छपरा (सदर) : मंडल कारा की बंदी अब महात्मा गांधी की जीवनी तथा स्वतंत्रता संग्राम के दौरान उनके द्वारा विभिन्न विभागों व सहयोगियों को किये गये पत्राचार से अवगत कराया जायेगा. कारा विभाग के निर्देशानुसार सोमवार को मंडल कारा छपरा में काराधीक्षक मनोज कुमार सिन्हा के निर्देश में महात्मा गांधी के जीवन पर आधारित पुस्तक ‘एक था मोहन’ तथा दूसरी पुस्तक ‘बापू की पाती’ के वाचन का काम शुरू हुआ. यह कार्यक्रम लगातार दो अक्तूबर को महात्मा गांधी के जन्मदिन तक चलेगा.
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अब मंडल कारा के बंदी जानेंगे बापू की जीवनी
छपरा (सदर) : मंडल कारा की बंदी अब महात्मा गांधी की जीवनी तथा स्वतंत्रता संग्राम के दौरान उनके द्वारा विभिन्न विभागों व सहयोगियों को किये गये पत्राचार से अवगत कराया जायेगा. कारा विभाग के निर्देशानुसार सोमवार को मंडल कारा छपरा में काराधीक्षक मनोज कुमार सिन्हा के निर्देश में महात्मा गांधी के जीवन पर आधारित पुस्तक […]
पुस्तक वाचन का कार्य कारा में बंद बंदियों के द्वारा ही किया गया. काराधीक्षक के अनुसार इन दोनों पुस्तकों के अवलोकन से यह जाहिर हो रहा है कि महात्मा गांधी, जिन्होंने देश के स्वतंत्रता आंदोलन में नेतृत्व किया, उन्हें बचपन से लेकर आजादी व आजादी मिलने के बाद कई तरह के संघर्ष झेलने पड़े. कभी देश के अंदर तो कभी देश के बाहर उपेक्षा भी सहनी पड़ी.
बावजूद उनके द्वारा देश को आजाद कराने के अपने मिशन को प्राप्त करने में अपने सहयोगियों को एक सूत्र बांधकर अहिंसात्मक आंदोलन का हरदम प्रयास किया गया. इन दोनों पुस्तकों को बंदियों के बीच प्रतिदिन एक-एक पाठ वाचन का उद्देश्य बिना मानसिक बोझ के बंदियों को बापू के जीवन के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराना है.
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