श्रीराम के बाल लीला का किया गया बखान राम कथा श्रवण करने से सारी व्यथा हो जाती है दूरः रामनयन महाराज सहरसा . राज्यकीय कन्या उच्च विद्यालय पूरब बाजार नलकूप परिसर में चल रहे श्रीराम कथा के तीसरे दिन शुक्रवार को वृंदावन धाम से आये आचार्य रामनयन महाराज ने भगवान श्रीराम की बाल लीला का बखान किया. राम कथा के दौरान उन्होंने बताया कि भगवान श्रीराम का जन्म अवध नरेश राजा दशरथ के यहां हुआ. श्रीराम के सभी अंग अत्यंत सुंदर थे. उनको देखते ही मन लुभा जाता था. राजा दशरथ व रानी कौशल्या के प्रेम में वशीभूत होकर श्रीराम पवित्र बाल लीला करते थे. कथा के क्रम में उन्होंने कहा कि एक बार माता कौशल्या ने श्रीराम को स्नान एवं श्रृंगार कर झूला पर सुला दिया व स्वयं स्नान कर अपने कुलदेव की पूजा कर नैवेद्य भोग लगाकर पाक गृह गयी. जब वह वापस लौट कर पूजा स्थल पर आयी तो उन्होंने देखा कि देवता को चढ़ाए गये नैवेद्य शिशुरूपी भगवान राम भोजन कर रहे हैं. जब उन्होंने झूला पर जाकर देखा तो वहां भी उन्होंने श्रीराम को झूले पर सोते पाया. इस तरह पूजा स्थल एवं झूला के पास उन्होंने कई चक्कर लगाया. दोनों जगह पर उन्होंने श्रीराम को पाया. इस दृश्य को देखकर माता कौशल्या डर गयी व कांपने लगी. माता की अवस्था देख श्रीराम ने माता को अपना अद्भुत रूप दिखाया. उन्होंने दिखाया कि उनके एक-एक रोम में करोड़ों ब्रह्मांड लगे हुए हैं. भगवान का विराट रूप देखकर कौशल्या माता प्रफुल्लित हो गयी एवं आंखें मूंदकर भगवान के चरणों पर गिर पड़ी. भगवान श्रीराम ने माता को बहुत समझाया एवं कहा कि हे माता यह बात आप किसी से ना कहेंगी. उन्होंने कहा कि कथा श्रवण करने से मनुष्य की सारी व्यथा दूर हो जाती है. सुख समृद्धि एवं शांति मिलती. राम कथा सुनने को लेकर काफी संख्या में भक्तजनों की भीड़ उमड़ रही है. राम कथा के दौरान गायक मंडली द्वारा भजन सुनाकर श्रद्धालुओं का मन मोहा जा रहा है. महायज्ञ के मुख्य यजमान डॉ प्राणमोहन सिंह एवं धर्मपत्नी डॉ नीलू सिंह द्वारा विधिवत पूजन किया गया. जिसके बाद मुख्य यजमान के साथ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश संगठन मंत्री धीरज कुमार, पप्पू सिंह फौजी, अभिजीत रघुवंशी द्वारा सामूहिक आरती की गयी. वहीं आयोजन समिति के सागर कुमार नन्हें के बताया कि महायज्ञ को सफल बनाने में सैकड़ो कार्यकर्त्ता लगे हुए हैं. महिला, पुरुष श्रद्धालुओं के बैठने की अलग अलग व्यस्था की गयी है. किसी भी श्रद्धालु को दिक्कत ना हो, इसके लिए कार्यकर्ताओं का विशेष ध्यान है. महायज्ञ को सफल बनाने में मुकेश सिंह, प्रशांत सिंह राजू, बुल्लू झा, पिंटू भगत टोपी वाला, प्रिंस सिंह, अंकित सिंह, अभिजीत रघुवंशी, मनीष चौपाल, गौरव सिंह, विनीत कुमार, समीर कुमार मिठू, ईशान सिंह, राणा चौधरी, रौनक सिंह, मोनू महाकाल, विनय मिश्रा, अभिषेक गुप्ता, बिट्टू गुप्ता, रवि सिंह, ऋषभ झा, गोलू सिंह, रिशु सिंह, कपिल यादव, रामप्रवेश महादेव, ऋषभ सिंह सहित अन्य कार्यकर्त्ता दिन रात लगे हैं.
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