कुव्यवस्था.स्वच्छता का पाठ पढ़ा रहा शिक्षा विभाग अपने दफ्तर में ही ‘फेल’
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ऑफिस में गंदगी का अंबार
कुव्यवस्था.स्वच्छता का पाठ पढ़ा रहा शिक्षा विभाग अपने दफ्तर में ही ‘फेल’ आॅफिस में जगह-जगह पान का पिक व फैली गंदगी ‘स्वच्छ भारत अभियान को पंख देने की कवायद में जुटा जिला शिक्षा कार्यालय खुद गंदगी के बीच काम कर रहा है़ डीपीओ स्थापना कार्यालय के प्रवेश द्वार से लेकर काम करने के जगहों पर […]
आॅफिस में जगह-जगह पान का पिक व फैली गंदगी
‘स्वच्छ भारत अभियान को पंख देने की कवायद में जुटा जिला शिक्षा कार्यालय खुद गंदगी के बीच काम कर रहा है़ डीपीओ स्थापना कार्यालय के प्रवेश द्वार से लेकर काम करने के जगहों पर स्वच्छता संदेश का असर नहीं दिखता़ कार्यालय में एक भी ऐसा शौचालय नहीं है, जो स्वच्छ भारत मिशन को साकार करने की ओर इशारा करता हो़ कर्मी कार्यालय की दीवार पर ही पान, गुटका खाकर पिक मार देते हैं. कार्यालय में पड़े दस्तावेज तो ऐसा दिखता की सालों से उसे किसी ने छुआ तक नहीं हो़ ’
समस्तीपुर : पूरे देश में दो अक्तूबर से स्वच्छता पखवारा मनाया जा रहा है़ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर स्वच्छता के प्रति लोगों को शपथ भी दिलायी गयी. इस पखवारा को सफल बनाने का जिम्मा ले रखा शिक्षा विभाग स्वयं स्वच्छता के पाठ में फेल साबित हो रहा है. अधिकारी से लेकर कर्मियों का सफाई के प्रति कोई ध्यान नहीं है. शिक्षा विभाग के डीपीओ स्थापना दफ्तर में ही चारों तरफ गंदगी फैली हुई. सभी जगह पान व गुटखा का पिक फेंका हुआ दिख जाता है. विभागीय फाइल धूल चाट रही है.
स्कूली बच्चों को स्वच्छता का शपथ दिलाने वाला विभाग खुद इस मामले में फेल है. विभागीय अधिकारियों की इस लापरवाही का असर तो पड़ना ही है. शपथ सिर्फ कागजों पर सिमट कर रह गयी है और जमीन पर हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है़
अधिकारी से लेकर बाबू तक हैं बेपरवाह : सरकार लाखों रुपये खर्च कर सरकारी कार्यालय से लेकर शहर व गांव में स्वच्छता अभियान चला रखी है. इस अभियान को सफल बनाने के लिए सरकारी पदाधिकारियों व कर्मचारियों को सरकार द्वारा विशेष निर्देश दिया गया है़ सरकार के निर्देश का डीपीओ स्थापना कार्यालय में कोई असर नहीं है. कार्यालय के चारों ओर गंदगी का नजारा देखा जा सकता है़ कार्यालय के अंदर से लेकर बाहर तक जगह-जगह पान का पिक व गंदगी का अंबार लगा है़ इसे देखने के बाद ऐसा प्रतीत होता है कि कई साल से इसकी साफ सफाई नहीं हुई है़
इसी कार्यालय से जिलेभर में संचालित विद्यालय के शिक्षकों को पत्र निर्गत नियोजन व वेतन दी जाती है़ इसके साथ ही स्कूली बच्चों द्वारा स्वच्छता जागरूकता रैली निकालकर साफ-सफाई रखने का नारा दिया जाता है़ निर्धारित अवधि में कार्य पूरा करने का निर्देश भी शिक्षकों को दिया जाता है़ कार्यालय के चारों ओर फैले गंदगी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्वच्छता अभियान के नाम पर शिक्षा विभाग द्वारा केवल खानापूर्ति की जा रही है.
किसी ने भी नहीं की पहल : जिले के विद्यालयों में घूम-घूम कर स्वच्छता का संकल्प दिलाने वाले अधिकारियों के खुद का कार्यालय चिराग तले अंधेरा वाली हालत बयां कर रहा है़ पीएम सीएम के आह्वान पर एक दिन का भी स्वच्छता अभियान चला लेते तो हालत कुछ तो बदल जात़े अगर, अपने ही आसपास फैली गंदगी को एक दिन भी साफ करने की सोच इनमें पनपी होती तो स्वच्छ भारत का सपना कुछ सकार होता दिखता़ शायद इस दिशा में किसी ने कभी सोचा ही नहीं. बावजूद डीपीओ रामचंद्र मंडल कहते हैं कार्यालय में स्वच्छता का ख्याल रखा जाता है.
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