छपरा (सारण) : जिले के रिविलगंज, मांझी तथा जलालपुर प्रखंडों के मरहा, बिन टोलिया, ढेलहाड़ी, भटवलिया से सोंधी नदी से ओवरफ्लो कर रहे बाढ़ के पानी को रोकने में लगे मजदूरों को आक्रोशित बाढ़पीड़ितों ने मारपीट कर भगा दिया और सभी सामग्री को लूट लिया.
इस घटना के बाद से सोंधी नदी से ओवरफ्लो रोकने का कार्य ठप पड़ गया है. यह घटना मंगलवार की सुबह की है. इसकी सूचना पाकर जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता अशोक कुमार केसरी, सहायक अभियंता जाकिर हसन, कनीय अभियंता सूर्यनाथ सिंह के साथ पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया.
कार्यपालक अभियंता ने तत्काल इसकी सूचना जिलाधिकारी कुंदन कुमार को दी और सुरक्षा व्यवस्था का प्रबंध करने का अनुरोध किया. उन्होंने बताया कि ओवरफ्लो रोकने के लिए रखे गये बांस–बल्ला, कर्कट, नाइलोन का बोरा आदि आक्रोशित भीड़ ने लूट लिया है.
बुधवार की सुबह से पुन: कार्य शुरू कराया जायेगा. बाढ़ का पानी रोकने के लिए सुरक्षात्मक कार्य पुलिस की मौजूदगी में कराया जायेगा. उन्होंने कहा कि नदियों के जल स्तर में कमी होने पर ही ओवरफ्लो रोका जा सकेगा.
हालांकि हम लोगों ने हार नहीं मानी है. लगातार प्रयास जारी है. सोंधी नदी के तटबंधों से मंगलवार को शमशुद्दीनपुर स्लुइस गेट के पास, सरैंधा, शेखपुरा, नवादा आदि गांवों के पास पानी का रिसाव शुरू हो गया है.
इसकी सूचना मिलने पर जल संसाधन विभाग के अभियंताओं की टीम वहां पहुंची और नाइलोन के बोरे में भरे गये बालू से पैक किया गया. कार्यपालक अभियंता ने बताया कि साहिल से तटबंध में जगह–जगह बड़े–बड़े होल कर दिया गया है, जिससे रिसाव हो रहा है और रिसाव रोकने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है.
यही हालत मांझी प्रखंड के मटियार, गोरवा टोला, सलेमपुर समेत कई गांवों के पास है, जहां तटबंध में साहिल द्वारा बड़े–बड़े होल बनाये गये हैं. इससे इन क्षेत्रों में भी सरयू नदी के पानी का रिसाव हो रहा है और तटबंधों पर बाढ़ के पानी का दबाव होने के कारण टूट जा रहा है. उन्होंने कहा कि नदियों के जल स्तर में कमी हो रही है, जिससे स्थिति पूरी तरह काबू में है. किसी भी तटबंध पर कोई खतरा नहीं है. हालांकि बाढ़ का पानी जिन क्षेत्रों में फैल गया है, वहां स्थिति के सामान्य होने में कम–से–कम 15-20 दिन लग जायेगा.