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Education news from Samastipur:ई-शिक्षा कोष के कारण जा रही शिक्षकों की जान : शिक्षक संगठन

बीते साल भर में विभिन्न दुर्घटनाओं के शिकार होकर मारे गये शिक्षकों पर सरकार की निगाह नहीं है. सरकार शिक्षा के क्षेत्र में जो प्रयोग कर रही है वह अनुचित और अव्यवहारिक है.

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Education news from Samastipur:मोहिउद्दीननगर : बीते साल भर में विभिन्न दुर्घटनाओं के शिकार होकर मारे गये शिक्षकों पर सरकार की निगाह नहीं है. सरकार शिक्षा के क्षेत्र में जो प्रयोग कर रही है वह अनुचित और अव्यवहारिक है. यह आरोप सरकारी विद्यालय से जुड़े शिक्षकों के अलग-अलग संगठनों ने लगाया है. बीते सोमवार को विद्यालय जाने की जल्दबाजी में दुर्घटनाग्रस्त होकर जान गंवा चुके शिक्षक-शिक्षिका के प्रति शोक संवेदना व्यक्त करते हुए शिक्षकों ने मांग की कि शिक्षकों को ई-शिक्षा कोष पर हाजिरी बनाने की बाध्यता से मुक्त किया जाये. आवेदन के अनुरूप निकट विद्यालय में उनका स्थानांतरण किया जाये. इसे लेकर मंगलवार को उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कल्याणपुर बस्ती के सभागार में विभिन्न शिक्षक संगठन से जुड़े शिक्षकों की आपातकालीन बैठक हुई. अध्यक्षता एचएम संजीत ठाकुर ने की. संचालन शिक्षक नेता विकेश कुमार ने किया. शिक्षक नेताओं ने कहा कि समय पर विद्यालय पहुंचने के बावजूद नेटवर्क की कमजोरी के कारण शिक्षकों की ससमय हाजिरी भी नहीं बन पाती है. विद्यालय से छुट्टी का जो समय है, वह भी व्यावहारिक नहीं है. छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकों को 12:30 बजे कड़ी धूप का सामना करना पड़ता है. विद्यालयों में चिकित्सा की कोई व्यवस्था नहीं है. शिक्षकों एवं छात्र-छात्राओं को बीमार होने की आशंका बढ़ जाती है. कहा कि ई-शिक्षा कोष जानलेवा साबित हो रहा है. इससे समाज का शिक्षकों के प्रति अविश्वास बढ़ रहा है. शिक्षक नेताओं ने आरोप लगाया कि शिक्षकों के प्रति सरकार उदासीन और असंवेदनशील रवैया अपना रही है. इस दौरान दिवंगत शिक्षक अमरेंद्र कुमार राय व कामिनी कुमारी के सम्मान में दो मिनट का मौन रखकर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई. वहीं सरकार से दिवंगत शिक्षकों के परिजनों को उचित मुआवजे देने की मांग की गई. इस मौके पर उपेंद्र राय, धर्मेंद्र सहनी, चंदा कुमारी, मनोज कुमार, संजय कुमार, विकास कुमार, मुकेश रजक, अब्दुल्लाह अंसारी, नीरज कुमार, रंजीत पासवान मौजूद थे. इस दौरान शिक्षकों ने 12सूत्री मांगें रखी. इसमें ई-शिक्षा कोष पर बिफोर टाइमिंग अटेंडेंस की अनिवार्यता समाप्त करना, ई-शिक्षा कोष के बदले बायोमेट्रिक अटेंडेंस की व्यवस्था करना, ऐच्छिक स्थानांतरण की प्रक्रिया को शीघ्र लागू करना, शिक्षकों से सभी प्रकार के नॉन एकेडमिक वर्क पर पाबंदी लगाना, राज्य के सभी प्रखंड मुख्यालय में टीचर्स कॉलोनी की स्थापना करना आदि मांग शामिल हैं.

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