समस्तीपुर : जिला कोषागार पदाधिकारी के क्रियाकलाप के कारण 10 करोड़ 88 लाख 20 हजार 382 रुपये लैप्स कर गये. इससे करीब 21855 छात्र-छात्राएं सरकार की लाभुक आधारित कल्याणकारी योजनाओं की राशि से वंचित रह गये. ऐसा मानना है शिक्षा विभाग के लेखा व योजना संभाग के डीपीओ का. डीपीओ संजय कुमार चौधरी डीएम को पत्र देकर इस मामले से अवगत कराया है.
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10.88 करोड़ हुआ लैप्स
समस्तीपुर : जिला कोषागार पदाधिकारी के क्रियाकलाप के कारण 10 करोड़ 88 लाख 20 हजार 382 रुपये लैप्स कर गये. इससे करीब 21855 छात्र-छात्राएं सरकार की लाभुक आधारित कल्याणकारी योजनाओं की राशि से वंचित रह गये. ऐसा मानना है शिक्षा विभाग के लेखा व योजना संभाग के डीपीओ का. डीपीओ संजय कुमार चौधरी डीएम को […]
पत्र में डीपीओ ने कहा है कि 31 जनवरी की मध्य रात्रि तक जिला कोषागार पदाधिकारी से बच्चों से जुड़े 10 विपत्र पारित करने के लिए वे आग्रह करते रहे, लेकिन उनकी हठधर्मिता के कारण विपत्र पास नहीं हो सका और इतने बच्चों को इस राशि से वंचित रहना पड़ा. जानकारी के मुताबिक, शिक्षा विभाग व कल्याण विभाग से जुड़े विपत्र जिला कोषागार में जमा किये गये थे. 14 विपत्रों का टोकन हो जाने के बाद भी कोषागार पदाधिकारी द्वारा कहा गया कि इसे पारित नहीं करेंगे. कोषागार पदाधिकारी ने एक पत्र का हवाला देते हुए बताया कि तीन
बजे के बाद विपत्र पारित नहीं किया जायेगा.
बावजूद कोषागार में विपत्र पारित करने की प्रक्रिया चलती रही. डीपीओ लेखा व योजना से जुड़े कर्मियों की मानें तो करीब 10.30 बजे रात में विपत्रों को कोषागार से बाहर करते हुए कहा गया कि विपत्र पारित नहीं होगा. डीपीओ ने तत्क्षण इसकी जानकारी अपर समाहर्ता को दी. साथ ही डीएम को भी एसएमएस के माध्यम पूरे घटनाक्रम
से अवगत कराया. इस संबंध में कोषागार पदाधिकारी सुभाष कुमार ने बताया कि डीपीओ द्वारा एक तो ससमय विपत्र नहीं दिया गया. वहीं जो विपत्र उक्त संभाग से आया था. उसकी आवंटित राशि सिस्टम में अंकित नहीं होने के कारण उसे पारित करने में तकनीकी समस्या आ रही थी.
पीओ लेखा एवं योजना ने टीओ के कार्यकलापों की शिकायत की डीएम से
21855 छात्र-छात्राएं राशि से रह गये वंचित
वित्तीय कार्यों का निबटारा होगा ऑनलाइन
नये वित्तीय वर्ष 2018-19 में जो भी सरकार द्वारा विभागों को आवंटन प्राप्त होगा उसको सीएफएमएस प्रणाली के तहत सभी वित्तीय लेन-देन के कार्यों को ऑन लाइन किया जायेगा. यह जानकारी डीएम प्रणव कुमार ने देते हुए बताया कि इस आशय का निर्देश वित्त विभाग के अपर सचिव ने दी है. आवंटन का व्यय आदि का ब्योरा ऑन लाइन सिविल प्रशासन के अलावा पुलिस प्रशासन को भी देना होगा.
उन्होंने बताया कि इस व्यवस्था के लागू हो जाने से जो आये दिन गबन का मामला प्रकाश में आता था, वह सदा के लिए समाप्त हो जायेगा. कहीं से भी कंप्यूटर पर बैठकर पदाधिकारी अपने विभागीय स्तर पर निकासी एवं व्ययन कर वर्तमान स्थिति से अवगत हो सकते हैं. सीएफएमएस प्रणाली द्वारा दिये गये आवंटन के आधार पर ही वर्तमान व्यवस्था सीटीएमआइएस के तहत कोषागार में विपत्रों को पारित किया जा सकेगा. उन्होंने बताया कि जब तक इस व्यवस्था के तहत डाटा अपलोड नहीं हो जाता है,
तब तक उस विभाग को आवंटन प्राप्त नहीं हो सकेगा. केवल वेतन भुगतान के लिए आवंटन ही सरकार अब मुक्त करेगी. डीएम ने सभी विभाग के वरीय पदाधिकारी को निर्देश दिया है कि वे वित्तीय वर्ष का आवंटन समय पर प्राप्त करने के लिए जल्द-से-जल्द वित्त विभाग के निर्देशों का अनुपालन करें.
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