पतरघट. क्षेत्र के पतरघट बाजार, पस्तपार बाजार, पामा, किशनपुर सुरमाहा, पहाड़पुर, धबौली, कहरा, कपसिया, विशनपुर, कहरा सहित सभी ग्रामीण क्षेत्रों में बुधवार को पशुपालकों के द्वारा गोवर्धन पूजा धूमधाम से मनायी गयी. इस दौरान पशुपालकों ने गोबर से निर्मित गोवर्धन महाराज की पूजा अर्चना कर गाय, बैल एवं भैंस की पारंपरिक तरीके से पूजा कर सुकराती पर्व मनाया. पशुपालकों ने औषधीय वनस्पतियों का काढ़ा भी पशुओं को पिलाया. प्रत्येक साल की तरह इस वर्ष भी दीपावली की दूसरी तिथि में अंतर होने की वजह से तीसरे दिन कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष पर प्रतिपदा तिथि को पशुपालकों द्वारा पखेब अर्थात गोवर्धन पूजा की गयी, जिसमें मुख्य रूप से पशुपालकों एवं किसानों द्वारा अपने-अपने गाय, बैल एवं भैंस को नहला धोकर विभिन्न रंगों का ठप्पा लगाकर आकर्षक बनाया और फूल माला, मौली रौली एवं चंदन तथा सिंग में तेल लगाकर श्रद्धाभाव के साथ पूजा अर्चना की. उसके बाद सभी मवेशी के गर्दन में बंधी पुरानी रस्सी को हटाकर रंग-बिरंगी नयी रस्सी को गले में पहनाया गया. साथ ही बैलों को औषधीय वनस्पतियों का सेवन कराया गया. इसके पीछे धार्मिक मान्यता है कि सालों भर मवेशियों के पेट में होने वाले कीड़े एवं इंड से सुरक्षा होती है. इस प्रकार के घोल से उसके हड्डियों को भी मजबूती मिलती है. यही नहीं गौशाला के इर्द-गिर्द गाय के गोबर से ही गौरी का स्वरूप बनाकर चौरठ व धान से पूजा-अर्चना भी की गयी, जबकि दर्जनों जगहों पर शाम में हुरियाहा का भी आयोजन किया गया.
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