सहरसा : सिटीनगर परिषद की उपसभापति रंजना सिंह ने जिलाधिकारी को आवेदन देकर कई वार्डों में हुए बीआरजीएफ, राज्य चतुर्थ व नप योजना में लूट खसोट का आरोप लगा जांच की मांग की है. आवेदन में उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2013-14 में बीआरजीएफ, राज्य चतुर्थ, नप मद की आठ योजना में बिना कार्य कराये संवेदक व कनीय अभियंता की मिलीभगत से लाखों रुपये की निकासी कर ली गयी.
उन्होंने कहा कि स्थलीय जांच में पाया गया कि दो इंच पीसीसी ढ़लाई है और सड़क जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है. उपसभापति ने कहा कि इसमें अहम भूमिका कनीय अभियंता ललित कुमार की है जो वर्षों से फर्जी तरीके से नगर परिषद में कार्यरत हैं. जबकि वर्ष 2014 में ही पटना उच्च न्यायालय ने उन्हें हटा दिया था. इसके बावजूद वह नप में कार्यरत हैं.
आठ योजना में धांधली उपसभापति ने डीएम को आठ योजनाओं की सूची देते हुए जांच की मांग की है. सूची में वार्ड नंबर-30 में नप मद से हुई पावस झा के घर से नेहरू युवा केंद्र तक ईंट सोलिंग व पीसीसी कार्य, वार्ड नंबर-22 में नप मद से एसके झा के घर से बजरंगबली मंदिर तक हुए पीसीसी कार्य, वार्ड नंबर-33 में नप मद से हुए
शिवनंदन राय के घर से दिनेश सिंह के घर तक सोलिंंग, पीसीसी कार्य, वार्ड नंबर-19 में नप मद से हुए पीसीसी से ज्ञानचंद्र झा के जमीन तक व स्व अशोक कामेश के घर से बस स्टैंड गेट की ओर जाने वाली पथ में पीसीसी कार्य, वार्ड नंबर-26 में राज्य चतुर्थ मद से लाल मोहन चौधरी के घर होते हुए विलास शर्मा के घर तक पीसीसी कार्य, वार्ड नंबर-22 में बीआरजीएफ मद से हुए शंकर गुप्ता के घर से चतुर्भुज केसरी के घर तक मिट्टी सोलिंग एवं पीसीसी कार्य, वार्ड नंबर-पांच में बीआरजीएफ मद से हुए अवध साह के घर से जनार्दन साह के घर तक पथ में पीसीसी कार्य, वार्ड नंबर-23 में बीआरजीएफ मद से हुए राजेन्द्र यादव के घर से महेन्द्र यादव फौजी के घर तक सड़क में मिट्टी सोलिंग व पीसीसी कार्य में लूट-खसोट का आरोप लगाते जांच की मांग की है.
उन्होंने डीएम से कमेटी गठित कर योजनाओं का स्थल जांच कराते दोषी संवेदक व कनीय अभियंता पर कार्रवाई करने की मांग की है. उन्होंने जांच कमेटी में डूडा के कार्यपालक अभियंता को रखने की भी मांग की है. उपसभापति ने पत्र की प्रतिलिपि प्रमंडलीय आयुक्त, नगर विकास विभाग के सचिव, मुख्यमंत्री, निगरानी विभाग व लोकायुक्त पटना को भी दी है.