गति तेज करने के उद्देश्य से ही सभी पैक्स, व्यापार मंडल के अध्यक्षों व अन्य पदाधिकारियों की बैठक बुलायी गयी है. धान अधिप्राप्ति में कोताही बरतनेवाली क्रय एजेंसियों एवं पदाधिकारियों को चिह्नित कर उनके विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी. मो. एएच वर्कजिला सहकारिता पदाधिकारी, सारण
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एक फीसदी भी नहीं हुई धान की खरीद
एक फीसदी भी नहीं हुई धान की खरीदनिराशाजनक. 75 हजार मीटरिक टन खरीद लक्ष्य के विरुद्ध महज 245 एमटी खरीद का दावाधान खरीद में तेजी लाने के लिए आज डीएम करेंगे सभी पैक्स, व्यापार मंडल के अध्यक्ष के साथ बैठकअपनी उपज को औने-पौने भाव में बिचौलियों के हाथ बेचने को विवश एसएफसी के प्रबंधक कहते […]
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