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बदला प्रावधान, अब घर घर में होगा शौचालय
समस्तीपुर : निर्मल भारत अभियान के तहत 2019 तक देश में खुले में शौच की प्रथा समाप्त करने के लिये जहां सरकार ने मनरेगा और पीएचइडी से अलग-अलग शौचालय बनाने का प्रावधान कर दिया है़ वहीं इसके निर्माण में इससे शौचालय निर्माण में तेजी आने की उम्मीद जगी है. वैसे जिले में शौचालय निर्माण की […]
समस्तीपुर : निर्मल भारत अभियान के तहत 2019 तक देश में खुले में शौच की प्रथा समाप्त करने के लिये जहां सरकार ने मनरेगा और पीएचइडी से अलग-अलग शौचालय बनाने का प्रावधान कर दिया है़ वहीं इसके निर्माण में इससे शौचालय निर्माण में तेजी आने की उम्मीद जगी है. वैसे जिले में शौचालय निर्माण की स्थिति बेहद ही निराशाजनक है़ स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत सरकार ने पांच वर्ष में इस योजना को पूरा करने का निर्देश दिया है़
बताते चलें कि पूर्व में शौचालय निर्माण के लिए मनरेगा योजना से 45 सौ और पीएचइडी से 46 सौ रुपये देने का प्रावधान था़ लाभार्थियों को नौ सौ रुपये का अंशदान देना पड़ता था़ इसके कारण निर्माण में गतिरोध आ रहा था़
नये निर्देश के मुताबिक मनरेगा व पीएचइडी से अलग-अलग शौचालय का निर्माण होगा़ मनरेगा का एजेंसी ग्राम पंचायत होगा और पीएचइडी अपने शौचालय का स्वयं एजेंसी होगा़ निर्माण की राशि 91 सौ से बढ़ाकर 12 हजार रुपये कर दिया गया है़ ग्रामीण विकास विभाग के सचिव प्रदीप कुमार ने प्राथमिकता के आधार पर गांवों में शौचालयों निर्माण का निर्देश दिया है़
स्वच्छ भारत मिशन मिशन (ग्रामीण) के तहत वित्तीय वर्ष 2015-16 में व्यक्तिक शौचालय निर्माण के लिये मनरेगा से 26 और पीएचइडी से 24 पंचायत का चुनाव किया गया है़
इस दोनों योजना में सभी प्रखंडों में प्रथम चरण में सभी प्रखंडों के पांच-पांच पंचायत का चयन किया गया है़ डीडीसी आरके शर्मा ने बताया कि मनरेगा व बीपीएल योजना से शौचालय निर्माण को अलग-अलग कर दिये जाने और निर्माण की राशि में बढ़ोतरी से अब शौचालय निर्माण में तेजी आयेगी़ इस योजना से जिले के सभी पंचायतों में तीन वर्ष में शौचालय निर्माण पूरा होने की संभावना है.
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