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उत्सव: दर्शकों को याद रहेंगे चरण दास चोर के पांच वचन

उत्सव: दर्शकों को याद रहेंगे चरण दास चोर के पांच वचन पूर्व क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र कोलकाता व संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार की प्रस्तुतिसंत लक्ष्मीनाथ गोसाई कला भवन में हुआ आयोजनप्रतिनिधि, सहरसा नगरसुपर बाजार स्थित संत लक्ष्मीनाथ गोसाई कला भवन में शुक्रवार को पूर्व क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र कोलकाता व संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार द्वारा संयुक्त रूप […]

उत्सव: दर्शकों को याद रहेंगे चरण दास चोर के पांच वचन पूर्व क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र कोलकाता व संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार की प्रस्तुतिसंत लक्ष्मीनाथ गोसाई कला भवन में हुआ आयोजनप्रतिनिधि, सहरसा नगरसुपर बाजार स्थित संत लक्ष्मीनाथ गोसाई कला भवन में शुक्रवार को पूर्व क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र कोलकाता व संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार द्वारा संयुक्त रूप से नाट्य उत्सव का आयोजन किया गया. इसमें प्रख्यात नाट्य लेखक हबीव तनवीर की रचना चरण दास चोर का मंचन किया गया. रंग निर्देशक हरिशंकर गुप्ता के निर्देशन में बेगुसराय की नवोदित नाट्य संस्था के कलाकारों ने जीवंत प्रस्तुति देकर दर्शकों का मन मोह लिया. प्रेरक है चोर की कहानीचरण दास चोर के की कहानी अभिनेता अजय कुमार सुमन के ईद-गिर्द घूमती है. इसमें चोरी के दौरान पुलिस से भागते चरण दास की मुलाकात एक बाबा से होती है, जिसे चरण दास अपना गुरु मान लेता है. इसके बाद गुरु द्वारा चरण को पांच प्रण दिलाये जाते हैं. इसमें सोने की थाली में नहीं खाउंगा, हाथी की सवारी नहीं करुंगा, किसी रानी से शादी नहीं करुंगा, देश का राजा नहीं बनूंगा व हमेशा सत्य ही कहुंगा शामिल है. नाटक से मिलता है संदेशनाटक के दौरान चरण दास को अपने सभी प्रणों से दो चार होना पड़ता है. इसके बावजूद चरण दास ने कभी अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया. वचनबद्ध रहने की वजह से चरण दास को अंतत: अपनी जान भी गवांनी पड़ी. नाटक में चोर की सच्चाई व सामंतवादी वर्ग पर कड़ा प्रहार किया गया है. पात्रों ने अभिनय में भर दी जानचरण दास चोर के मंचन के दौरान सभागार में मौजूद दर्शक पात्रों के अभिनय में डूबे रहे. हरिकिशोर ने हवलदार, सनोज शर्मा ने सेठ, रवि रंजन ने गुरु, प्रणय ने शराबी व पुजारी, बलिराम ने मंत्री, छोटू ने जुआरी, दिलीप ने मुंशी, शिल्पी ने रानी व उमाशंकर ने सैनिक की भूमिका निभायी. संगीत पक्ष की जिम्मेवारी अवधेश पासवान, नाल पर सुरारी कुमार व सहयोग बंटी कुमार का रहा. नाटक की समाप्ति के बाद वरिष्ठ रंगकर्मी सुधांशु शेखर ने सभी कलाकारों को मोमेंटों व बुके प्रदान किया. फोटो-नाटक 8 से 10 एवं 12- चोर चरण दास की प्रस्तुति करते रंगकर्मीहिंसा पर प्रहार करती है संगीता की नाटक दो औरतेंआशीर्वाद रंग मंडल बेगुसराय ने की प्रस्तुतिसहरसा नगरसंत लक्ष्मीनाथ गोसाई कला भवन के सभागार में शुक्रवार को आशीर्वाद रंग मंडल बेगुसराय द्वारा लेखिका संगीता सेठी की रचना दो औरतें का मंचन किया गया. निर्देशक अमित रौशन के निर्देशन में हुए नाटक के मंचन में हिंसा पर प्रहार करते हुए समाज के लिए सकारात्मक संदेश दिया गया है. नाटक में एक औरत के बेटे की हत्या दूसरे औरत के बेटे के द्वारा कर दी जाती है. इसके बाद आरोपी को जेल हो जाती है. जहां बीमारी की वजह से उसकी मौत भी हो जाती है. नाटककार ने दोनों महिला की मन: स्थिति को बखूबी मंच पर उतारने की कोशिश की है, जब दोनों औरतों ने अपने बेटे को खो दिया है. नाटक में रिंटू कुमारी ने दो परिवार के आपसी बिखराव का सजीव चित्रण किया है. नाटक के दौरान दर्शकों की एकाग्रता लगातार बनी रही. मकसुदन कुमार, कुणाल भारती, रौशन कुमार ने बेहतर अभिनय किया. वहीं संगीत अवधेश कुमार व प्रकाश कुंदन कुमार ने संभाल. इस मौके पर वरिष्ठ रंग कर्मी अभय कुमार मनोज ने कलाकारों को मोमेंटों व बुके देकर सम्मानित किया. केंद्र के कार्यक्रम अधिकारी डॉ तापस, सामंतो रॉय, समन्वयक महेंद्र कुमार, अशोक वैरागी सक्रिय रहे. कार्यक्रम का संचालन निरंजन कुमार ने किया.फोटो-नाटक 11 व 13- दो औरत नाटक का मंचन करते बेगुसराय के कलाकार

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