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लघु-सीमांत किसानों के लिए योजना बनेगी बुढ़ापे की लाठी

छपरा (सदर) : केंद्र सरकार द्वारा प्रारंभ की गयी किसान मानधन योजना प्रमंडल के लाखों लघु व सीमांत किसानों के लिए बुढ़ापे की लाठी साबित होगी. इस योजना का शुभारंभ 12 सितंबर को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रांची से करेंगे. 60 वर्ष तक अपना जीवन खेती में गुजारने वाले किसान को बुढ़ापा आने पर […]

छपरा (सदर) : केंद्र सरकार द्वारा प्रारंभ की गयी किसान मानधन योजना प्रमंडल के लाखों लघु व सीमांत किसानों के लिए बुढ़ापे की लाठी साबित होगी. इस योजना का शुभारंभ 12 सितंबर को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रांची से करेंगे.

60 वर्ष तक अपना जीवन खेती में गुजारने वाले किसान को बुढ़ापा आने पर वित्तीय सहायता देने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने इस योजना की शुरुआत की है. इससे लघु एवं सीमांत किसानों को 60 वर्ष की उम्र के बाद पेंशन के रूप में प्रति माह तीन हजार रुपये मिलेंगे. इससे उनको बुढ़ापे में बेहतर जीवन जीने का मौका मिलेगा.
इसे लेकर जिला प्रशासन से लेकर कृषि विभाग के वरीय पदाधिकारी अधिक से अधिक किसानों को इस योजना का लाभ दिलाने के लिए प्रखंड से पंचायत तक के कृषि विभाग के कर्मचारियों को किसानों को जागरूक करने तथा इस योजना का लाभ पाने के लिए आवेदन करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे.
18 से 40 उम्र के लघु एवं सीमांत किसानों को ही मिलना है इस योजना का लाभ : कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार वैसे किसान जिनकी उम्र 18 से 40 के बीच है, वे प्रति माह 55 से लेकर 2 सौ रुपये तक प्रीमियम देकर किसान मानधन योजना का लाभ उठा सकते हैं.
इसके लिए कृषि विभाग के अलावा सहकारिता आदि विभागों को भी जिम्मेदारी दी गयी है. इससे अधिक से अधिक किसान इस योजना का लाभ उठा सकेंगे. सारण के डीएम सुब्रत कुमार सेन ने इस योजना का लाभ कम से कम एक लाख किसानों को देने का टारगेट पदाधिकारियों को दिया है.
इसके तहत वैसे किसान ही आयेंगे जो एक तो कृषि विभाग से पंजीकृत हैं तथा जिनकी जमीन दो हेक्टेयर अर्थात पांच एकड़ से कम है. इसमें वैसे व्यक्ति शामिल नहीं होंगे, जो डॉक्टर, इंजीनियर, वकील या व्यवसायी हैं. सरकार की इस योजना से लघु एवं सीमांत किसानों में काफी उत्साह देखा जा रहा है.
सारण प्रमंडल में हैं 13 लाख लघु-सीमांत किसान
कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार सारण प्रमंडल में लघु एवं सीमांत किसानों की संख्या लगभग 13 लाख है. इनमें 90 फीसदी सीमांत किसान हैं जिनके पास एक हेक्टेयर से कम जमीन है. वहीं शेष 10 फीसदी लघु किसान हैं, जिनके पास एक हेक्टेयर से ज्यादा तथा दो हेक्टेयर से कम जमीन है.
एक आंकड़े के अनुसार सारण जिले में सीमांत किसानों की संख्या पांच लाख 14 हजार 797 है. जबकि लघु किसानों की संख्या 19 हजार 235 है. वहीं दो हेक्टेयर या उससे ज्यादा 10 हेक्टेयर तक भूमि वाले किसानों की संख्या 5035 तक है. लघु सीमांत किसान 5491 हैं. लघु सीमांत किसान वे हैं जिनके पास दो हेक्टेयर से ज्यादा तथा चार हेक्टेयर से कम जमीन है.
किसान मानधन योजना को ले किसानों में भारी उत्साह
किसान मानधन योजना का लाभ लेने के लिए किसानों में खासा उत्साह देखा जा रहा है. इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान आवेदन करने के लिए आवश्यक कागजात जहां जुटाने में लगे है. वहीं कॉमन सर्विस सेंटर, वसुधा केंद्र, इ किसान भवन आदि के अलावा किसान सलाहकार, कृषि समन्वयक आदि से संपर्क साधकर इस योजना का लाभ लेने के लिए प्रयासरत हैं.
किसानों का कहना है कि छोटी आमदनी के बावजूद इतने कम प्रीमियम पर यदि सरकार वृद्धा अवस्था में 60 के उम्र पार करने पर पेंशन का लाभ देती है, तो निश्चित रूप से अनिश्चितता के दौर में यह योजना उनके लिए जीने का आधार होगी. कृषि विभाग के पदाधिकारियों का भी कहना है कि इ किसान भवन, कॉमन सर्विस सेंटर, वसुधा केंद्र पर जाकर किसान मानधन योजना के लिए आवेदन कर सकते है.
क्या कहते हैं जेडीए
किसान मानधन योजना लघु एवं सीमांत किसानों, जिनकी जमीन दो हेक्टेयर से कम है, उनके लिए बुढ़ापे की लाठी साबित होगी. प्रमंडल में 90 फीसदी किसान लघु एवं सीमांत की श्रेणी में आते हैं. ऐसी स्थिति में 18 से 40 वर्ष के किसान 55 रुपये से दो सौ रुपये प्रति माह तक प्रीमियम देकर 60 वर्ष उम्र होने के बाद प्रति माह तीन हजार रुपये पेंशन प्राप्त कर बेहतर जीवन जी सकते हैं.
किसान अधिक से अधिक संख्या में आवेदन करें. इसके लिए पदाधिकारियों एवं कर्मियों को भी निर्देशित किया गया है कि वे किसानों को जागरूक करें. विज्येंद्र चौधरी, जेडीए, सारण

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