समस्तीपुर : अब शहर से लेकर कस्बों तक खुले निजी विद्यालयों की कुंडली खंगालने की शिक्षा विभाग ने पहल शुरू की है. सोमवार से निजी विद्यालयों की जांच पड़ताल का काम शुरु करने की जा कही गई है. जांच के दौरान सभी निजी विद्यालयों में शिक्षा विभाग के अधिकारी पहुंचेंगे. इस दौरान विद्यालय में मौजूद एक एक संसाधन की पड़ताल की जायेगी. यह देखा जायेगा कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम का निजी विद्यालय पालन कर रहे हैं कि नहीं.
इस अधिनियम के तहत कितने गरीब बच्चों का नामांकन किया गया है, इसकी भी पड़ताल की जायेगी. निजी विद्यालयों की जांच पड़ताल की जिम्मेदारी संभाग प्रभारी व जिले के सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को दी गई है. बीइओ निजी विद्यालयों की जांच कर एक सप्ताह के अंदर अपनी रिपोर्ट जिला शिक्षा कार्यालय को सौंपेंगे. जांच रिपोर्ट के आधार पर जिला शिक्षा कार्यालय आगे की कार्रवाई करेगा. जिले में शहर के लेकर कस्बे तथा गांवों में निजी विद्यालयों का जाल बिछा हुआ है.
निजी विद्यालयों में संसाधन की कमी को लेकर अक्सर शिकायतें मिलती रही हैं. हालांकि पिछले कई साल से शिक्षा विभाग निजी विद्यालयों का रजिस्ट्रेशन कर उन पर नकेल कसने में लगा हुआ है. लेकिन अभी तक विभाग को इसमें विशेष सफलता नहीं मिली है. बिना निबंधन कराये अभी भी काफी संख्या में निजी विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है. जिसे देखते हुये शिक्षा विभाग ने निजी विद्यालयों की स्कूल में ही जाकर कुंडली खंगालने की पहल की है.
इस संबंध में संभाग प्रभारी अजय कुमार ने बताया कि विभागीय निर्देश के आलोक में निजी विद्यालयों की जांच शुरु की जायेगी. 308 निजी विद्यालयों को प्रस्वीकृति नियमावली के तहत प्रदान की गयी है. वहीं 160 निजी विद्यालयों का नवीनीकरण होना था, लेकिन अब तक कई बार विभिन्न माध्यमों से सूचना देने के बावजूद मात्र 76 निजी विद्यालयों ने ही नवीनीकरण के लिए आवेदन किये हैं. जल्द ही 84 निजी विद्यालयों पर कार्रवाई के लिये मुख्यालय से पत्राचार किया जायेगा.