सहरसा सिटी : दरभंगा प्रक्षेत्र के आइजी अमित जैन रविवार को पुलिस कार्यालय व पुलिस लाइन पहुंचे व कार्यों की समीक्षा की. आइजी ने समीक्षा के दौरान पुलिस कार्यालय के विभिन्न शाखाओं के अभिलेख संधारित हैं या नहीं, इसकी जांच कर संबंधित कर्मी को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि समीक्षा के दौरान 450 कांड लंबित पाया गया है, जो पुलिस अभिलेख से गायब था.
अभियोजन कोषांग के कामों को असंतोषजनक बताते उन्होंने कहा कि स्पीडी ट्रायल व गवाहों की उपस्थिति मानक के अनुरूप नहीं है. पुलिस मुख्यालय द्वारा भी पूर्व में कई दिशा-निर्देश दिये गये थे. सदर अनुमंडल क्षेत्र में 148 कांड पर्यवेक्षण के लिए लंबित हैं. पुलिस अधीक्षक को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया है. आइजी ने कहा कि ऐसे पदाधिकारी जिनका तबादला अन्यत्र हो गया है, लेकिन उनके द्वारा कांड का प्रभार नहीं सौंपा गया है.
उनकी सूची बनाकर एसपी को संबंधित पदाधिकारी को कांड का प्रभार सौंपने का निर्देश देने को कहा गया है. इसके बावजूद यदि कोई पदाधिकारी प्रभार नहीं सौपेंगे, तो उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जायेगी. नाराजगी व्यक्त करते अाइजी ने कहा कि वारंट, कुर्की व चरित्र सत्यापन से जुड़े कितने मामले थाना में लंबित हैं. इसका कोई लेखा-जोखा नहीं है. एसपी को पुलिस कार्यालय व थाना में लेखा-जोखा रखने व स्वयं थाना जाकर कांडों की समीक्षा करने का निर्देश दिया.
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मधेपुरा में कई घटनाएं हुई है. वहीं सहरसा में हुई लूट का पुलिस ने उद्भेदन कर दिया है. कई अपराधी जेल जा चुके हैं. हत्या मामले में पुलिस अनुसंधान कर रही है. अनुसंधान में समय लगता है, लेकिन जल्द ही उद्भेदन कर लिया जायेगा. समीक्षा के दौरान डीआइजी एनकेपी सिंह, एसपी विनोद कुमार, एएसपी मृत्युंजय चौधरी सहित अन्य मौजूद थे.